पक्षियों की उड़ान को कोई रोक नहीं सकता है। आसमान में उड़ते हुए पक्षियों को देखते हुए हमें बचपन से यह सीख मिलती आयी है कि अपनी उड़ान को हमेशा ऊंची रखते हुए अपने लक्ष्य को पाने के लिए सतत प्रयास करते हुए एक दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पक्षियों से हम सभी को गिविंग स्वभाव की भी सीख मिलती है। पक्षियों से हम देने की कला का महत्व सीख सकते हैं। पक्षी हमें सिखाते हैं कि कैसे अपने जीवन को दूसरों की मदद करके सार्थक करना चाहिए। कैसे किसी की एक आवाज पर अपने कदमों की उड़ान को तेज करना चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से।
वफादारी का स्वभाव
वफादारी किसी को भी दिया हुआ सबसे नायाब कीमती तोहफा होता है। वफादारी की भावना हर किसी के अंदर नहीं होती है, लेकिन पशु और पक्षी हमें अपनी हरकतों से बिना कुछ कहें यह बताते हैं कि कैसे वह अपने मालिक या फिर अपने लोगों के प्रति ईमानदार रहते हैं। वफादार रहते हैं। किसी भी रिश्ते में वफादारी देना गिविंग स्वभाव की सबसे बड़ी खूबी मानी जाती है। पेट्स से लेकर घर में पाले जाने वाला तोता भी अपने मालिक के प्रति वफादार रहता है।
वक्त देने का स्वभाव
अपना वक्त देना भी गिविंग स्वभाव की एक बड़ी खूबी है। पक्षी कभी भी अपने परिवार और अपने लोगों को अनदेखा नहीं करते हैं। पूरे दिन कहीं पर भी घूमने के बाद वे रात में अपने लोगों के पास पहुंच जाते हैं। अपने लोगों को समय देने के साथ वक्त की कीमत करना की सीख भी पक्षी अपनी हरकतों से हर बार बताते हैं।
बांटने का स्वभाव
बांटने का स्वभाव भी गिविंग होने का अंदाज बयान करता है। पक्षी बताते हैं कि किस तरह अपने साथ वह अपने परिवार और अपने दोस्तों के लिए अपने झुंड के लोगों के लिए भी खाने का इंतजाम करते हैं। अपने खाने के लिए पक्षी हमेशा छोटा नहीं बल्कि बड़ा निवाला उठाते हैं, ताकि उसे वे अपने बाकी के साथियों के साथ बांट सकें। यहां तक कि जब उन्हें प्यास लगती है, तो अपनी आवाज से पक्षी अपने सभी साथियों को भी बुलाकर लाते हैं।
सुरक्षा देने का स्वभाव
किसी के बुरी परिस्थिति में काम आना भी गिविंग स्वभाव की फेहरिस्त में शामिल है। बिना मांगे जब आप किसी की सुरक्षा के लिए पहुंचते हैं, तो उससे बड़ा मददगार कोई दूसरा नहीं होता है। पक्षी हमेशा विपत्ति में फंसे हुए अपने साथियों की सुरक्षा के लिए एक साथ झुंड में पहुंच जाते हैं। साथ ही हमेशा बिना किसी लालच अपने लोगों की मदद के लिए अग्रसर रहते हैं।
साथ कुछ नहीं ले जाते हैं
यहां तक कि पक्षी कभी भी अपने साथ कुछ नहीं लेकर जाते हैं। खासकर चिड़िया और कबूतर अपने साथ खाने का कोई सामान नहीं लेकर जाते हैं। आप उन्हें कितने भी दाने डाले, अपने जरूरत का खाने के बाद उड़ जाते हैं और अपने बाकी के साथियों को भोजन के लिए बुलाकर लाते हैं। पक्षी यह बताते हैं कि इस दुनिया के मेले में अंत में साथ कुछ नहीं जाना है। खाली हाथ आना है और खाली हाथ जाना है।