गर्मी की शुरुआत अब बस होने वाली है, ऐसे में घर के पेट्स का भी ख्याल रखना जरूरी होगा, क्योंकि गर्मी में उनके लिए भी तैयारी अलग तरह से करनी पड़ती है।
पानी की मात्रा का ख्याल
हम शायद ही इस बात पर ध्यान न दें, लेकिन हकीकत यही है कि जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी अपने आप में परेशानी का सबब बनता है। लेकिन पेट्स को जब प्यास लगती है, तो वे भी बिना रुके लगातार पानी पीते हैं, जो कि उनके लिए परेशानी का सबब बन ही जाता है। तो कम समय में अगर पेट्स ज्यादा पानी और जल्दी पानी पिएंगे, तो पेट्स को सूजन, थकान,पीले मसूड़े और उल्टी जैसी परेशानी हो सकती है। इस बात का भी ख्याल रखें कि हर दिन गर्मी में पसीने होने की बात को सोच कर आप उन्हें हर दिन उन्हें अगर स्नान कराएंगी, तो उनकी तकलीफ बढ़ जायेगी। इसलिए ऐसी गलती कभी नहीं करना है कि आपको अपने पेट्स को गर्मी के बारे में सोच कर तकलीफ देनी है। उन्हें जितनी जरूरत हो, उतनी पानी दें और आराम से रहने दें। हर दिन नहाने अपर उन्हें एलर्जी और जलन की भी समस्या हो सकती है।
ठंडी जगहों पर रखें
जैसे ही तापमान बढ़ता है, आपके कुत्तों को नंगे फर्श पर आपने लेते हुए देखा होगा, इसकी सबसे बड़ी वजह यही हो जाती है कि फर्श पर उन्हें अच्छा लगता है और ऐसा करना उन्हें खुशी देता है। उन्हें ठंडक की तलाश होती है, तो उन्हें वो ठंडक देने के लिए ठंडे वाले फर्श पर ही रखें और उनका ध्यान रखें। जहां अधिक धूप न हो, ऐसी जगह पर उन्हें रखने की कोशिश करें। गौर करें कि उन्हें ऐसी जगह दें, जो उनकी पसंदीदा जगहों में से एक हों, जैसे कि आराम करने के लिए उनके कुछ पसंदीदा कोने टेबल के नीचे, फर्श पर और सोफे के आसपास की जगह होती है, इन सबका आपको ख्याल रखना है। इन इनडोर कोनों तक वे आसानी से पहुंच जाएं, ऐसी जगह बनाएं। उनके पसंदीदा स्नूज स्पॉट पर भी आपको ध्यान देना चाहिए और उनके बिस्तर को ठीक वैसी ही जगह रखें। अगर संभव हो तो उन्हें वातानुकूलित कमरों में रखने का प्रयास करें।
साथ ही, आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आपका कुत्ता पानी पीता रहे और घर के आसपास हमेशा ताजे पानी के कई कटोरे रखें।
तापमान का ख्याल रखें
आप और आपका कुत्ता गर्मी और नमी के आधार पर दिन के किसी भी समय बाहर व्यायाम कर सकते हैं। दोपहर में टहलने या दौड़ने के लिए कम गर्मी और धूप वाली जगह आपको ध्यान रखनी चाहिए कि आपका कुत्ता ऐसी जगहों पर न जाए, क्योंकि अगर धूप, 80 डिग्री है और अधिक तापमान है, तो दोपहर की गर्मी से बचना आपके लिए बेहतर होगा। इसके अलावा, अपने पेट्स को गर्मी में जल्दी या शाम के समय ले जाने की कोशिश करें। जाने से पहले फुटपाथ का तापमान जांचना याद रखें। तापमान का परीक्षण करने के लिए अपना हाथ फुटपाथ पर अवश्य रखें। आप ब्लैकटॉप्स पर पानी भी डाल सकती हैं।
पार्क किये गए कार में पेट्स नहीं
इस बात का भी आपको ख्याल रखने की जरूरत है कि आपको अपनी कार, जिसे आपने खड़ी किया है कहीं भी, उनमें कभी भी अपने पेट्स को छोड़ने की कोशिश न करें, यह उनके लिए सही नहीं होता है, क्योंकि उन्हें ऐसी कारों में घुटन तो होगी ही, कार का मटेरियल गर्म भी हो जाता है और जिससे आपके पेट्स को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अपने पेट्स को कभी भी खड़ी कार में न छोड़ें, भले ही खिड़कियां टूटी हुई हों फिर भी। कोशिश करें कि आम दिनों में भी इन्हें न छोड़ें, क्योंकि वाहन के अंदर का तापमान भी तेजी से और खतरनाक तरीके से पेट्स को दिक्कत देगा।
