साल 2024 महिलाओं के नाम रहा है । इन लड़कियों ने अपने हुनर के साथ हौसले की कहानी लिखी है और खुद का नाम साल 2024 के इतिहास के पन्नों में दर्ज कर लिया है। आइए जानते हैं विस्तार से।
यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि साल 2024 महिलाओं के नाम रहा है। इस साल खबरों में ऐसी कई महिलाएं शामिल हुईं, जो कि अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में कामयाब रही हैं। खासतौर पर उम्र कभी-भी इन महिलाओं का रास्ता नहीं रोक पाई हैं। इस फेहरिस्त में 5 ऐसी लड़कियों का नाम शामिल हैं। इन लड़कियों ने अपने हुनर के साथ हौसले की कहानी लिखी है और खुद का नाम साल 2024 के इतिहास के पन्नों में दर्ज कर लिया है। आइए जानते हैं विस्तार से।
काम्या कार्तिकेयन
16 साल की काम्या कार्तिकेयन ने अपने हौसले से सफलता की कहानी लिखी है। काम्या ने अपने जज्बे को दिखाते हुए दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाली कम उम्र की भारतीय बन साल 2024 अपने नाम कर लिया है। काम्या ने अपने पिता के साथ 20 मई को नेपाल की ओर से माउंट एवरेस्ट की सफलतापूर्वक चढ़ाई की। इसी के साथ काम्या ने सात महाद्वीपों में में से छह सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने की सफलता पाई है। काम्या इसी के साथ दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन गई हैं। उल्लेखनीय है कि काम्या 3 साल की उम्र से पर्वतारोही बनना चाहती थीं।
विद्योत्तमा विनोद
विद्योत्तमा ने यह कर दिखाया है कि मंजिल को पाने के लिए उम्र नहीं देखी जाती है। विद्योत्तमा जयपुर निवासी हैं। केवल 15 साल की उम्र में उन्होंने आईपीएमएटी की परीक्षा पास की है। बता दें कि आईपीएमएटी दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है। यह भी जान लें कि उन्होंने बिना किसी क्लासेस की आईपीएमएटी की परीक्षा में पास होकर अपने ज्ञान कौशल का परिचय दिया है। ज्ञात हो कि इस परीक्षा में इस बार 28 हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था। 150 बच्चों में विद्योत्तमा का चयन किया गया है।
धिनिधि देसिंघु
14 साल की भारतीय युवा खिलाड़ी धिनिधि देसिंघु कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। पेरिस ओलंपिक का हिस्सा रही हैं। इसी के साथ पेरिस जाने वाले भारतीय दल की सबसे कम उम्र की महिला बनकर उन्होंने अपना नाम इतिहास में दर्ज करवा लिया है। ओलंपिक में जाने से पहले धिनिध ने सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भी मेडल जीता है।
अंतिम पंघाल
अंतिम पंघाल ने भी पेरिस ओलंपिक में अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत की है। 19 साल की उम्र में अंतिम पंघाल ने अपने पहलवानी प्रेरणादायक महिलाओं में शामिल हो चुकी हैं। जान लें कि अंतिम पंघाल दो बार की जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियन और एशियन गेम्स और सीनियर विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता रही हैं। इतना ही नहीं अपने हुनर से उन्होंने कई खिलाड़ियों को मात दी है। इतना ही नहीं अंतिम पंघाल ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में विनेश फोगाट को भी कड़ा मुकाबला दिया था।
प्रेस्ली शेकिना
अपने हुनर से प्रेस्ली शेकिना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हैरान कर दिया। जी हां, 13 साल की प्रेस्ली शेकिना ने 800 किलोग्राम बाजरे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उनकी तस्वीर बनाईं। इसी के साथ प्रेस्ली ने दुनिया की सबसे बड़ी मिलेट पेंटिंग बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी बना लिया। बता दें कि प्रेस्ली शेकिना चेन्नई के एक स्कूल में पढ़ती है। अपने इसी हुनर के कारण साल 2024 में प्रभावशाली कम उम्र की लड़कियों में उन्होंने अपना नाम दर्ज करवा लिया। ज्ञात हो कि प्रेस्ली की बनाई गई पीएम मोदी की तस्वीर 600 वर्ग फुट में फैली हुई थी।
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