डिप्रेशन से उबरने का सफर आसान नहीं होता, लेकिन सही सहयोग, आत्म-स्वीकृति और सकारात्मक दृष्टिकोण से इसे हराया जा सकता है। फिलहाल डिप्रेशन से उबरकर खुद को फिर से स्थापित करने वाली ऐसी ही कुछ महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियां जानते हैं।
दीपिका ने बताया कि जरूरी हैं डिप्रेशन पर बातें

अपनी मानसिक और भावनात्मक कठिनाइयों से लड़कर न सिर्फ अपने लिए एक नई राह बनाना, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनना काफी मुश्किल है, लेकिन उससे भी ज्यादा मुश्किल है अपने मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेते हुए उसे स्वीकार करना और जरूरी मदद लेना। अक्सर देखा गया है कि घर, बच्चे और काम-काज में रची बसी महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान नहीं देतीं, फिर वो चाहे मानसिक स्वास्थ्य हो या शारीरिक स्वास्थ्य। विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर तो वे बिल्कुल बात नहीं करना चाहती, क्योंकि उन्हें लगता है कि कहीं उनकी बीमारी को पागलपन का नाम न दे दिया जाए। हालांकि जब से बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने खुलकर बताया है कि वे भी डिप्रेशन से जूझ रही थीं। तब से इसमें काफी फर्क आया है। दीपिका के अनुसार थेरेपी और परिवार के सहयोग से न सिर्फ उन्होंने इसे हराया, बल्कि डिप्रेशन से जूंझ रहे लोगों में जागरूकता लाने के लिए ‘Live Love Laugh Foundation’ की स्थापना भी की।
हिंदी सिनेमा की वे अभिनेत्रियां, जिन्होंने डिप्रेशन को दी मात
दीपिका पादुकोण की तरह ही पूर्व मिस यूनिवर्स और अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने भी अपने जीवन में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना किया है। हालांकि लोगों के सामने उनकी छवि सदैव एक सशक्त महिला की रही। हालांकि ऐसी ही कुछ कहानी है एंग्जाइटी डिसऑर्डर का सामना कर चुकीं अनुष्का शर्मा की। इसके अलावा अपने करियर के शुरुआती दिनों में सेल्फ डाउट का शिकार रहीं प्रियंका चोपड़ा जोनस न सिर्फ डिप्रेशन का शिकार रहीं, बल्कि उसके कारण उन्होंने 2 बार सुसाइड करने की कोशिश भी की थी। हालांकि अपने परिवार और इच्छा शक्ति से वे न सिर्फ डिप्रेशन से उबरीं, बल्कि बॉलीवुड के साथ हॉलीवुड में भी अपना एक नाम बनाया। गौरतलब है कि मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने कई अभियान भी चलाए थे।
हॉलीवुड की नामी हस्तियां भी रह चुकी हैं डिप्रेशन का शिकार

