मिठाइयां, भोग और ढेर सारे व्यंजनों के साथ दुर्गा पूजा का त्योहार अभी ठीक से खत्म भी नहीं हुआ है, लेकिन यदि आपके स्वास्थ्य के साथ आपके चेहरे पर उसका प्रभाव साफ नजर आ रहा है, तो वक्त है अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का। आइए जानते हैं इसके लिए आप कौन से तरीके अपना सकती हैं।
उत्सव भुलाकर मिठाइयों से नाता तोड़िए
इसमें दो राय नहीं कि दुर्गा पूजा के दौरान आपने न सिर्फ जी भरकर खाया-पिया होगा, बल्कि रात-रात भर घूमकर पंडालों में देवी दुर्गा की झांकियां भी खूब देखी होंगी। हालांकि इसी के साथ आपका मन बेहद प्रसन्न होगा, लेकिन हो सकता है आपका शरीर, आपसे थोड़ा नाराज हो। हालांकि शरीर की नाराजगी ड्राय स्किन, थके मन, एसिडिटी और सुस्ती के जरिए आसानी से लगा सकते हैं। वैसे आपकी हल्की सी कोशिश, आपके शरीर को पहले की तरह ऊर्जावान, खुश और तरोताजा बना सकती है, लेकिन इसकी शुरुआत करने से पहले आपको उत्सव का मोह छोड़कर गरिष्ठ भोजन और मिठाइयों से नाता तोड़ना होगा और अपने शरीर को डिटॉक्स करना होगा। अगर आप डिटॉक्स का मतलब भूखे रहने से लगा रही हैं, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। डिटॉक्सिंग के लिए आपको खाना-पीना छोड़कर भूखा रहने की बिल्कुल जरूरत नहीं हैं, बल्कि अनुशासन के साथ अपने खाने-पीने पर ध्यान देते हुए अपने शरीर को डीटॉक्सिफाई करते हुए पुरानी रौनक लौटानी है।
डिटॉक्सिफिकेशन से पहले शरीर की परेशानियां समझें
गौरतलब है कि डिटॉक्सिफिकेशन के अंतर्गत सबसे पहले आपकी किडनी, लंग्स, इंटेस्टाइन, स्किन और ब्लड से सारी गंदगी बाहर निकाली जाती है, जो आपके शरीर को सुस्त, परेशान और बोझिल बनाए हुए थे। डिटॉक्सिफिकेशन, आपके मेटाबॉलिज्म सिस्टम को तेज करके आपको बेहतर स्वास्थ्य की गारंटी देने के साथ और कई फायदे भी देता है। पहला फायदा है आपका नियंत्रित वजन. त्योहार के दौरान हम अपने स्वास्थ्य की बजाय स्वाद पर इतना ज्यादा ध्यान देते हैं कि कब हमारा वजन बढ़ गया, हमें पता ही नहीं चलता। ऐसे में जब तक आप अपने शरीर को डिटॉक्स नहीं करेंगी, तब तक आप थोड़ा सा भी खाएंगी तो उससे आपका वजन अनियंत्रित हो ही जाएगा। इसके अलावा एक सिमित समय के दौरान अधिक मिठाई खाना आपके शरीर में इंसुलिन प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकता है।
छोटी बीमारियां, न बन जाएं बड़ी
दरअसल जब आप अचानक ज्यादा मीठा खाने लगती हैं तो आपके शरीर को अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाना पड़ता है, जिसके कारण आपके पैनक्रियाज पर बोझ बढ़ जाता है। और अगर समय रहते आपने इस पर ध्यान नहीं दिया तो इससे आपको लंबे समय के लिए थकान, डायबिटीज या अन्य बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। त्योहारों के बाद अपने शरीर को डिटॉक्स करने की जरूरत इसलिए भी है, क्योंकि इस दौरान जब हम बाहर निकलते हैं, तो कई लोगों के संपर्क में आते हैं, जिनसे हमें कई बीमारियां भी हो सकती हैं। अपने शरीर को डिटॉक्स करके हम उन बीमारियों और परेशानियों से भी बच सकती हैं। इसके अलावा डिटॉक्स से आपकी इम्युनिटी भी बूस्ट होती है, जिससे हार्ट डिजीज या स्ट्रोक के चांसेस भी कम हो जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि गलत खान-पान और एक्सरसाइज की कमी से शरीर का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे नींद की समस्या के साथ वॉटर रिटेंशन, ब्लोटिंग, गैस, थकान, साइनस, सिरदर्द और मसल दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
डॉक्टर की सलाह पर करें अमल
यदि आपको कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियां जेनेटिक हैं, तो आपके लिए डिटॉक्सिंग बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करती हैं, तो हो सकता है स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको इसका ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़े। दरअसल कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों में वजन का नियंत्रित रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में त्योहारों के बाद अपने शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ आप इस बात का भी खास ख्याल रखें कि आप समय-समय पर अपना वजन चेक करते हुए, डॉक्टर के पास जाकर कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर भी चेक करवाती रहें। डॉक्टर आपके स्वास्थ्य को आपसे बेहतर जानते हैं, ऐसे में उनकी सलाह पर काम करते हुए अपने शरीर को एनर्जेटिक और स्वस्थ रखने के लिए जल्द-से-जल्द बैलेंस्ड डाइट लेनी शुरू कर दें। हालांकि त्योहारों के बाद अपने स्वास्थ्य को बेहतर स्थिति में लाने के लिए बैलेंस्ड डाइट के साथ शरीर को डिटॉक्स करने जैसी कुछ अच्छी आदतें अपनाई जानी बेहद जरूरी हैं।
