अमूमन जब भी सेलिब्रेशन की बात आती है, तो हम किसी दिन की तलाश करते हैं, जबकि अपने अंदर के बच्चे को जिंदगी में जिन्दा रखना ही रियल मायने में सेलिब्रेशन होता है और उसे हर दिन ही सेलिब्रेट किया जा सकता है, कैसे आइए जानते हैं।
सेलिब्रेशन छोटे बच्चे की तरह
आपने कभी शायद गौर किया होगा कि जो छोटे बच्चे होते हैं, उन्हें अगर उनकी पसंद की कोई छोटी सी चीज भी मिल जाए, तो वो खुश हो जाते हैं, तो आपको भी उसी बच्चे को अपने दिल में जिन्दा रखते हुए यह कोशिश करनी चाहिए कि जिंदगी में या हर दिन भी आपको कोई छोटी सी भी कामयाबी मिले, तो एक बच्चे की तरह ही उसका जश्न मनाएं।
पुराने दोस्तों को इर्द-गिर्द रखें
यह एक बेहद जरूरी बात होती है कि जब आप अपने दोस्तों के साथ होते हैं, तो आपके चेहरे पर खुद ब खुद खुशहाली आ जाती है, इसलिए आपकी जिंदगी में सेलिब्रेशन हो सके, इसके लिए आपको अपने साथ के दोस्तों को हमेशा इर्द-गिर्द रखना चाहिए, वे आपकी जिंदगी में अद्भुत तरीके से मिठास और जश्न घोलते हैं और साथ ही एक दूसरे की खिंचाई करते हैं, तो फिर आपकी जिंदगी कभी भी बोरिंग और उबाऊ नहीं होती है।
मौसम और माहौल को लेकर शिकायती नहीं एन्जॉय करें
जैसे-जैसे हम समझदार होते जाते हैं, हमारे दिमाग में यही बातें चलने लगती हैं कि हमें हर चीज में कमियां या शिकायत दिखती है, किसी बारिश में हम जिस तरह से खिल खिला कर हंसते थे, अचानक से वहीं बारिश के कीचड़, हमारा मूड बिगाड़ने के लिए काफी हो जाते हैं, हमें हर बात में कमियां दिखती हैं, जबकि अगर आप किसी विपरीत परिस्थिति को शिकायती नजर से न देखिए, एन्जॉय करते हुए देखेंगी, तो यकीन मानिए आपके अंदर का जो मासूम बच्चा है, वो खुश रहेगा और आपकी जिंदगी में सेलिब्रेशन बना रहेगा।
बच्चों जैसी हरकत मत करो
अमूमन जब हम बड़े हो जाते हैं, तो हर बड़े और ज्ञानी हमें यह ज्ञान जरूर देने लगते हैं, जबकि जरूरी है कि आप बच्चों वाली हरकतें करें, कभी किसी के बगान से फल चुरा के खा लेना, बच्चों जैसा आइसक्रीम, हवा मिठाई, चूरन और लगातार एक से ज्यादा चीजें खाना, घर के सारे बिस्किट और मिठाई खा जाना, कुछ हेल्थ ड्रिंक्स के पाउडर, मिल्क पाउडर को खाना ये सब आपको करने से आपके अंदर का बचपना जिन्दा रहेगा, लोगों का क्या है वो तो कहेंगे ही, आप ये सब करेंगी तो आपको किसी और की या जिंदगी में किसी खास सेलिब्रेशन का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। समझदार बनने पर हम खान-पान में भी नाप तौल सीख जाते हैं, जबकि बचपन में खान पान को एन्जॉय करते हैं, अगर आप बड़े होकर भी उस बचपन को बड़ा होने देते हैं, तो यकीन मानिए जिंदगी में बोरियत नहीं आएगी।
कैलकुलेटर मत बनें
इस बात का भी ख्याल रखना जरूरी है कि आप खुद को कभी कैलकुलेटर न बनने दें, सबकुछ नाप-तौल कर, हिसाब से करने पर आपका तनाव पैसों को लेकर या माहौल को लेकर बढ़ सकता है, जबकि अगर आप खुद को फ्री छोड़ेंगी, तो नयी चीजें एक्सप्लोर नहीं कर पाएंगी, तो इसलिए बिना सोचे समझे भी कभी भी जिंदगी में कुछ नयी चीजें करें, बच्चों जैसे सवाल जवाब करें, बेपरवाह रहें, तो हर दिन सेलिब्रेशन जैसा ही लगेगा।