एक मशहूर कहावत है, कुत्तों से अच्छा दोस्त कोई नहीं होता है। इसलिए उन्हें अपना साथी बना लेना ही बेहतर होता है। आपके घर में रहने वाला कोई भी पालतू जानवर कुत्ते जितना वफादार नहीं होता है, वह आपका न सिर्फ दर्द समझता है, बल्कि बुरे वक़्त में भी कभी आपका साथ नहीं छोड़ता है। लेकिन कुछ लोग मान लेते हैं कि कुत्ते पालने का मतलब, सिर्फ उन पर हुक्म चलाना होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है, कुत्ता, बिल्कुल आपके घर के किसी बच्चे की तरह ही होता है, जो आपसे सिर्फ प्यार की चाहत रखता है, एक बात का लेकिन हमेशा ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आप एक कुत्ता पालने जा रहे हैं, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी भी निभाना अच्छी तरह से जानिए, तभी इसे उठाएं। आइए आपको कुत्ता पालने से जुड़ी हर जरूरी बात बताते हैं।
कुत्ता पालने के फायदे
कुत्ता पालना आपको भावनात्मक रूप से स्ट्रांग बना देता है। यह बात अध्ययन से भी सामने आती है कि कुत्ते आपको इमोशनल रूप से सपोर्ट करते हैं। यही वजह है कि आप खुद खुश रहते हैं और आपको किसी भी तरह का तनाव नहीं होता है, इसलिए तनाव मुक्त होने के लिए यह बेहद अच्छा उपाय रहता है। एक और बात अच्छी होती है कि घर में अगर कुत्ते रहते हैं, तो वह आपके साथ टहलने जाते ही हैं और टहलने जाने की वजह से आप भी खुद को परफेक्ट रख पाने में कामयाब रहते हैं। यह एक तरह से आपके लिए एक अच्छा नियम बन जाता है कि नहीं चाहते हुए भी अपने कुत्ते के लिए तो आपको निकल ही जाना चाहिए। यही बात इंसानों को एक्टिव बना कर रखने में मदद करती है। वर्ष 2010 की एक रिपोर्ट के अनुसार पाया गया है कि जो लोग अपने कुत्ते के साथ हफ्ते में पांच बार घूमने जाते हैं, उन्हें औसत रूप से अपना वजन 14 . 4 पाउंड कम कर लिया था। इसके अलावा, जब आप कुत्ते को घूमाने ले जाते हैं, तो आपकी कई लोगों से दोस्ती होती है और फिर आपके रिश्ते काफी खास बनने लगते हैं। कुत्ता पालने से कई बुजुर्ग लोग भी राहत की सांस लेते हैं, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद, जब आपके पास कुछ भी नहीं बचता है, तो उस समय आप अपना सारा समय किसी कुत्ते के साथ बिता सकते हैं। आपको यह बात जान कर हैरानी होगी कि कुत्ता आपकी कई गंभीर बीमारियों का भी पता लगा सकता है। जी हां, कुछ कुत्तों को त्वचा, मूत्राशय और प्रोस्टेट कैंसर को सूंघने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा, कुत्तों को दिमाग की चोट और गठिया का पता लगाने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। अल्जाइमर के रोगियों के उपचार में भी कुत्ते काफी मददगार होते हैं। साथ ही कुत्ते घर में अगर चोर आ जाए तो शोर मचाने लगते हैं, इसका मतलब है कि आपका घर भी कुत्ते के रहने से सुरक्षित रहता है।
आप यह कैसे पता लगाएं कि आप कुत्तों को पालने के लिए तैयार हैं
ऐसे तो दिमाग में कई बार आपके बातें आती हैं कि कुत्ता पला जाए, लेकिन यह एक अहम जिम्मेदारी होती है, जिसे आपको पूरा करना ही होता है। ऐसे में आपको खुद से यह सवाल कई बार करना चाहिए कि क्या आप एक बच्चे की तरह उसका ख्याल रख पाएंगे, क्योंकि कुत्ते की पॉटी से लेकर बाकी सारी क्रियाओं पर आपको ध्यान देना होगा, फिर आपको इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि घर में वे सारी व्यवस्थाएं रहें, जैसे कि कुत्ते के लिए जगह, उसके सामान, खान-पान, उसे आप हर दिन अपने व्यस्त शेड्यूल में से कितना समय देंगे, ताकि उसके साथ समय बीता सकें। आपके घर में अगर बच्चा है, तो क्या आप दोनों पर बराबर ध्यान दे पाएंगे, इन सवालों के जवाब आपको खुद ही ढूंढने होंगे और इसके बाद ही निर्णय लेना होगा, अगर आप सही तरह से कुत्ते को पालने या गोद लेने में सक्षम हैं, तभी कुत्ते को लेने के बारे में सोचें, वरना न सोचें। यह भी सोचें कि आपके कुत्ते को पालने से आपके आस-पास के लोगों को या पड़ोसियों को तो किसी तरह की तकलीफ नहीं होगी। घर में कहीं आपको खुले तार रखने की आदत तो नहीं है, आपको दरअसल कुत्ते को गोद लेने या अडॉप्ट करने से पहले काफी सवालों के जवाब खुद से पूछने भी चाहिए और फिर उसके आधार पर ही निर्णय लें।
