कभी बॉस की डांट पड़ जाए या किसी काम में आप बुरी तरह फंसे हैं. उस समय आपको किसी ने एक बाइट डार्क चॉकलेट की खिला दी और अचानक आपका मूड रिलैक्स हो जाता है और आप नई ताज़गी के साथ काम करने लग जाती हैं. कभी-कभी अखरोट का एक टुकड़ा भी आपकी पूरी थकान मिटा देता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है कि खाने की कुछ चीज़ें हमें स्ट्रेस से छुटकारा दिलाने का काम करती हैं. अध्ययन बताते हैं कि आप जैसे-जैसे पोषक तत्व भोजन के रूप में लेते हैं, इसका असर आपके शरीर के न्यूट्रल सर्किट्स पर होता है. न्यूट्रल सर्किट्स ही आपके इमोशन, मोटिवेशन और मूड को कंट्रोल करता है. यही वजह है कि कई बार जब ज़्यादा काम करने से या फिर किसी और वजह से आपको ऐंग्ज़ाइटी हो रही होती है तो कुछ खाद्य पदार्थ यानी फ़ूड आइटम्स खाने से आपको सुकून महसूस होता है. तो आइए, ऐसी कुछ स्ट्रेस से छुटकारा दिलाने वाली हेल्दी चीज़ों के बारे में जान लेते हैं.
डार्क चॉकलेट
अब चॉकलेट का नाम आते ही आपके ज़ेहन में यह ख़्याल आ सकता है कि भला चॉकलेट कैसे हेल्दी हो सकती है? लेकिन डार्क चॉकलेट को लेकर यह ग़लतफ़हमी सही नहीं है. डार्क चॉकलेट हेल्दी फ़ूड कहलाता है. लेकिन तभी तक, जब आपको इसको एक सीमित मात्रा में खाएं. अगर आपने एक दिन में ही ज़्यादा डार्क चॉकलेट खा ली तो फिर ये आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है. दरअसल, डार्क चॉकलेट में स्ट्रेस को कम करने की शक्ति होती है. रिसर्च कहती है कि यह हॉर्मोनल स्ट्रेस को घटाता है. फिर कोकोआ में जो ऐंटी ऑक्सिडेंट्स होते हैं, वह रक्त नलिकाओं यानी ब्लड वेसेल्स को रिलैक्स करते हैं. साथ ही ब्लड प्रेशर को भी घटाते हैं, जिससे ब्लड,सर्कुलेशन बेहतर होता है. इसलिए ऐसी डार्क चॉकलेट, जिसमें 70 प्रतिशत से ज़्यादा कोकोआ हो, उसे अपने लिए चुनें.
बीज या सीड्स
इन दिनों हर डायटीशियन यही राय देती हैं कि अपनी डायट में कोई न कोई सीड्स ज़रूर शामिल करें, क्योंकि इनके कई सारे सेहत से जुड़े फ़ायदे हैं. फ़्लेक्स सीड्स, पम्पकिन सीड्स, सन फ़्लावर सीड्स और ऐसे कई और सीड्स में मैग्नेशियम की अच्छी मात्रा होती है, साथ ही इसमें जो मिनरल्स होते हैं, वह इमोशन को अच्छे से रेग्युलेट करते हैं. मैग्नेशियम डिप्रेशन जैसी परेशानी को या फिर बात-बात पर होनेवालीचिड़चिड़ाहट में भी बहुत फ़ायदा पहुंचाता है. इसलिए ये रिलैक्स करने वाले फ़ूड केटेगरी का हिस्सा है.
काजू
काजू खाकर किसका दिल ख़ुश नहीं होगा? यह होता ही इतना स्वादिष्ट है, पर साथ ही बहुत सेहतमंद भी होता है. हां, ज़्यादा मात्रा में इसे भी नहीं खाया जाना चाहिए. काजू हमें सेहत से जुड़े कई फ़ायदे पहुंचाता है, जैसे- यह बेचैनी जैसी परेशानी को बहुत अच्छे से कम करता है. इसलिए डॉक्टर्स जिन्हें ऐंग्ज़ाइटी की प्रॉब्लम होती है या जो किसी काम पर फ़ोकस नहीं कर पाते हैं या फिर जिनको बात-बात में ग़ुस्सा आता है, उन्हें कम से कम आठ हफ़्तों के लिए लगातार सीमित मात्रा में काजू खाने की देते हैं. काजू में ओमेगा थ्री ऐसिड्स के साथ साथ प्रोटीन भी होता है. ऐसे में यह आपके स्ट्रेस को घटाने में बहुत सहायक होता है.
संतरा
संतरे यानी ऑरेंज में विटामिन सी के गुण तो होते ही हैं, साथ ही यह स्ट्रेस लेवल को कम करने में भी काफ़ी सहायक होता है. यह आपके इम्यून सिस्टम को भी अच्छा करता है. संतरा तनाव को कम करने के लिए भी जाना जाता है क्योंकि यह स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को कंट्रोल करता है.
अंडा
अंडे में कई सारे पोषक तत्व होते हैं. यह आपके मूड रेगुलेशन और डिप्रेशन को घटाने में काफ़ी सहायक है. अंडे में असिथिकोलिन होता है, जो ब्रेन में न्यूरो ट्रांस्मीटर के रूप में काम करता है और यह आपके मूड को अच्छे से रेग्युलेट करता है, जिससे तनाव यानी स्ट्रेस की स्थिति में राहत मिलती है.
ग्रीन टी
ग्रीन टी एक बेहतरीन ऐंटी ऑक्सिडेंटडेंट प्रोडक्ट है और इस बात से तो हम सभी वाक़िफ़ भी हैं. इसलिए ग्रीन टी कॉफ़ी या चाय से बेहतर होती है. दिनभर में अगर दो बार भी ग्रीन टी ली जाए तो यह आपके मूड को चीयर-अप करती है. साथ ही सिगरेट, ऐल्कहॉल जैसी बुरी लतों को छुड़वाने में भी मदद करती है.
हल्दी
हल्दी में कई पोषक तत्व होते हैं. यह हॉर्मोन्स का संतुलन साधने में कारगर होता है. इसलिए अपने खाने में या चाय में हल्दी का इस्तेमाल रोज़ाना करना ही चाहिए.
दूध
दूध विटामिन डी का महत्वपूर्ण स्रोत है. साथ ही यह लोगों में पैनिक अटैक्स की परेशानी से निजात दिलाने में कारगर है. जिन लोगों में विटामिन डी की कोई कमी नहीं होती है, उनमें पैनिक की परेशानी होने की भी गुंजाइश कम होती है. रात के समय गुनगुना दूध पीने से नींद भी अच्छी आती है.
ब्लूबेरीज़
बेरीज़ में जो ऐंटी ऑक्सिडेंट्सऔर पोषक तत्व होते हैं, वह आपकी बॉडी को स्ट्रेस से लड़ने के लिए तैयार करते हैं. इसलिए अपनी डायट में इन्हें ख़ासतौर से शामिल करना चाहिए.
ओटमील
ओटमील वेट लॉस में तो बहुत मदद करता ही है. साथ ही, यह आपकी स्ट्रेस को भी कम करता है. कई बार स्ट्रेस की वजह से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, ऐसे में ओटमील आपके शुगर लेवल को कंट्रोल कर आपके स्ट्रेस को भी कंट्रोल करता है.