कार्यस्थल में महिलाओं की सेहत उनके निजी और प्रोफेशनल जिंदगी को संभाले रखने का काम करती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि ऑफिस में महिलाओं की सेहत का ध्यान दिया जाना चाहिए। जाहिर सी बात है कि ऑफिस पर महिलाओं के स्वास्थ्य के मुद्दे को संबोधित करना एक जरूरी पहलू है, जो न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समग्र कार्यस्थल संस्कृति और उपयोगिता को भी बढ़ाती है। ऐसे में ऑफिस में कई सारे नियमों को लागू करके और एक्सपर्ट की मदद से इस पर काम किया जा सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से।
पीरियड्स के दौरान प्राथमिकता

पीआर फर्म में कार्यरत पारूल पांडेय इस संबंध में बताती हैं कि महिलाओं को सबसे पहले मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स के दौरान प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उनका कहना है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कामकाजी आराम की जरूरत होती है। ऑफिस में ऐसी नीतियों का निर्माण किया जा सकता है, जो महिलाओं को पीरियड्स के दौरान आराम या फिर छुट्टी लेने की सुविधा प्रदान करें। इससे शारीरिक और मानसिक तौर पर उन्हें काफी राहत मिलती है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए वर्कशॉप

प्राइवेट कंपनी में कार्यरत पूजा यादव मानसिक स्वास्थ्य को तरजीह देती हैं। उनका कहना है कि ऑफिस में मानसिक सेहत की देखभाल के लिए जरूरी एक्टिविटी पर जोर देना चाहिए। ऐसे में ऑफिस में काउंसलिंग की सेवाएं, मानसिक सेहत और सकारात्मकता से जुड़े स्पीच, टॉक शो और वर्कशॉप का आयोजन करना चाहिए। इससे महिलाओं को अपने तनाव, चिंता और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में खुलकर बात करने का अवसर मिलता है।
फिटनेस भी जरूरी

योग एक्सपर्ट अनुष्का बापट ने इस संबंध में कहती हैं कि फिटनेस को लेकर भी आफिस में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि महिलाएं निजी और प्रोफेशनल जीवन को एक साथ संभालती हैं, ऐसे में बहुत जरूरी है कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का सबसे अधिक ध्यान रखा जाए। महिलाओं को अपने व्यस्त दिनचर्या से बाहर आकर खुद की फिटनेस पर ध्यान देने के लिए 10 मिनट भी नहीं मिल पाता। ऐसे में उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ऑफिस में 30 मिनट के लिए ही सही, योग की क्लास शुरू करनी चाहिए, जो कि सुबह या फिर शाम को होनी चाहिए। महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए योग,ध्यान और शारीरिक फिटनेस के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाना चाहिए। यह आफिस में भी एक सेहतमंद वर्क कल्चर को बढ़ावा देता है।
विशेष स्वास्थ्य सुविधाओं की भी जरूरत

महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत भी ऑफिस में मौजूद होनी चाहिए। खासतौर पर महिला रोग विशेषज्ञ, मानसिक स्वास्थ्य काउंसलर और अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं बहुत जरूरी हैं। साथ ही महिलाओं के लिए खास तौर पर नर्सिंग रूम होना भी जरूरी है, जहां पर महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान करा सकती हैं, जिससे वे अपने कार्य़ के दौरान भी अपने बच्चे की देखभाल कर सकती हैं।
कैंटीन में खाने का ध्यान

पोषण को देखते हुए डायटीशियन अमिता तांबेकर कहती हैं कि पोषण भी महिलाओं की सेहत के लिए सबसे जरूरी है। अक्सर कैंटीन में तला हुआ खान अधिक मिलता है। ऐसे में महिलाओं के पोषण को देखते हुए अलग से सेहतमंद प्रोटीन युक्त खाने की सुविधा होनी चाहिए। पनीर, अलग तरह की दालें, मछली के साथ फलों का समावेश कैंटीन के खाने में होना चाहिए। इससे महिलाओं को पोषण युक्त भोजन करने में सावधानी होती है।