कुत्ते का आपको कौन सा ब्रीड या नस्ल लेना चाहिए, यह कैसे तय करें
इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि पिल्ले अधिक कमजोर, सक्रिय और आप पर निर्भर होते हैं। ऐसे में आपको शुरू से ही पिल्ले के साथ पर्याप्त समय बिताना जरूरी होता है, ताकि वह घर के आदि हो जायें। कुत्ते की नस्ल का चयन करते समय आपके रहने की जगह को लेकर भी एक बार जरूर सोच लेना चाहिए। आपको इस बात का भी ख्याल रखना जरूरी है कई कुत्तों को ग्रेट डेन जैसी बड़ी नस्लों में कूल्हे की समस्या या फटे एसीएल जैसी शारीरिक बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है। हालांकि, चिहुआहुआ जैसे छोटे आकार के कुत्ते बड़े कुत्तों की तुलना में शारीरिक दुर्घटनाओं या ठंडे तापमान के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। वहीं अगर बात की जाए, बड़े कुत्तों की तो, बड़े कुत्तों में ध्यान देने के अलावा स्वस्थ वातावरण देने की भी जरूरत होती है, बड़े कुत्तों में मधुमेह जैसी बीमारी भी होती है, इसलिए किसी भी कुत्ते को गोद लेने से पहले उसकी व्यवहारिक पृष्ठभूमि को देख लेना बेहतर होगा। इस बात का भी ख्याल रखें कि कुत्तों के बालों को लेकर भी आपके मन में कई तरह के विचार आ सकते हैं, घुंघराले बालों वाले कुत्तों का रख-रखाव अधिक होता है, ऐसे में यह सुनिश्चित करना कि उनके बाल उलझे नहीं, यह भी आपकी ही जिम्मेदारी होती है। हर नस्ल के कुत्तों की अलग-अलग खासियत भी होती है, उनका एक्टिविटी लेवल एकदम अलग होता है। ऐसे में आप एक्टिव डॉग चाहते हैं, या फिर सुस्त, इसके आधार पर भी गौर करना होगा। बड़े नस्ल के जो कुत्ते होते हैं, वह अच्छे रखवाले होते हैं, लेकिन उन्हें अधिक जगह चाहिए। फिर शिकारी कुत्ते कौकर स्पैनियल बहुत वफादार होते हैं।
घर को कैसे बनाएं कुत्तों के लिए फ्रेंडली
इस बात का भी ख्याल आपको ही रखना है कि आप अपने कुत्ते को सही तरीके से वातावरण दे पा रहे हैं कि नहीं, उनके लिए सही जगह और आपका खुद का व्यवहार कैसा है, ऐसा नहीं है कि आपको उन्हें कोई खेलने की वस्तु समझना है और अपनी तरह से उनके साथ ख़राब व्यवहार या उनके साथ छेड़छाड़ करनी है, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। शुरुआत में कुत्ते क्या, किसी इंसान को भी दूसरे इंसान के साथ घुलने-मिलने में समय लगता है, ऐसे में आपको खुद को और कुत्ते दोनों को एक दूसरे को समझने में वक़्त देना होगा। इसके अलावा, कुत्ते के खाने का भोजन, उसके लिए उपचार, किसी अच्छे पशु चिकित्सक के सम्पर्क में आना और आपके कुत्ते के लिए सही उत्पादों को खरीदना भी जरूरी है। इसके अलावा, उसे खाना परोसने के लिए कटोरा देना,कॉलर, कुत्ते के खिलौने की भी खरीदारी करनी होगी। उसके कंबल, तकिया और बिस्तर को भी अपनी खरीदारी में शामिल करें। उनके लिए जरूरी दवाइयां भी तैयार रखें। याद रखें घर में खुले तार, कोई भी दवाई, खाने पीने की चीज, कॉफी, नमक वाले अधिक प्रोसेस्ड फूड, किशमिश जैसी चीजों को उससे दूर रखें।
कुत्ते के स्वास्थ्य का ख्याल
