नया साल नई शुरुआत और एक नई तस्वीर आपकी खुद की, जो कि आईने के सामने आपको साफ दिखाई देती है। देखा जाए, तो हम जीवन में कुछ भी नया करने जाते हैं, तो अड़चनों से मुलाकात होती है, ऐसे में खुद को तैयार करने के लिए सबसे जरूरी काम आता है, वो है हौसला। जी हां, हालांकि इसके लिए आपको खुद को तैयार करने की जरूरत नहीं है, बल्कि खुद को सकारात्मक रखते हुए एक-एक कदम आगे बढ़ाने की है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप अपनी नयी शुरुआत के दौरान आने वाली अड़चन का सामना करेंगी।
अपनी तुलना किसी से न करें
यह बहुत ही जरूरी है कि आप किसी के साथ अपनी तुलना न करें। जब भी आप कोई नई शुरुआत करने जा रही हैं, तो यह न सोचें कि दूसरों ने क्या किया है, दूसरे किस तरह अपने जीवन में आपसे आगे हैं और आप पीछे रह गए हैं। हमेशा यह याद रखें कि मंजिल तक पहुंचने के लिए हर किसी का रास्ता और सफर दूसरे से अलग होता है। सबके अलग अनुभव होते हैं, ऐसे में आप किसी की सफलता से अपनी शुरुआत या फिर अपनी असफलता की तुलना न करें। तुलना करके आप अपने नए सफर पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा कर देती हैं। इसलिए तुलना करने की बजाय यह सोचें कि आपको कैसे अपनी नई शुरुआत को बेहतर बनाना है।
बदलाव को स्वीकार करें
अक्सर कहा जाता है कि बदलाव ही जीवन को एक पूर्ण प्रक्रिया में बांध कर रखता है। इसलिए आपको कभी- भी बदलाव से घबराना नहीं चाहिए। बदलाव को स्वीकार करके उससे जुड़ने की कोशिश ही, आपको सुकून की तरफ आगे बढ़ जाती है। बदलाव हमारे जीवन का अहम हिस्सा और इसी के जरिए हमें उन चुनौतियों से मुलाकात करने का अवसर मिलता है, जो हमें पहले से बेहतर और काबिल बनाती हैं। इसलिए नई शुरुआत में आने वाले सभी बदलाव को दिल से स्वीकार करके उसे अपनाना सही होगा।
दूसरों की आलोचना से बचें
आलोचना से दूर रहते हुए आप खुद को नकारात्मक चीजों से दूर रख सकती हैं। आपको कभी-भी कुछ लोगों के साथ मिलकर किसी तीसरे इंसान की आलोचना करना आपके अपने लक्ष्य से भटकाता रहेगा। इससे आपका ध्यान इसी बात पर रहेगा कि सामने वाला व्यक्ति क्या कर रहा है, जो कि आपको अपने मंजिल से दूर लेकर जाती है और आपको कई बार गुमराह कर देती है, हालांकि अगर कोई आपकी आलोचना करता है या फिर आपके काम में कोई गलती निकालता है, तो उसे स्वीकार करके उसमें सुधार की कोशिश करें। आलोचना सुनने से आप अंदरूनी तौर पर मजबूत होने का रास्ता खोलती है, जो कि आपको सफलता की ऊंचाइयों पर लेकर जाती है।
सहानुभूति खुद के साथ और दूसरों के साथ रखें
जीवन में सहानुभूति बहुत जरूरी है। खुद के साथ और दूसरों के साथ भी। आपको खुद के प्रति भी सौम्य दिल होना चाहिए। आपको खुद के साथ भी हमदर्दी रहनी चाहिए, क्योंकि आप जितना खुद को समझ सकती हैं, सहारा दे सकती हैं, उतना कोई और नहीं दे सकता है। अगर आप दूसरों के दुख में खड़ी होती हैं, तो खुद के भी मुश्किल वक्त में आपको खुद का सहारा बनना है। सहानुभूति रखने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और नई राह पर आगे बढ़ने के लिए आपको साहस मिलती है, क्योंकि आप खुद के साथ खड़ी हैं, वो भी पूरे दमदार तरीके से।
कड़ी मेहनत और खुद पर विश्वास
जब आप जीवन में सकारात्मक शैली अपना लेती हैं, तो फिर आपमें आत्मविश्वास आता है और आप कड़ी मेहनत के साथ नए सफर पर आगे बढ़ती हैं और जीवन की उन सारी अड़चनों का मुकाबला करती हैं, जिससे आप अभी तक या तो नजरअंदाज करती आयी हैं, या फिर जिनके आगे खुद को कमजोर समझती आयी हैं। इसलिए खुद पर विश्वास आपको जीवन की किसी भी अड़चन को पार करने में सहायक होता है।