पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला खिलाड़ियों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। भारतीय महिला खिलाड़ियों ने कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, हालांकि कुछ उम्मीदें अधूरी भी रह गईं। फिर भी, उनकी मेहनत और संघर्ष ने पेरिस ओलंपिक 2024 को भारतीय खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बना दिया। आइए जानते हैं ओलंपिक 2024 में महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन से जुड़ी खास बातें।
ओलम्पिक 2024 में भारत की दावेदारी
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26 जुलाई 2024 में पेरिस में आयोजित हुए ओलंपिक गेम्स में, 16 खेलों के मद्देनजर 69 स्पर्धाओं में 95 मेडल्स के लिए भारत की तरफ से 117 एथलीटों ने भाग लिया था, जिनमें 70 पुरुष और 47 महिलाएं थीं। हालांकि इन 117 एथलीटों में से 29 खिलाड़ियों ने ओलंपिक में अपनी जगह बनाते हुए 6 मेडल भारत को दिए, जिनमें से दो ब्रॉन्ज मेडल के साथ मनु भाकर लाइमलाइट में आ गईं। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में हुए पिछले ओलंपिक के मुकाबले भारत अपनी 48वें पोजीशन से फिसलकर 2024 में 71वें पर पहुंच गया, लेकिन महिला खिलाड़ियों के मद्देनजर यह ओलंपिक भारत के लिए काफी खास रहा।
निशानेबाजी (shooting) में मनु भाकर ने रचा इतिहास
भारतीय खिलाड़ियों द्वारा जीते गए एक सिल्वर और और पांच ब्रॉन्ज मेडल में से तीन निशानेबाजी से आए थे। इसमें मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के साथ 10 मीटर मिक्सड डबल्स में बारी-बारी से 2 कांस्य पदक जीते। इस तरह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर इकलौती एथलीट बन गईं। गौरतलब है कि मनु भाकर ने महज 16 साल की उम्र में 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में एयर पिस्टल स्पर्धा में दो गोल्ड मेडल जीते थे। इस स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाली वे भारत की सबसे कम उम्र की महिला थीं।
टेबल टेनिस में मनिका और श्रीजा का रहा शानदार प्रदर्शन
मनिका बत्रा ने टेबल टेनिस में शानदार शुरुआत करते हुए ग्रेट ब्रिटेन की खिलाड़ी को हराकर राउंड ऑफ 32 में जगह बनाई। शानदार शुरुआत के साथ प्री-क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने की उनकी यह उपलब्धि उन्हें ओलंपिक इतिहास में टेबल टेनिस के इस स्तर पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनाती है। हालांकि, उन्हें जापान की मिउ हिरानो के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा श्रीजा अकुला ने भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए राउंड ऑफ 16 तक का सफर तय किया, लेकिन चीन की शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ी के सामने उन्हें हार मिली। हालांकि मनिका और श्रीजा का टेबल टेनिस में शानदार प्रदर्शन भारतीय महिलाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह साबित करता है कि भारतीय खिलाड़ी वैश्विक मंच पर चुनौती पेश कर सकती हैं।
अश्विनी ने लिया संयास और पीवी सिंधु का रहा मजबूत प्रदर्शन
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अश्विनी पोनप्पा ने पेरिस ओलंपिक में अपना आखिरी मैच खेलते हुए बैडमिंटन करियर को अलविदा कह दिया था। हालांकि महिला युगल में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उनके ओलंपिक सफर ने भारत को गौरवान्वित किया। इसके अलावा पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में एक मजबूत प्रदर्शन दिया। हालांकि वे मेडल से चूक गईं, लेकिन उन्होंने क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया, जो उनके खेल कौशल का प्रमाण है। भारत के लिए महिला बैडमिंटन में कोई मेडल नहीं आया, लेकिन इस क्षेत्र में भारतीय खिलाड़ियों ने कड़ी प्रतिस्पर्धा दिखाई।
एथलेटिक्स किरण पहल ने की शानदार कोशिश
किरण पहल ने महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में हिस्सा लिया और रेपेचेज राउंड तक पहुंची। हालांकि, वह सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं और मेडल से चूक गईं, लेकिन ओलंपिक में उनका प्रदर्शन काबिले गौर रहा।
तीरंदाजी (archery) में अंकिता भकत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा
अंकिता भकत ने धीरज बोम्मदेवरा के साथ मिलकर मिक्स्ड डबल्स कॉम्पटीशन में चौथा स्थान हासिल किया। ऐसा माना जा रहा है कि तीरंदाजी में भारत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक प्रदर्शन रहा।
तैराकी (swimming) में 14 वर्षीय धनिधि ने खींचा सबका ध्यान
इस वर्ष तैराकी के क्षेत्र में बेंगलुरु की 14 वर्षीय तैराक धनिधि देसिंघु ने भारत की सबसे कम उम्र की एथलीट के रूप में ओलंपिक में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया है। इस स्पर्धा में उन्होंने अनुभवी तैराक श्रीहरि नटराज के साथ हिस्सा लिया था, लेकिन अफ़सोस मेडल की दावेदारी में वे चूक गईं, लेकिन उनका प्रदर्शन शानदार रहा।
कुश्ती (wrestling) में विनेश रहीं असफल
इस वर्ष अनुभवी विनेश फोगाट और अमन सहरावत सहित छ: खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती टीम की तरफ से पेरिस 2024 ओलंपिक में हिस्सा लिया था लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद विनेश मेडल पाने में नाकामयाब रहीं।
अकेली वेट लिफ्टर मीराबाई चानू रहीं चौथे स्थान पर
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टोक्यो 2020 ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतनेवाली मीराबाई चानू, पेरिस 2024 ओलंपिक में वेट लिफ्टिंग कॉम्पटीशन में हिस्सा लेने वाली अकेली भारतीय वेट लिफ्टर थीं। उन्होंने महिलाओं की 49 किग्रा वेट लिफ्टिंग कॉम्पटीशन में भाग लिया था और चौथे स्थान पर रहीं।
कुल प्रदर्शन का मूल्यांकन
भारतीय महिला खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने प्रदर्शन से साबित किया कि वे प्रतिस्पर्धात्मक स्तर पर उत्कृष्टता हासिल कर रही हैं। भले ही कई स्पर्धाओं में उन्हें मेडल नहीं मिले, लेकिन भविष्य के लिए उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए। हालांकि उनके प्रदर्शन ने यह भी बताया कि भारत को स्पोर्ट्स के मद्देनजर अभी और सुधार की आवश्यकता है, जिससे महिला खिलाड़ियों को बेहतर संसाधन और अवसर प्रदान किए जा सकें।
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