इस बात का आपको ध्यान रखना होगा कि नियमित रूप से टीका लगवाना भी बेहद जरूरी है। इसके अलावा, कोर वैक्सीन को भी निर्धारित समय पर कुत्ते को लगवाना जरूरी है। कोर वैक्सीन जैसे कि डीएपी, जिसमें कुत्तों में कैनाइन डिस्टेम्पर, जो कि हेपेटाइटिस और पैरोवायरस को ठीक करने या इनकी रोकथाम के लिए जरूरी है, उन्हें जरूर लगवाएं। डीएपी की पहली गोली छह से 8 हफ्ता की उम्र में, 10 से 12 सप्ताह में दूसरा शॉट, तीसरा शॉट 14-16 हफ्ता में लगवा लेना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें महीने में एक बार अच्छी तरह से जरूर साफ करना चाहिए।
कुत्ते के लिए लाइसेंस
भारत में कुत्ते के लाइसेंस के लिए कोई अखिल भारतीय कानून नहीं है। लेकिन पालतू मालिक अपने कुत्तों को अपने शहर और राज्य के आधार पर स्थानीय नगरपालिका अधिकारियों के पास पंजीकृत करवा सकते हैं। आप अपने कुत्ते को केसीआई - केनेल क्लब ऑफ इंडिया के साथ भी पंजीकृत कर सकते हैं। केनेल क्लब ऑफ इंडिया (केसीआई) भारत में सभी पालतू कुत्तों के लिए पंजीकरण प्रदान करता है। हालांकि कुत्तों के पंजीकरण का महत्वपूर्ण कदम शहरों को पालतू जानवरों के अनुकूल बनाने में मदद करता है। यह आदेश भी सुनिश्चित करता है कि कुत्ते आज के आधुनिक समाज में मनुष्यों के साथ कैसे बातचीत करते हैं। इसलिए, अपने पालतू बच्चे की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित करने के लिए अपने कुत्ते को पंजीकृत करें। आपको अपने कुत्ते को भी भारत में पंजीकृत कराना चाहिए क्योंकि सरकार पंजीकरण राशि का उपयोग पशु कल्याण के लिए करती है। याद रहे कि डॉग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आप जो शुल्क देते हैं, वह कई नेक कार्यों का समर्थन करने के लिए जाता है, जिनमें पशु आश्रयों की मदद करने के लिए, जानवरों के प्रति क्रूरता की जांच करें, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आपातकालीन पशु बचाव की व्यवस्था करें, पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी), संकटग्रस्त पशुओं के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करें। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) एक नियामक बोर्ड है जो हर चीज की देखभाल करता है। वे पशु कल्याण को देखते हैं और भारत में कानून को लागू रखते हैं - पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960। वे भारत में केनेल और पशु कल्याण संघों (एडब्ल्यूओ) को भी मान्यता प्रदान करते हैं। याद रखें, जब भी आप किसी कुत्ते को गोद लें, तो इसे पंजीकृत केनेल और पशु कल्याण संगठनों (AWO) से ही लें।
तो एक बात तो पूरी तरह से स्पष्ट है कि कुत्तों को पालने के लिए आपको खुद को पूरी तरह से तैयार करना ही होगा और इस बात का भी ध्यान देना होगा कि आपकी वजह से कुत्ते को कोई नुकसान न पहुंचें, यह हमेशा याद रखें, कुत्तों से अच्छा साथी कोई भी नहीं होता है, वह अपने मालिकों का हमेशा ही ध्यान रखते हैं और वफादार होते हैं।
कुत्ते पालने को लेकर पूछे गए FAQ
1 . कुत्ते को किस तरह का खाना कभी नहीं देना चाहिए ?
कुत्ते को जरूरत से ज्यादा नमक, कॉफी वाली चीजें या फिर प्रोसेस्ड फूड आयटम अधिक नहीं देने चाहिए।
2. कुत्ता गोद लेते हुए किन-किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है ?
उनकी नस्ल के बारे में, उनका साइज क्या है, क्या आपके घर में उतना जगह है, घर में और कौन से लोग हैं, इन सारी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
3 . क्या कुत्तों के लिए कोई खास टीके आते हैं ?
कोर वैक्सीन जैसे कि डीएपी, जिसमें कुत्तों में कैनाइन डिस्टेम्पर, जो कि हेपेटाइटिस और पैरोवायरस को ठीक करने या इनकी रोकथाम के लिए जरूरी है, उन्हें जरूर लगवाएं।