जब भी कोई छोटे शहर से बड़े शहर की तरफ रुख करता है और उनकी पढ़ाई अगर हिंदी मीडियम से हुई है, तो उन्हें इस बात की झिझक बार-बार होती है कि आखिर किस तरह से हम बड़े शहरों में अपनी जगह बना पाएंगी, लेकिन अगर आपकी हिंदी पर पकड़ है तो आपको इस बात पर गर्व करना चाहिए। आइए जानें विस्तार से।
झिझक को मिटाएं
हिंदी भाषा पर पकड़ होने की बात को हम हमेशा अनदेखा कर देते हैं, हमें कभी यह बात नहीं लगती है कि हमारे पास हिंदी एक ताकत है, मान लीजिए किसी बड़े शहर में आने के बाद, कोई आपसे बेधड़क अंग्रेजी में बात कर रहा है, लेकिन आप नहीं कर पा रही हैं, तो खुद को छोटा समझने की जरूरत नहीं है, नयी भाषा को सीखने की कोशिश करें, लेकिन खुद को छोटा समझने की गलती न करें। इस बात को लेकर आपको कभी कॉम्प्लेक्स नहीं होना चाहिए कि हिंदी मीडियम से हैं, तो बड़े शहर में गुजारा मुश्किल होगा।
हिंदी पर आत्मविश्वास
अभी हाल में ही फिल्म 12 th फेल आई, उसमें यूपीएससी के फाइनल राउंड में हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने की वजह से कई सवाल मुख्य नायक से होते हैं, लेकिन वह बड़े ही आत्मविश्वास से जवाब देता है। आप आंकड़े भी देखें, तो हिंदी बोलने वाली जगहों से ही अधिकतर अधिकारी निकलते हैं, इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपनी भाषा पर आत्मविश्वास रखें और इसके बारे में कुछ नहीं सोचें।
टूटी-फूटी से बेहतर है अच्छी हिंदी बोलना
कई बार हम सिर्फ यह दिखाने के लिए कि मुझे अंग्रेजी आती है, टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलते हैं और फिर हमारा मजाक बन जाता है, इसलिए कभी शर्म नहीं करें और जो भाषा आपको अच्छे से बोलने आती है, आप उसी भाषा का इस्तेमाल करें। कभी शर्म नहीं करें।
प्रेरणा लें
अब भी अमिताभ बच्चन, मनोज वाजपेयी और ऐसे कई अभिनेता हैं, जिनकी यही कोशिश होती है कि वो स्क्रिप्ट हिंदी में ही लें, ऐसे लोगों के किस्से और उनकी प्रेरणा भरी बातें पढ़ें, जो आपको यह समझाने की कोशिश करते हों कि जीवन में कुछ बेहतर करना अच्छा होता है। इसके लिए हिंदी या अंग्रेजी ही आना जरूरी नहीं, बस आपकी भाषा पर पकड़ होना जरूरी है, सो गर्व करें और फिर करियर को लेकर जिंदगी में आगे बढ़ें।
बेईमानी नहीं, जो हैं बने रहें
मान लीजिए, आप कहीं जा रही हैं और आपको वहां खुद को प्रेजेंट करना है और आपको यह बताना है कि आप किस शहर या गांव से हैं, लेकिन आपको यह लग रहा है कि लोग आपका मजाक बनाएंगे, तो आप झूठ भी बोल देते हैं कई बार अपनी पहचान छुपाने के लिए, जबकि आप जितने ओरिजिनल रहेंगे, लोग आपको उतना पसंद करेंगे, तो इस बात को लेकर भी स्पष्ट रहें कि आपको बेईमानी नहीं करनी है, आप जो हैं, बस वैसे ही बने रहें, तभी हमारी हिंदी भाषा को अपना सम्मान और उसकी कद्र होगी, क्योंकि सबसे पहले कद्र तो हमें खुद की करनी पड़ती है।