पीरियड यानी मासिक धर्म या माहवारी को लेकर अब भी कई तरह की अवधारणाएं हैं, जिनसे आम महिलाएं हर महीने में जूझती हैं। ऐसे में कई अभिनेत्रियां भी हैं, जिन्होंने पीरियड के दौरान होने वाली परेशानियों और उससे जुड़ीं बीमारियां, कई बार शौचालय के न उपलब्ध होने से और कई बार पीरियड जैसी बातों को एक टैबू के रूप में देखने से भी कई लड़कियों को परेशानियां झेलनी पड़ी हैं। सो, उन परेशानियों का सामना करने के बारे में खुल कर बातचीत की है, जिससे यह बात समझ आती है कि ग्रामीण परिवेश से लेकर मीडिल क्लास और उच्च वर्ग में कहीं न कहीं यह सोच घर करती है, आइए जानते हैं विस्तार से।
जब शौचालय न होने पर पेड़ के पीछे जाने पर मजबूर होती थीं अभिनेत्रियां
हाल ही में अपनी नतिनी नव्या नवेली के पॉडकास्ट में सुप्रसिद्ध अभिनेत्री जया बच्चन ने यह बात कही कि शुरुआती दौर में जब वैनिटी वैन नहीं होते थे, उस वक्त पीरियड में जब उन्हें शूटिंग करनी होती थी, तो उन्हें पेड़ों के पीछे जाकर या बस के पीछे जाकर पैड्स बदलने पड़ते थे। जया ने यह भी बताया कि कई बार शूटिंग के बेहद दूर जाकर हमें चेंज करना पड़ता था, फिर पैड्स को कहां फेंका जाए, यह समस्या हुआ करती थी। जया ने अपने बचपन की बात शेयर करते हुए कहा है कि पहले के दौर में हम सैनिटरी टॉवल का इस्तेमाल करते थे, लेकिन तब आपके पास उस तरह के सैनिटरी टॉवल नहीं थे, जो आज आपके पास हैं। आपको दो छोरों के साथ एक बेल्ट बनाना था, क्योंकि तौलिये में केवल लूप होते थे। वह दौर वाकई में कठिन था।
जब पूनम ढिल्लन को लगा कि अभिनेत्रियों को जरूरत है वैनिटी वैन की
पूनम ढिल्लन, जिन्होंने इंडस्ट्री में वैनिटी वैन की शुरुआत की थी, उन्होंने भी अपनी एक बातचीत में जिक्र किया था कि किस तरह अभिनेत्रियों और महिला कलाकारों को आउटडोर शूट्स में परेशानियां आया करती थीं। इसलिए उनके जेहन में वैनिटी लाने का ख्याल आया था।
परिणीति की दादी कहती थीं, अचार मत छूना
परिणीति ने अपने पीरियड को लेकर अपनी पुरानी बातों को शेयर करते हुए इस बात का जिक्र किया था कि उनकी दादी उन्हें पीरियड के दौरान अचार छूने से मना कर देती थीं, क्योंकि ऐसी सोच होती थी कि पीरियड के दौरान अचार छूने से सब खराब हो जाता है। परिणीति ने इस बात का भी एक कैम्पेन के दौरान खुल कर विरोध किया था की इस दौरान लड़कियों को बाल धोने पर भी मनाही होती है।
ट्विंकल ने भी शेयर की मन की बात
ट्विंकल ने कुछ सालों पहले पीरियड को लेकर अपनी बात रखी थी कि शुरुआत में जब उन्हें पीरियड हुए थे, तो वह इस बात को लेकर काफी चिंतित रहती थीं कि कहीं उनके कपड़ों में दाग न लग जाये और कोई उसे देख न ले। इन बातों को लेकर पहले वह सजग रहती थीं, लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे उन्हें समझ आई, वह पीरियड के विषय को लेकर खुल कर लोगों से बातचीत करने लगीं।
स्टंट वुमन रेशमा ने भी शेयर किया था अनुभव
स्टंट वुमन रेशमा पठान ने भी एक बार बातचीत में कहा था कि किस तरह वह कई बार गोलियां खा कर पीरियड रोकने की कोशिश करती थीं, ताकि आउटडोर शूट में दिक्कत न हो, क्योंकि पहले वैन या टॉयलेट नहीं हुआ करते थे। कई बार घंटों प्यासी रहती थीं कि शौच जाने की नौबत न आये। रेशमा का कहना है कि अब जब वैनिटी वैन आ गए हैं, तो मैं तो इसे वरदान मानती हूं। महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा जिंदगी आसान हुई है।