सेहत का खजाना रसोई घर में छुपा हुआ है, फिर आपको इसके लिए अलग से प्रोटीन का सेवन करने की जरूरत नहीं है। आपने यह सलाह कई बार अपनी दादी-नानी से सुनी होगी, लेकिन क्या आपने इस सलाह पर गौर कर इसे आजमाने की कोशिश की है ? अगर नहीं की है, तो आपको एक बार जरूर अपने खाने की थाली को प्रोटीन से भरे बीन्स से सजाना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं बीन्स के बारे में कि ये कितने प्रकार के होते हैं और इनकी खूबियां क्या-क्या होती हैं।
क्या हैं बीन्स
आपने दाल के कई प्रकार के बारे में सुना होगा और बीन्स दाल के परिवार का एक खास सदस्य है। कई जगहों पर बीन्स को मोटा अनाज या भी मोटी दाल भी कहा जाता है। दाल में जहां प्रोटीन पाया जाता है, वहीं बीन्स को आप कुदरती प्रोटीन बोल सकती हैं। बीन्स में प्रोटीन के साथ कार्बोहाइड्रेट भी होता है। कई बार चिकित्सक शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए बीन्स को खाने की सलाह देते हैं। बीन्स को आप दाल या फिर सब्जी की तरह बनाकर भारतीय मसालों के साथ स्वादिष्ट बना सकती हैं। बीन्स कई प्रकार के होते हैं और आप अपनी पसंद और स्वाद के अनुसार इनका चुनाव कर खुद के लिए सेहतमंद प्रोटीन की थाली तैयार कर सकती हैं।
किस बीन्स में है कितना प्रोटीन
बीन्स को हिंदी में फलियां भी कहा जाता है। बीन्स में विटामिन बी, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन ई की संख्या सबसे अधिक होती है। बीन्स में फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती है और इसी वजह से यह लंबे समय तक आपका पेट भरा हुआ रखता है। आप चाहे, तो इसे उबाल कर सलाद के रूप में इसका सेवन कर सकती हैं या फिर सब्जी की तरह मसालों के साथ पकाकर भी रोटी या फिर चावल के साथ इसका सेवन कर सकती हैं,हालांकि जानकारों का मानना है कि बीन्स का अधिक सेवन आपके पेट को कब्ज जैसी समस्या भी दे सकता है।
बीन्स के प्रकार
बीन्स को सेहत से भरपूर माना जाता है, लेकिन सबसे अच्छे बीन्स की बात की जाये, तो छोले, राजमा, सोयाबीन, काले बीन्स के साथ हरे बीन्स भी शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार हरे बीन्स की डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद बताया गया है। माना गया है कि हरे बीन्स में फैट नहीं होता है। इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता( इम्यून सिस्टम) को भी बढ़ाता है। हरे बीन्स दिल को सेहतमंद रखने के साथ फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। छोले, चने, राजमा और सोयाबीन में भी प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जानकारों का मानना है कि बीन्स में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कि गंभीर बीमारियों के लिए भी बेहतर पर्याय साबित हो सकता है।
खाने की थाली में बीन्स के फायदे
माना गया है कि बीन्स में आयरन, कॉपर और मैंगनीज के तत्व पाए जाते हैं, जो कि सेहत के लिए सही है। बीन्स के सेवन से एनर्जी का स्तर शरीर में बना रहता है और जल्दी भूख भी नहीं लगती है। इस वजह से बीन्स को दोपहर के खाने में खाने की सलाह अधिक दी जाती है, लेकिन कौन-सी बीन्स को कब और कितनी मात्रा में सेवन करना है, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए। ऐसे में शरीर में प्रोटीन का लेवल बनाने के लिए कितने बीन्स का सेवन करना चाहिए, यह जानने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का खजाना बीन्स
शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन कई बार बड़ी समस्या हो जाती है। केवल हरी सब्जियों और दाल के जरिए ही वे प्रोटीन का सेवन कर पाती हैं। ऐसे में आपके लिए एक कटोरी बीन्स फायदेमंद हो सकता है। बीन्स के जरिए आपको कई जरूरी प्रोटीन के तत्व आसानी से मिल जाते हैं। जरूरी है कि आप अपनी खाने की थाली में काला चना, छोले, मूंग, मसूर, और राजमा के साथ सोयाबीन को भी एक तय मात्रा में सेवन कर सकती हैं। जानकारों के मुताबिक 1 कटोरी बीन्स का सेवन हर दिन करना चाहिए। आप चाहें, तो कई सारे बीन्स को एक साथ रात भर भिगोकर सुबह इसे उबाल कर अपनी इच्छा अनुसार मसालों का इस्तेमाल करके उबाल सकती हैं।
रसोई घर के लिए जरूरी
रसोई घर में कई बार सब्जी न होन पर या फिर दाल के बजाए आप बीन्स की सब्जी बनाकर इसका सेवन कर सकती हैं। बीन्स की खूबी यह है कि इसे लंबे समय के लिए भी किसी डिब्बे में बंद करके रखा जा सकता है। बीन्स को खान-पान में शामिल करने से त्वचा, बाल के साथ सेहत को पूरी तरह से सुरक्षित घेरा मिलता है। शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।