रंगों का त्योहार होली जैसे हम सभी के जीवन में रंग भर देता है, ठीक इसी तरह महिलाओं के जीवन को भी एक खास रंग से जोड़ा जाता है। हम यहां बात कर रहे हैं पिंक यानीj गुलाबी रंग की। अक्सर यह कहा जाता है कि पिंक महिलाओं का रंग है। बचपन में बेटी के पैदा होने के साथ कमरे की सजावट से लेकर कपड़े और बाजार में मिलने वाले खिलौने तक पिंक रंग में मौजूद रहते हैं। कहते हैं लड़की है, तो पिंक पसंद आएगा। लेकिन क्या आप जानती हैं कि क्या है गुलाबी रंग का महिलाओं से रिश्ता। आइए जानते हैं विस्तार से।
गुलाबी रंग बताता है बर्ताव
जानकारों के अनुसार रंग हमारे बर्ताव और व्यवहार को प्रस्तुत करते हैं। कई रंग ऐसे हैं, जो कि हमारे बर्ताव के अनुसार होते हैं। जैसे अक्सर दुख में काला रंग प्रदर्शित किया जाता है और शांति के लिए सफेद रंग का इस्तेमाल अधिक होता है। ठीक इसी तरह गुलाबी रंग को प्रेम, दया और नारी से जुड़ा शांत रंग माना गया है। गुलाबी रंग हल्का लाल रंग होता है, जिसे प्यार और ममता का चिन्ह माना गया है। महिलाओं को भी ममता और प्यार की मूरत कहा जाता है।
पिंक रंग बेबी गर्ल क्यों
गुलाबी रंग को हमेशा से कोमलता, दयालुता, पोषण और करुणा से जोड़ा गया है, जो कि महिलाओं के स्वभाव का प्रतीक है। यह भी जान लें कि गुलाबी रंग स्तन कैंसर जागरूकता महीने का भी रंग है। इस दौरान लोग कैंसर से पीड़ित और सुरक्षित लोगों के हिम्मत को गुलाबी रिबन पहन कर उनका आदर करते हैं। कई लोगों का यह भी मानना है कि पिंक रंग बेबी गर्ल और ब्लू रंग बेबी बॉय के लिए इसलिए तय किया गया कि पैदा होने के बाद सफेद रंग के अस्पताल के कपड़ों में बच्चों को एक रंग दिया जाए, ताकि माता-पिता को यह भी पता चल सके कि पिंक रंग लड़की होने का साक्षी है और ब्लू रंग लड़के के पैदा होने की गवाही देता।
इतिहास में पिंक रंग होने की वजह
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिंक रंग को लड़कियों का नहीं माना जाता था, बल्कि इसे हमेशा से लड़कों से जोड़ा गया। प्रथम विश्व युद्ध से पहले लड़कों के लिए गुलाबी रंग का इस्तेमाल उनके कपड़ों में होता था, ऐसा माना जाता था कि गुलाबी दृढ़ निश्चय और पुरुषत्व का रंग होता है। नीला रंग सौंदर्य का प्रतीक माना जाता था, जिसे लड़कियों से जोड़ कर देखा जाने लगा था। वक्त के साथ इस पैटर्न में बदलाव आया। बीसवीं शताब्दी के दौरान द बॉय और पिंकी नाम से पेंटिंग्स सामने आयीं, जहां एक लड़के ने नीले रंग के और लड़की ने गुलाबी रंग के कपड़े पहन रखे थे। इस पेंटिंग्स को काफी लोकप्रियता मिली और पसंद भी किया जाने लगा, जिसके बाद से गुलाबी रंग को लड़कियों के लिए नीले रंग को लड़कों के लिए सही मान लिया गया।
गुलाबी रंग से नहीं पहचान
गुलाबी रंग महिलाओं का है, यह भले ही मान लिया गया हो, लेकिन केवल एक रंग महिलाओं की शक्ति उनके आत्मविश्वास और उनके प्रेरणादायक जीवन को परिचय नहीं हो सकता है। महिलाओं को सम्मान देने और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए भले ही उन्हें गुलाबी रंग की नजर से देखा गया हो। लेकिन गुलाबी रंग महिलाओं के जीवन के सदाबहार रंग की सीमा की पहचान नहीं बन सकता। जिस तरह नारी अपने जीवन में कई भूमिका अदा करती है, ठीक इसी तरह केवल एक रंग उसके जीवन की पहचान नहीं बन सकता है।