मेडिटेशन यानी कि ध्यान की कला प्राचीन काल से मौजूद है, हालांकि बीते कुछ सालों से मेडिटेशन योग का अहम हिस्सा बन गया है। अक्सर आपने सुना होगा कि कई लोग अपने जीवन की चिंताओं से निजात पाने के लिए चिकित्सक की सलाह पर मेडिटेशन की प्रक्रिया को अपनी जीवन शैली में शामिल करते है। जानकारों का यह भी मानना है कि एक स्वस्थ मन और शरीर के लिए मेडिटेशन अहम माना गया है। आइए जानते हैं योग इंस्ट्रक्टर अनुष्का बापट से कि कैसे शरीर और मन को सेहतमंद रखने के लिए मेडिटेशन को अपनाना क्यों जरूरी है।
मन से जुड़ा शरीर का नाता
योग एक्सपर्ट अनुष्का कहती हैं कि मन और शरीर एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अगर आपका मन स्वस्थ्य रहता है, तो इसका सीधा असर आपके शरीर पर पड़ता है। मन की सकारात्मक ऊर्जा सीधे तौर पर हमारी सोच में भी अच्छे बदलाव लाती है, जो कि शरीर को लाभ पहुंचाता है। इसलिए मेडिटेशन के दौरान मन और शरीर को एक साथ फायदा मिलता है, क्योंकि मेडिटेशन की प्रक्रिया अंदरूनी तौर पर मन के साथ शरीर के भिन्न अंगों को भी शांत करती हैं। मेडिटेशन यानी कि ध्यान करने से मन शांत होता है। मन शांत होने से शरीर भी ठीक होता है। एनर्जी लेवल बढ़ती है। नकारात्मक विचार कम आते हैं।
अच्छी नींद देगी लंबी उम्र
मेडिटेशन का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे नींद अच्छे से आती है। अगर किसी को अनिद्रा की समस्या है या फिर कोई अधिक चिंता में रहता है। यहां तक कि शरीर की थकावट को दूर करने के लिए भी मेडिटेशन की भूमिका है। अनुष्का कहती हैं कि अगर आप अच्छी नींद लेंगी, तभी आपकी उम्र लंबी होगी। आप निरोगी रहेंगे। इसलिए जरूरी मेडिटेशन के जरिए हर दिन अपने मन के साथ शरीर को भी पूरी तरह से चिंता मुक्त रखा जाए।
ब्लड प्रेशर,हार्ट अटैक और चिंता का उपचार
योग इंस्ट्रक्टर अनुष्का बापट यह भी बताती हैं कि मेडिटेशन कई गंभीर बीमारी से भी हमारा बचाव करती है। खासतौर पर ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक के मरीजों को चिकित्सक द्वारा मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है। यहां तक इससे मानसिक और शारीरिक चिंता भी ठीक होती है। योग का सबसे अहम भाग मेडिटेशन को भी माना जाता है। ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के उपचार के लिए मेडिटेशन भी एक दवाई के तौर पर काम करती है।
मेडिटेशन से मन की अशांति खत्म
अनुष्का कहती हैं कि ऐसा कई बार होता है कि व्यस्त जीवनशैली का असर हमारे तन और मन दोनों पर पड़ता है। खासतौर पर मानसिक थकावट बढ़ जाती है। मन कई बार अस्थिर हो जाता है। ऐसे में अपना ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता लाने के लिए भी मेडिटेशन जरूरी है। मेडिटेशन से मन की अशांति खत्म हो जाती है।