अमूमन बात जब आती है, शादी, पूजा या निकाह की, उसमें महिलाओं को पण्डित के रूप में देखना लोगों के लिए आश्चर्यजनक होता था, लेकिन अब महिलाएं भी इस क्षेत्र में आ रही हैं और लोग उनके साथ सहज हो रहे हैं, तो आइए जानते हैं, ऐसी ही कुछ महिला पंडितों के बारे में।
मेडिटेशन गुरु डॉ निर्मला सेवानी
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राजस्थान के जयपुर में महिला पंडित ने वर-वधू के फेरे करवाए हैं, महिला पुजारी के रूप में अब तक 42 शादियां हो चुकी हैं। निर्मला ने मन्त्रों का उच्चारण करती हैं, उन्हें संस्कृत में पूरी महारत हासिल है, साथ ही वह 32 चरणों में प्रजापति ब्रह्म विधि में हिंदू विवाह की रस्मों का पर्यवेक्षण करती हैं। आज जयपुर की कई जगहों पर निर्मला सेवानी शानदार तरीके से शादियां करवा रही हैं।
कोलकाता में दुर्गा पूजा करवाती हैं महिला पुरोहितें
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नंदिनी भौमिक, रूमा रॉय, सेमंती बनर्जी और पॉलोमी चक्रवर्ती वो चार महिला पुरोहित हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष कोलकाता के कई सारे पंडालों में पूजा करवायी और वो भी लोकप्रिय पंडालों में। धीरे-धीरे इन महिलाओं ने इस सोच को तोड़ा है कि पूजा-पाठ केवल पुरुष ही करवा सकते हैं, क्योंकि यह ज्ञान का क्षेत्र है और इस पर पुरुषों का ही हक़ है। चार हिंदू पुरोहितों न केवल पश्चिम बंगाल, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में पुरुष पुजारियों के प्रभुत्व वाले क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। ये महिलाएं अब लोकप्रिय हैं और आम तौर पर छोटे समारोहों जैसे कि सरस्वती पूजा और शादियों में भी शामिल होती हैं।
दक्षिण कन्नड़ से अनघा भट्ट
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दक्षिण कन्नड़ जिले की अनघा भट्ट बहुत ही कम उम्र की महिला पुरोहित हैं। वह अपने परिवार की पहली महिला पुरोहित हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में अपने कदम रखे हैं। बंटवाल ताल के दासकोड़ी गांव की 17 वर्षीय अनघा भट को उनके पिता ने इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही उन्हें संस्कृत और वेद पर गहन अध्ययन करने को कहा, ताकि अनघा ऐसी जगह में ज्यादा बड़ी पहचान बना सकें।
पुणे के ज्ञान प्रबोधिनी प्रशिक्षण की है खास बात
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पुणे स्थित‘ज्ञान प्रबोधिनी’ संस्था सभी जातियों के पुरुषों एवं महिलाओं को अनुष्ठान करवाने और पुरोहित बनने के लिए प्रशिक्षण देने का काम कर रही है। खास बात यह है कि संस्थान एक वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित करता है, जिसमें प्रशिक्षुओं को वैदिक ज्ञान के साथ-साथ सभी प्रकार के संस्कारों के बारे में पुरा अध्ययन कराया जाता है और इसका लाभ उठा कर अब तक पुणे एवं मुंबई की ऐसी कई महिलाएं हैं, जो अनोखा काम करने लगी हैं और पुरोहित के रूप में काम कर रही हैं। कई लोग और परिवार मानने लगे हैं कि महिलाएं बेहतरीन तरीके से पुरोहित बनने का काम करती हैं।
मैसूर की पुरोहित भ्रमरंभा महेश्वरी
मैसूर की भ्रमरंभा महेश्वरी की सबसे खास बात यह है कि वह महिलाओं के सशक्तिकरण को जेहन में रखते हुए काम करती हैं, वे महिलाओं के बारे में लोगों की सोच भी अपने पुरोहित होने की भूमिका से बदलना चाहती हैं कि पुरुष के इस क्षेत्र में कोई एकाधिकार नहीं होना चाहिए। इसलिए भी भ्रमरंभा महेश्वरी वहां की महिलाओं में काफी लोक्रप्रिय हैं।
इनके अलावा, दीया मिर्जा की शादी में महिला पुरोहित शीतल अट्टा ने शादी संपन्न की थी तो उस वक़्त उनकी काफी चर्चा हुई थी, साथ ही कई लोगों ने फिर अनुष्ठानों के लिए महिला पुरोहितों को आमंत्रण देना शुरू किया।
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