पेट्स के लिए अलग जगह
आप अपने पेट्स को अपने मुताबिक कोई भी एक जगह बना कर भी नहीं दे सकतीं, क्योंकि इससे उन्हें परेशानी का सामना करना ही पड़ेगा। जब तक पेट्स अपना ख्याल खुद नहीं रख सकते, आपको उनका ख्याल रखना ही होगा, इसलिए उनके लिए ऐसी जगह बनाएं, जहां उन्हें रौशनी के साथ-साथ अच्छी हवा भी मिले, तो आप इन बातों का पूरा ख्याल रखें।
पेट्स के लक्षण पहचानें
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है कि पेट्स को भी हीटस्ट्रोक्स होते हैं, ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि पेट्स के इन लक्षणों को आप पहचानें। आपको देखना होगा कि आपका पेट्स किस तरह से बर्ताव कर रहा है। वह अपने शरीर से किस तरह की गतिविधि कर रहा है, अपनी नाक और कान को किस तरह से पकड़ रहा है। और उसमें किस तरह से बदलाव आये हैं, इन पूरी बातों का आपको ख्याल रखना ही होगा। अगर आपके पेट्स अचानक चलने या दौड़ने के काम में देरी लगाना शुरू करता है और रुक ही नहीं रहा है, तो इसका मतलब है कि वह शान्ति और ठंडक की तलाश में हैं। अगर आपके पेट्स के कान खड़े हैं और वह सतर्क है और चारों ओर देख रहा है, तो यह स्थिति अच्छी है। वहीं अगर वे झुकना शुरू कर रहे हैं तो यह सोचनीय मदद है। जब बहुत सारे पेट्स अंदर से गर्म महसूस करते हैं, तो आमतौर पर उनकी पूंछ सामान्य रूप से ऊपर होती है और तो वह नीचे की ओर हिलने लगती है, जो कि दर्शाता है कि आपके पेट्स को बड़ी परेशानी होने वाली है। हीटस्ट्रोक का एक और संकेत यह भी है कि वे अपनी जीभ से हांफने से लगते हैं और फिर कुत्ते शांत हो जाते हैं, और जैसे-जैसे उनकी जीभ और हाफती हुई दिखाई दे, समझ लें कि उन्हें गर्मी मिटाने की सख्त जरूरत है और उन्हें जितना आराम हो सकता है और देने की कोशिश करनी चाहिए। गर्मी के दिनों में पेट्स के लिए हीटस्ट्रोक एक गंभीर खतरा होता है। इससे उन्हें डायरिया और उल्टियों की परेशानी हो जाती है।
नो शेविंग
गर्मी के दिनों में जल्दी-जल्दी अपने कुत्ते की शेविंग नहीं करनी चाहिए, यह परेशानी का सबब बन जाता है, क्योंकि शेविंग करने से उन्हें दिक्कत होती है। जी हां, इस महीने में अपने पेट्स का फर शेव करना सही नहीं होगा, वैसे आपको यह लग सकता है कि फर मोटे रहेंगे तो उन्हें गर्मी लग सकती है, जबकि सच यह है कि आपके पेट्स को ये फर बिना शेविंग या ट्रिम किये धूप से बचाते हैं और गर्मी से ही बचाते हैं। हालांकि आप अपने पेट्स को अच्छे से ट्रिम कर सकती हैं, लेकिन पहले इस बारे में अपने पशुचिकित्सक से जरूर सलाह लें।
साथ ही उनके ब्रश करने के शेड्यूल का भी पूरा ध्यान रखना होगा। साथ ही कोशिश करें कि डेड बालों को आपको बनने से रोकना है।
पेट्स को भी आते हैं पसीने
अगर आपको ऐसा लगता है या आप यह सोचते हैं कि पेट्स को पसीना नहीं आता है, तो आपको इस बारे में सोचना जरूरी है, यह सही बात नहीं है, गलतफहमी है। जी हां, उनकी पसीने के ग्लैंड्स, उनके बूप और पंजों में होती हैं। उनके साथ कोई भी गर्म चीजों से जुड़ी गतिविधियों को छोड़ देना चाहिए। कोशिश करें कि सड़क पर उन्हें अधिक न छोड़ें। उन्हें अकेले भी कभी घूमने के लिए न छोड़ें।