योग का अर्थ है जोड़, और जैसा कि नाम से ही पता चलता है मन, मस्तिष्क के साथ आत्मा और शरीर का जुड़ जाना ही योग है। बड़े कैनवास पर देखें तो इसके इतने प्रारूप है, जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। तो आइए जानते हैं योग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
सिर्फ शारीरिक मुद्राएं नहीं, अनुशासन है योग
आधुनिक समाज में इसे विभिन्न शारीरिक मुद्राओं तक सिमित कर दिया गया है लेकिन सच तो ये है कि एक स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए योग अपने आपमें सम्पूर्ण है। इसके अंतर्गत सांसों की अनुशासनात्मकता के साथ ध्यान, मन्त्र, जाप, प्रार्थना और अनुष्ठान की प्राचीन परम्परा है। हालांकि हज़ारों वर्षों से चली आ रही इस परम्परा को विज्ञान ने भी माना है लेकिन इसके पूरे लाभ को अब तक वो भी नहीं समझ पाया है।
आयुर्वेदिक जीवन का अभिन्न अंग है योग
योग, आयुर्वेदिक जीवन का एक अभिन्न अंग है, जिसका प्रयोग वजन घटाने के साथ साथ चिंता, अवसाद और नकारात्मक भावनाओं से निजात पाने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए किया जाता रहा है। शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मानव शरीर को डिटॉक्स करने के लिए सदियों से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है, जिसके अंतर्गत सप्ताह में एक दिन उपवास रखना, काम मिलावटी भोजन ग्रहण करना, कुछ आसन का अभ्यास करना तथा गर्म पानी के साथ मिटटी के पात्रों में पानी पीना शामिल है।
आसान-सा लगनेवाला शवासन है सबसे मुश्किल आसन
ऋग्वेद से लेकर भगवत गीता में योग का उल्लेख हो चुका है, जिससे ये बात साबित हो चुकी है कि योग भारतीय परम्परा की अमूल्य धरोहर है। योग परम्परा में कई आसन है, लेकिन इसमें सबसे आसान लगनेवाला आसन ही सबसे कठिन आसन है। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। आम तौर पर शवासन को सबसे आसान आसन समझा जाता है, जिसमें आपको आंखें बंद कर शव की तरह लेटना होता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये आसान-सा लगनेवाला आसन न सिर्फ योग परम्परा का अंतिम, बल्कि सबसे मुश्किल आसन है। इसके अंतर्गत आपको सोकर आंखें बंद कर अपने विचारों में उतरना होता है। और एक-एक कर अपने सभी विचारों को बाहर निकालते हुए खुद पर ध्यान केंद्रित करना होता है। ये आसन मानसिक एकाग्रता के साथ शान्ति की भी मांग करता है, जिसमें बहुत कम लोग सफल हो पाते हैं क्योंकि मन की गति पर नियंत्रण कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं।
वात संबंधी रोगों में रामबाण है योग का प्रयोग
योग, स्वयं को विकसित करने और ढूंढने का कारगर तरिका है और स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मन की चाह रखनेवाला प्रत्येक व्यक्ति, योग के जरिये इसे पा सकता है। जैसा की हमने ऊपर आपको बताया कि योग के माध्यम से शरीर को डिटॉक्स करके हम मानसिक रूप से ही नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ हो सकते हैं। चेहरे की कांति बढ़ाने के साथ साथ विभिन्न बीमारयों को दूर भगाने का भी ये कारगर तरिका है। विशेष रूप से वात संबंधी रोगों को ठीक करने के लिए योग का प्रयोग रामबाण साबित हुआ है।
प्रकृति और रुचि अनुसार करें योग का चुनाव
योग से जिंदगी की कई अनसुलझी पहेलियों को सुलझाया जा सकता है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी पहेली है, अपने लिए अपनी प्रकृति, ज़रूरत और रूचि अनुसार सही योग का चुनाव करना। योग परम्परा में बिक्रम योग, अष्टांग योग, विन्यास योग, हठ योग और कुंडलिनी योग नामक ये 5 प्रकार के योग हैं, जिनमें सारी सृष्टि समाहित है, तो अपने अनुसार इनमें से किसी एक प्रकार का चुनाव कर, आप न सिर्फ योग में अपनी रुचि जगा सकती हैं, बल्कि इससे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक लाभ भी पा सकती हैं। तो अगली बार अगर योग क्लासेस जॉइन करने के बाद आपको लगे कि आपका दिल नहीं लग रहा तो अपने शौक को मारने की बजाय योग के प्रकार पर ध्यान दीजिए।
प्राचीन ऋषि पतंजलि ने योग व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत किया
मन्त्र, जापों और धार्मिक अनुष्ठानों को केंद्र में रखकर सबसे पहले योग का उल्लेख ऋग्वेद में हुआ था। बाद में भगवत गीता में इसके आध्यात्मिक पहलुओं का उल्लेख किया गया, जो उस समय लोगों में इतना प्रचलित नहीं हो पाया था। लेकिन प्राचीन भारतीय लेखक और ऋषि पतंजलि ने योग को न सिर्फ व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत किया, बल्कि योग सूत्र का ऐसा पाठ रचा, जिसने योग के माध्यम से ज्ञान कैसे प्राप्त किया जाए। पतंजलि द्वारा रचित योग सूत्र के इस पाठ के शताब्दियों बाद अन्य योग गुरुओं ने शरीर को पुनर्जीवित करने के ऐसे तरीके बताए, जो योग के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने के लिए भौतिक शरीर पर केंद्रित थी। गौरतलब है कि इसी प्रणाली से कई अन्य आधुनिक योग अभ्यास उपन्न हुए। अगर आपको लगता है योग आपके साप्ताहिक जीवन का एक छोटासा भाग है, तो आप गलत हैं, क्योंकि योगा मैट पर आपका समय, रियल लाइफ के लिए एक ड्रेस रिहर्सल है। अगर आप योगा मैट पर अपनी परेशानियों के साथ बैठती हैं तो रियाल लाइफ में भी आप परेशानियों से घिरी रहेंगी और योगा मैट पर अपने मन मस्तिष्क के साथ उपस्थित रहती हैं तो आप हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में कामयाब होंगी।