वर्क फ्रॉम होम के विकल्प अब लगभग हर कंपनी ने खत्म कर दिया है, भारत में तो लगभग हाइब्रिड मोड यानी हफ्ते के कुछ दिन घर से और कुछ दिन ऑफिस वाली स्थिति भी नहीं रही है, जाहिर है कि घर में रहते हुए आपके कई तरह के शेड्यूल होते हैं, आपके साथ रहने वाले लोगों को भी आपके साथ नियमित रूप से ठीक उसी तरह जीने की आदत भी हो गई है, लेकिन इंसानों के साथ-साथ अगर आपके घर के सदस्यों में आपके पेट्स भी शामिल हैं, तो उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी आपको ही देखनी है और वो भी अपने ऑफिस के वर्क बैलेंस करते हुए, तो आइए जानें कुछ टिप्स, कैसे आप कर सकती हैं इसमें बैलेंस।
इमोशनल नहीं, कुछ प्रैक्टिकल निर्णय
यह सच है कि जब आपके पेट्स आपके साथ रहने लगते हैं, तो आप उनसे इमोशनली जुड़ जाते ही हैं, ऐसे में उन्हें एक पल के लिए छोड़ना मुश्किल होता है, लेकिन फिर भी आपको इमोशनल होकर नहीं थोड़े प्रैक्टिकल होकर निर्णय लेना होगा। अगर आप अकेली रहती हैं, तो बेहतर होगा कि आप एक केयरटेकर रखें और अगर आप दो लोग हैं, तो आप दोनों को जिम्मेदारी बांट लेनी होगी, तभी आप दोनों ही अपने काम पर भी पूरा ध्यान रख पाएंगी।
एहसास उन्हें होगा ही
आप जब एक बार फिर से काम पर लौट रही हैं, तो जाहिर सी बात है कि आपके पेट्स को अकेले रहने की वजह से परेशानी और तनाव होगा ही और आप यह उनकी गतिविधियां देख कर पता लगा लेंगी, लेकिन ऐसे में आपको भी कोशिश करनी होगी कि यहां आप टूटे नहीं, बल्कि घर से जाते हुए उन्हें गले लगाएं और फिर वापस आने पर उनके साथ समय बताएं। शुरुआत में कुछ दिनों तक परेशानी होगी, लेकिन फिर आपके 24 घंटे उनके साथ न रहने की उन्हें आदत हो जाएगी और यही आप दोनों के लिए अच्छा होगा। गौरतलब है कि दूसरे कुत्तों की तुलना में अलगाव की चिंता से अधिक बुरी तरह पीड़ित हो सकती हैं। लैब्राडोर, बॉर्डर कॉलिज और टॉय पूडल ऐसी नस्लें कुछ हैं, जो काफी जल्दी तनाव में आ जाते हैं। हो सकता है कि वे गुस्से में आकर बुरी तरह बर्ताव करें, वे घर गंदा कर सकते हैं, फर्नीचर को नुकसान पहुंच सकता है या यहां तक कि खुद को चोट भी पहुंचा है। इसलिए अगर आप नए रूप से एक पेट्स के पेरेंट बनने जा रही हैं, तो आपको सोचना होगा और नस्ल पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा, काम पर जाने से पहले उन्हें सुलाने का प्रयास करें या फिर उन्हें सुबह की लंबी सैर के लिए ले जाएं, इससे उन्हें धीरे-धीरे अकेले रहने की आदत लगेगी।
शेड्यूल तय करें
जानवरों को आदत होती है कि वे एक बार शेड्यूल तय कर लें, तो वे उसी अनुसार से रूटीन में आ जाते हैं, तो आपको भी अपने ऑफिस की टाइम टेबल के अनुसार शेड्यूल तय कर देना चाहिए, इससे आपको उन्हें शेड्यूल करने में और जिंदगी को लेकर आगे बढ़ने में दिक्कत नहीं आएगी। उनके सोने, खेलने, खाने और वॉक सबकुछ का ध्यान रखें, उनकी अनदेखी न हो, इसके लिए आपको उनके शेड्यूल की भी एक फेहरिस्त तैयार रखना चाहिए।
इंटेरेक्टिव टॉयज
यह आपके लिए बेहतरीन मौका है कि आप तकनीकों का इस्तेमाल करें, जैसे आप चाहें तो कोशिश करें कि ऐसे इंटेरेक्टिव टॉयज आजकल बाजार में उपलब्ध हैं, जो कुत्तों या कोई भी पेट्स से बातें करेंगे, उनके कुछ तय टॉक्स होते हैं, जिन्हें रख कर भी आप अपने काम के समय अपने पेट्स को उनके साथ इन्वॉल्व कर सकती हैं। कुछ समय के लिए यह तरीके चुनना अच्छा होगा।
पेट्स प्ले स्कूल
आजकल कई शहरों में कुत्तों के प्ले स्कूल भी हो गए हैं, जहां सभी अपने कुत्तों को छोड़ कर जा सकते हैं और कुछ लोग उनकी देखभाल कर सकते हैं, आपके पास अगर कोई विकल्प उपलब्ध न हो, तो आप यह भी कर सकती हैं, हालांकि इसके लिए आपको पूरी जानकारी प्ले स्कूल के बारे में, उसके मालिकों के बारे में जान लेना जरूरी है, तभी आप सही निर्णय ले पाएंगी और आपके पेट्स को भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगा।