अक्सर हम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं कि हमें लड़कियों को ऐसे आत्मनिर्भर बनाना चाहिए, वैसे आत्मनिर्भर बनाना चाहिए, लेकिन हकीकत यही है कि लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे अहम जिम्मेदारी यही है कि आपको अपनी बेटियों को घर में ही छोटी-छोटी चीजों में यह सिखाना होगा कि वे कैसे किसी दूसरे पर निर्भर न हों।
बाहरी दुनिया से वाकिफ
कई बार घर की बेटियों पर ये पाबंदियां लग जाती हैं कि उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है। घर के लड़कों को घर के काम की बजाय, बाहर के बाजार के काम सिखाये जाते हैं, ऐसा हरगिज नहीं करना चाहिए, बेहद जरूरी है कि एक उम्र के बाद, लड़कियों को बाहर निकलना और जाकर खरीदारी करना और घर की जिम्मेदारियों में ये छोटा सा योगदान देना शुरू करें, इससे उनमें बाहरी दुनिया देखने और लोगों के साथ कैसे डील करना है, इसकी स्किल डेवलप करेगी।
सोलो ट्रिप्स
सोलो ट्रिप्स पर अक्सर पेरेंट्स जाने पर पाबंदियां लगा देते हैं या फिर कई सारे सवाल पूछते हैं, ऐसे में सोलो ट्रिप्स पर जाना और उनके लिए हां कहना पेरेंट्स के लिए मुश्किल होती है, आपको इसमें करना क्या है कि अपनी बेटियों पर भरोसा रखते हुए एक समय के बाद उन्हें घूमने फिरने भेजा जाए, ताकि वो दुनिया को अलग तरीके से देखें, लोगों को अच्छे से समझ पाएं, इससे भी उनमें आत्मनिर्भर होने की क्षमता बढ़ेगी।
घर के अहम मुद्दों में उनके विचार
घर के अहम मुद्दों पर उनके विचार बेहद जरूरी होते हैं, इस बात का ख्याल रखना जरूरी है, उन्हें इस बात का एहसास कराएं, अगर आपकी बेटियां हैं और घर में किसी अहम मुद्दे पर बात हो रही है तो आप अपनी बेटियों को भी अपनी राय रखने के लिए स्पेस दें, बेटियां इस चीज से भी अपने आस-पास की दुनिया को पूरी तरह से एक्सप्लोर करती है। खुद को फिर वह आत्मनिर्भर महसूस करती हैं।
जरूरत से ज्यादा पूछताछ सही नहीं
एक उम्र के बाद बेटियों से जरूरत से ज्यादा पूछताछ भी उनको दब्बू बना सकता है, अगर घर में भाई है और किसी को बाहर जाना है, तो भाई के बिना नहीं जा सकती, ऐसी स्थिति नहीं बनाएं, बल्कि उन्हें शाम में कैसे लौटना है और अपने आप की सुरक्षा कैसे करनी है, इस बात पर अधिक फोकस करें। उनके दोस्त बन कर उनकी बातों को समझने की कोशिश करें और उन्हें जिंदगी जीने के लिए पूरी तरह से आजादी दें, ये चीजें उन्हें खुद आत्मनिर्भर बना सकती हैं। उन्हें बिना सहारा हर काम करने की हिम्मत दें, ताकि उन्हें भविष्य में किसी पर भी निर्भर रहने की नौबत आये ही न।
सिखाएं ड्राइविंग
लड़कियां ये नहीं कर सकतीं, वो नहीं कर सकतीं, जैसी बातों से अपना दिमाग न खपाएं, उन्हें ड्राइविंग सिखाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर कभी भी उन्हें किसी और के पास जाना न पड़े, उन्हें कार, बाइक और जीवन में वे जो भी एडवेंचर करना चाहती हैं, उन्हें सबकुछ सिखाएं, इससे वे आगे ही बढ़ेंगी और बेहतर करने की कोशिश करेंगी।