बॉलीवुड अभिनेत्रियों की तरह ही हॉलीवुड में भी ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने डिप्रेशन से निकलकर न सिर्फ खुद को संवारा, बल्कि अपनी धुंधली पहचान को फिर से एक नई चमक दी। इनमें 'हैरी पॉटर' श्रृंखला की लेखिका जेके रॉलिंग, गायिका और अभिनेत्री लेडी गागा, गायिका और अभिनेत्री सेलेना गोमेज, ब्रिटिश गायिका अदेले, अमेरिकी गायिका टॉनी ब्रेक्सटन, अमेरिकी गायिका मारिया केरी, ब्रिटेन की शाही परिवार की सदस्य और अभिनेत्री मेघन मार्कल, गायिका और अभिनेत्री माइली साइरस, अमेरिकी सुपरमॉडल बेला हदीद और दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल मशहूर टीवी होस्ट ओपरा विन्फ्रे और अमेरिका की फॉर्मर फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा का नाम शामिल हैं। डिप्रेशन से जूंझकर खुद को एक बार फिर स्थापित कर चुकी इन महिलाओं में लेडी गागा ने जहां इसकी गंभीरता को समझते हुए Born This Way Foundation की स्थापना की है, वहीं थेरेपी तथा मेडिटेशन के जरिए खुद को डिप्रेशन और एंग्जाइटी से उबार चुकीं सेलेना गोमेज Rare Beauty के जरिए मेंटल हेल्थ अवेयरनेस को बढ़ावा दे रही हैं।
जिनकी वजह से मैं डिप्रेशन का शिकार हुई, उन्होंने ही मुझे निकाला - बेबी
इन हस्तियों के अलावा आम महिलाओं की बात करें तो अपनों जाने से अकेलेपन से जूंझ रही इन महिलाओं में डिप्रेशन कब घर कर जाता है, उन्हें स्वयं नहीं पता चलता। ऐसा ही कुछ अनुभव है डिप्रेशन से जूंझकर खुद को योगा टीचर के रूप में स्थापित करनेवाली बेबी का। वे कहती हैं, “मेरी पहली शादी वर्ष 2001 में हुई थी, जो 13 साल चली और इन 13 वर्षों में मैंने जिस नर्क को झेला, उसे देखते हुए मुझे लगा कि मैं शायद अब इससे कभी नहीं निकल पाऊँगी, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि मुझे उससे मुक्ति मिल गई। इस मुक्ति के बाद मेरा शादी पर से विशवास उठ गया था, लेकिन घरवालों के लाख कहने पर मैंने दूसरी शादी की। हालांकि मुझे इस शादी से कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन पिछली शादी के विपरीत मेरी यह शादी मेरे लिए स्वर्ग साबित हुई। मेरे हस्बैंड मुझसे बहुत प्यार करती थी और कई बार मुझे यकीन ही नहीं होता था कि मेरी जिंदगी ने इतनी बड़ी करवट ली है। हमारी शादीशुदा बेहद खुशहाल थी, लेकिन तभी कोविड आ गया और कोरोना के कारण वर्ष 2021 में मेरे हस्बैंड की डेथ हो गई। एक पल में हमारी 6 साल की शादी में भूचाल आ गया और मैं अकेली रह गई। उनका अंतिम संस्कार अपने हाथों से करने के बाद मुझे लगा अब मुझे नहीं जीना। चाहे जैसे हो मुझे उनके पास जाना है। मैं इस कदर डिप्रेशन में चली गई थी कि बार-बार सुसाइड की कोशिश करने लगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि मैंने साइनाइड का भी इंतजाम कर लिया था, लेकिन फिर एक रात मेरे हसबैंड मेरे सपने में आकर मुझसे बोले कि मैं यह क्या कर रही हूं। वो मेरे आस-पास ही हैं और मुझे इस तरह देखकर उन्हें काफी तकलीफ हो रही है। उन्होंने ही मुझे योगा की पढ़ाई फिर से शुरू करने को कहा, जिसे मैंने बीच में छोड़ दिया था। आपको सुनकर थोड़ा अजीब लगे, लेकिन उस रात के बाद मुझे फिर कभी उनकी कमी महसूस नहीं हुई और न मैंने फिर सुसाइड की कोशिश की। आज मैं न सिर्फ योगा टीचर हूँ, बल्कि नेचरोपैथी की पढ़ाई भी कर रही हूं।”
पहली जरूरत है डिप्रेशन से जूंझ रहे लोगों का मनोबल बढ़ाना

इस विषय में मनोचिकित्सक हिरल खिमानी कहती हैं, “डिप्रेशन से जूंझ रही महिलाओं को सबसे पहले तो यह बात समझनी चाहिए कि वे अपनी असफलताओं की बजाय, अपनी उपलब्धियों पर गर्व करें। मानसिक बाधाओं के बिना जीवन से प्यार करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसका अर्थ है खुद से प्यार करना और खुद का सम्मान करना। विशेष रूप से महिलाओं के लिए ये बहुत जरूरी है कि अपने को कीमती समझने के लिए दूसरों पर निर्भर होने की बजाय, वे स्वयं अपनी कीमत समझें। याद रखिए यदि आप अपनी नाकामी से हारकर निराशा और डिप्रेशन में चली गई हैं, तो उसे झटककर खुद से यह कहना होगा कि आपकी असफलता, मंजिल नहीं, बल्कि आपके विकास की तरफ आपका पहला कदम है। इसके अलावा मैं उनके आस-पास के लोगों, दोस्तों और परिवार से भी यह कहना चाहूंगी कि ऐसे समय में वे न सिर्फ उनका मनोबल बढ़ाएं, बल्कि उनके साथ मजबूती से खड़े रहें।”