जब भी आप हैंडलूम साड़ियां खरीदें, कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। आइए इसके बारे में जानें।
कांचीपुरम साड़ियां लेते वक्त ध्यान दें
कांचीपुरम की साड़ियां काफी लोकप्रिय रही हैं, ऐसे में आपको साड़ियों का ख्याल जरूर रहना चाहिए कि आप कोई गलत साड़ियां उठा कर नहीं लाएं। इसलिए जब आप कांचीपुरम ले रही हों, कुछ बातों का आपको ख्याल रख लेना चाहिए। जैसे यह रेशम की साड़ियां होती हैं, जिन्हें कांचीपुरम में रहने वाले मास्टर बुनकर बताते हैं। कांचीपुरम के बुनकरों ने लगभग 400 साल पहले इस परंपरा की शुरुआत की थी। तो जब आप साड़ी लें, जरी का पूरा ध्यान रखें। जरी शुद्ध चांदी और सोने से बनाई जाती है। यह असली है कि नकली इसके लिए इसे धीरे से खरोचें, क्योंकि जब आप इसे खरोचेंगी, तो साड़ी पर लाल रंग का लुक आएगा। इससे स्पष्ट हो जायेगा कि आपने जो साड़ी खरीदी है, वह सही है, इसके अलावा, कांचीपुरम हैंडलूम सिल्क साड़ियों में शानदार और चमकदार फिनिश होती है। यह अगर असली है, तो इसमें एक चमक नजर आएगी। लेकिन कुछ और मिला हुआ है तो इसकी चमक फीकी पड़ जाएगी। जहां तक बात इसकी बुनाई की है, तो इसकी इंटरलॉकिंग साड़ी को बेस्ट बनाने में मदद करती है और फिर इस पर एक खूबसूरत कॉन्ट्रास्ट नजर आता है। बांधनी साड़ी में भी काफी अच्छी कांचीपुरम साड़ियां बनती हैं।
संबलपुरी हैंडलूम साड़ियां लेते वक्त ध्यान दें
संबलपुरी हैंडलूम की बात करें, तो ये साड़ियां इकत बुनाई की होती है, इसे संबलपुरी इकत हैंडलूम के नाम से जाना जाता है और इसे खूब पसंद भी किया जाता है। यह हैंडलूम की सबसे कठिन बुनाई में से एक माना जाता है। इन साड़ियों की यह खूबी होती है कि ओडिशा हैंडलूम संबलपुरी सिल्क साड़ियां बोल्ड रंगों और खूबसूरत कपड़ों की वजह से काफी रचनात्मक नजर आती है। अब इसकी असलियत की पहचान कैसे हो, इसके लिए आपको जानना जरूरी है कि संबलपुरी खरीदने से पहले बुनाई के पैटर्न को देखना जरूरी है। साथ ही संबलपुरी सिल्क मूल हैंडलूम पर पारंपरिक रूप से कई चीजें नजर आती हैं, जिनमें शंख, फूल, चक्र (पहिया), हंस और हाथी नजर आते हैं। इसके रंग काफी खास होते हैं, जल्दी जाते नहीं हैं, तो इस बात का भी ख्याल रखना जरूरी है।
असली हैंडलूम और नकली में अंतर
दरअसल, बेहद जरूरी है कि इस बात का ख्याल जरूर रखा जाये कि भारत सरकार ने हथकरघा साड़ियों को प्रमाणित करने के लिए काफी कुछ तय कर रखा है। दरअसल, ऐसी ही एक संस्था है हैंडलूम मार्क, जो हथकरघा उत्पादों को दिया जाने वाला प्रमाणन चिह्न है और इसका मतलब यह होता है कि हैंडलूम मार्क एक सरकारी समर्थित प्रमाण है, यह चिन्ह दर्शाता है कि उत्पाद कुशल कारीगरों द्वारा हथकरघे पर बुना गया है और सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के मानकों को पूरा करता है। इसलिए हमेशा ही साड़ी पर या साड़ी से जुड़े टैग पर ये मार्क जरूर चेक कर लें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
हैंडलूम साड़ी के किनारों को जांचना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसे साड़ी से बुना जाता है। तो यह जान लें कि साड़ी का बॉर्डर डिजाइन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, तो उस पर ध्यान दें, जबकि नकली हैंडलूम साड़ियों में आम तौर पर एक बॉर्डर होता है, जिसे साड़ी पर सिला जाता है और वह बुना गया नहीं होता है।