घर के बने भोजन को दें प्राथमिकता
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है ताजे फलों के साथ ढेर सारी सब्जियों का सेवन करना। विटामिन, मिनरल्स, फाइबर जैसे पोषक तत्वों के साथ ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां आपके शरीर को डिटॉक्स करके न सिर्फ तरोताजा करते हैं, बल्कि आपको एनर्जेटिक भी फील करवाते हैं। फल और सब्जियों के अलावा जो सबसे जरूरी चीज है, वो है घर का खाना। त्योहारों के दौरान फैमिली गेट-टूगेदर में आपने बाहर का काफी कुछ खाया होगा, लेकिन त्योहार खत्म होने के बाद आप इस बात का खास ख्याल रखें, कि आप घर पर बना भोजन ही खाएं। इसके अलावा अगर आप घर का बना खाना खा भी रही हैं, तो इस बात का ख्याल रखें कि वो ज्यादा तला-भुना या मसालेदार न हो। रही बात शाम को चाय के साथ स्नैक्स के नाम पर जंक फ़ूड खाने की तो ख्याल रखें कि वो आपकी थाली से पूरी तरह बाहर हो। दरअसल इस तरह के गरिष्ठ भोजन खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, पचाने में उतने ही मुश्किल होते हैं और इनसे आपका हाजमा खराब होता है सो अलग।
फैट की बजाय अनसैचुरेटेड फैट को दें महत्व
जहां तक संभव हो अपने भोजन में अधिक से अधिक प्रोटीन शामिल करने की कोशिश करें, क्योंकि प्रोटीन से न सिर्फ आपका पेट भरा रहता है, बल्कि आपके शुगर खाने की लालसा को भी कम करता है और आपको ज्यादा खाने से भी रोकता है। कहते हैं, भोजन में फैट की बजाय हेल्दी खाने को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए, लेकिन सच तो यह है कि आप एचडीएल कोलेस्ट्रॉल से भरपूर अनसैचुरेटेड फैट अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं। इससे आपको थोड़े से भोजन से ही अधिक तृप्ति मिलेगी। हालांकि अपने स्वास्थ्य को लंबे समय तक स्वस्थ रखने के लिए अपने भोजन में दही जैसे प्रोबायोटिक्स शामिल करना कभी न भूलें। विटामिन और प्रोटीन के साथ आपके भोजन में फाइबर का होना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए अपने भोजन में आप फलों और सब्जियों के साथ साबुत अनाज शामिल करना न भूलें। फाइबर के अलावा स्वस्थ शरीर के लिए पानी बेहद जरूरी तत्व है। शरीर के सेल्स को नया और एनर्जेटिक बनाने में पानी का मुकाबला और कोई नहीं कर सकता। ऐसे में जितना हो सके उतना पानी पीने की कोशिश करें, क्योंकि जितना पानी आप पियेंगी, आपका शरीर अंदर से उतना ही साफ होगा।
घर का सामान लाने से पहले न भूलें लिस्ट बनाना
आम तौर पर हम जब खाने-पीने की चीजें, जैसे फल- सब्जी या घर का सामान लेने जाते हैं तो रैंडम चीजें उठा लाते हैं और जब ले आते हैं तो उन्हें खाना अपनी जिम्मेदारी समझ लेते हैं। अगर आप भी यही करती हैं तो इस आदत को जितनी जल्दी हो बदल लें। जब भी आप अपने घर का सामान लेने जाएं तो पहले एक लिस्ट बना लें और उसी के अनुसार चीजें लेकर आएं। इन चीजों में इस बात का खास ख्याल रखें कि वे चीजें स्वास्थ्य की दृष्टि से हेल्दी हों, जैसे सब्जियों में बीटरूट, गोभी, हरी सब्जियां, ककड़ी, टमाटर, गाजर, ब्रोकली और नींबू जरूर लें। इनके अलावा अपने भोजन में हल्दी, अदरक, लहसुन, दालचीनी, अजवाइन और हरी चाय भी लें। प्रोटीन के लिए आप हर तरह की दालों के साथ मेवे और फलों में खट्टे फल खाना न भूलें। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर इन सभी चीजों की खासियत यह है कि इन्हें आप कच्चा खाने के अलावा स्मूदी बनाकर भी पी सकती हैं। आपके शरीर को डिटॉक्स करने के लिए इनसे बेहतर और कुछ नहीं है। खान-पान में बदलाव करने के साथ-साथ आप अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज और योग को शामिल करके भी अपने स्वास्थ्य को मुस्कुराने का मौका दे सकती हैं। हालांकि इन सबके साथ जो सबसे जरूरी है, वो है बिना किसी तनाव के 7 से 8 घंटे की नींद। यकीन मानिए इन सबके साथ आप स्वस्थ शरीर ही नहीं, स्वस्थ मन भी पा सकती हैं।