पूरे भारत में महिलाओं ने रंगों के माध्यम से सशक्तिकरण की पहचान बनाई है, आइए जानें भारत में महिलाओं से जुड़े रंगों वाले सशक्तिकरण के कामयाब उदाहरण के बारे में।
जयपुर में ‘पिंक’ ऑटो रिक्शा ने बदली सोच
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जयपुर में पिछले कई सालों से लगातार पिंक ऑटो रिक्शा कंपनी में केवल महिलाएं ऑटो ड्राइवर बन रही हैं। वहां की महिलाएं इससे आत्म-निर्भर बन रही हैं। गौरतलब है कि पिंक सिटी रिक्शा कंपनी केवल महिला ड्राइवरों को ही साथ में जोड़ रही हैं और यह ACCESS डेवलपमेंट सर्विसेज की एक पहल है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य कम आय वाले परिवारों में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस कम्पनी की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी और उन्होंने अपने कस्टम-निर्मित इलेक्ट्रिक रिक्शा चलाने के लिए 200 से अधिक महिलाओं को काम पर रखा और प्रशिक्षित किया है।
उत्तर प्रदेश का ‘गुलाबी गैंग’
महिला सशक्तिकरण की खास पहचान की बात करें, तो उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने मिल कर जब गुलाबी गैंग बनाया था, तो इससे भी महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका मिला था। गुलाबी गैंग के बारे में बात करें, तो गुलाबी गैंग भारत का एक महिला निगरानी समूह माना जाता है और इसकी शुरुआत वर्ष 2006 में हुई और इसे शुरू करने वाली हैं संपत पाल देवी। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में इसकी शुरुआत हुई थी, इस समूह में खासतौर से हर प्रान्त और जाति की महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य होता है। साथ ही उन्हें घरेलू हिंसा, यौन हिंसा और उत्पीड़न से बचाने के लिए भी कार्य किये जा रहे हैं।
‘ग्रीन’ लेडी ऑफ बिहार जया देवी
यह दिलचस्प बात है कि सिर्फ अपनी सूझ-बूझ और महिलाओं के लिए कुछ करने के लिए बिहार के मुंगेर जिले से संबंध रखने वालीं जया देवी ने शानदार काम किया और उन्हें मिला ग्रीन लेडी का खिताब। जी हां, जया देवी एक ऐसा ही नाम हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में पर्यावरण के संरक्षण के लिए अनोखे काम किये हैं। जया कहती हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र की महिलाओं को जोड़ा, शुरुआत में पांच रुपये बचाने से शुरुआत की। जया ने अपने क्षेत्र की महिलाओं को प्रेरित किया कि स्वयं सहायता समूह में काम करें, उन्होंने पहले 15 दिन का प्रशिक्षण लिया और उन्होंने अपने तरीके से बाकी महिलाओं को भी बचत करने के गुर सिखाये। शुरू में कई महिलाओं को एक मुट्ठी अनाज बचाने के लिए कहा, इससे एक मनोबल बढ़ा और फिर जया के साथ कई महिलाएं जुड़ती गयीं। जया देवी ने गांव में शिक्षा का प्रसार करना शुरू किया और फिर साक्षरता मिशन की भी शुरुआत की, साथ ही गांवों में बच्चों के बीच किताबों को बांटना शुरू किया और शिक्षा के प्रति जागरूकता भी फैलायी।
पिंक प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट
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केरल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई। पिंक प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए केरल पुलिस द्वारा शुरू की गई सेवा है। यह परियोजना न केवल मौजूदा मुद्दों का समाधान करना चाहती है, बल्कि इसका उद्देश्य पहले से मौजूद योजनाओं की प्रभावशीलता को सुधारना और बढ़ाना भी है, जिससे महिला सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाये जाते रहें।
रांची का ‘गुलाबी’ ऑटो
दिल्ली, इंदौर, जयपुर की तर्ज पर ही झारखंड के रांची शहर में भी ‘गुलाबी’ ऑटो मुख्य रूप से महिलाओं के लिए ही शुरू की गई है। यह उद्यम झारखंड राज्य डीजल ऑटो यूनियन और एक निजी रियल एस्टेट समूह का एक सहयोगात्मक प्रयास है, जो एक प्रभावी सामाजिक परियोजना में निवेश करने का इच्छुक था। केवल महिलाओं के लिए शुरू की गई इस परियोजना के तहत महिला यात्री आसानी से सफर करती हैं और महिलाओं को लगातार काम मिल रहा है।
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