कुछ दिनों पहले डायरेक्टर अश्विनी अय्यर तिवारी ने एक शॉर्ट फिल्म बनाई थी, घर की मुर्गी। फिल्म में साक्षी तंवर ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया था, जो अपने परिवार के सामने किसी और चीज को तवज्जो नहीं देती है, लेकिन अपने लिए खुशी की तलाश नहीं कर पाती है। बाद में वह तय करती है कि वह अकेली कहीं घूमने निकल जाएगी। दरअसल, यह कहानी हर उस महिला की हो जाती है, जो शादी के बाद तो फिर भी घूमने फिरने में यकीन करती हैं या अपने लिए टाइम निकालने में यकीन करती हैं। लेकिन बच्चे की मां बनने के बाद, उनकी पूरी जिंदगी बच्चे के इर्द-गिर्द ही घूमती रह जाती है। यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आप अगर अपने लिए कुछ पल निकाल लेंगी, तो इससे आपका बच्चे के साथ रिश्ता खराब नहीं होगा और आपको किसी भी तरह के गिल्ट में रहने की भी जरूरत नहीं होगी। बेहद जरूरी है कि आप बेवजह के किसी जकड़न में नहीं रहें, बल्कि एक मां बनने के बाद भी अपने तरीके से जीने में यकीन करें और आजाद महसूस करें। तो हम यहां वे 5 बातें बता रहे हैं, जो आपको अपनी जिंदगी में करते रहना चाहिए, जिससे आप अपना मदरहुड भी एन्जॉय करेंगी और अपने खुद को होना भी।
अपने हुनर को निखारती रहें
मांओं के साथ यह सबसे बड़ी परेशानी होती है कि वह एक बार जब अपने बच्चे की जिंदगी में इन्वॉल्व हो जाती हैं, तो फिर दूसरे किसी काम में उन्हें मन नहीं लगता है। ऐसे में ही वह समय है कि आप खुद को अधिक फोर्स करें और खुद को अपनी हुनर को संवारने के लिए प्रेरित करें। आपको जो भी करना अच्छा लगता है, उसके लिए जरूरी नहीं कि किसी निर्धारित समय का इंतजार करें, बल्कि जब भी वक्त मिले, उसमें हर दिन थोड़ा ही सही लेकिन वक्त दें, इससे आप खुद में नयापन महसूस करेंगी और आपका दिल भी आजाद महसूस करेगा।
हफ्ते में एक दिन खुद को एंटरटेन करें
इसमें कोई शर्म या हिचक की बात नहीं है कि अगर आप मॉम हैं और एक दिन खुद को एंटरटेन करने के लिए कोई मूवी देखने या दोस्तों के पास चली गयीं तो, अपने जीवन साथी को कह कर जाएं और शांति से एन्जॉय करें, ये नहीं कि वहां से भी लगातार घर पर क्या हो रहा है या बच्चे क्या कर रहे हैं, इसकी फिक्र करें, यकीन मानिए, खुद को रिफ्रेश महसूस करेंगी आप।
साल में एक बार ट्रिप तो जरूर
पारिवारिक किसी शादी या फंक्शन में ही अपने शहर से बाहर निकलना, कोई ट्रिप नहीं कहलाता है, जरूरी है कि साल में एक बार बिना परिवार या बच्चे के आपको बाहर किसी सोलो ट्रिप पर या किसी दोस्तों के साथ जरूर जाना चाहिए, वैसी जगहें, जहां आप कभी नहीं गयी हों, उन जगहों को एक्सप्लोर करने की कोशिश करें। ऐसा करके आप यह भी देखेंगी कि आपकी तरह ही और भी मॉम्स हैं, जिन्हें घूमने फिरने में बहुत मजा आता है और खुल कर वह आजादी को एन्जॉय करती हैं।
फैशन स्टेटमेंट के साथ नो कॉम्प्रमाइज
ऐसा अक्सर होता है कि हम में से कई महिलाएं, जो सजना-संवरना खूब एंजॉय किया करती थीं, अचानक से मां बनने के बाद, उन्हें लगने लगता है कि अरे, अब क्या सजना संवरना ? यह बहुत ही गलत सोच है, अगर आपको फैशन करने में या मेकअप वगैरह में हमेशा दिलचस्पी रही है तो, आपको यह सब करते रहना चाहिए, बल्कि इन दिनों तो कई मॉम इन्फ्लुएंसर भी हैं, तो आप भी अपने अंदर की उस क्रिएटिव मॉम को मरने मत दीजिए, न ही खुद पर बंदिश लगाएं कि अब इस उम्र में मुझ पर ये ठीक नहीं लगेगा, वो ठीक नहीं लगेगा। जो पसंद हैं, वह पहनें और मेकअप करना पसंद हैं, तो वह भी करें।
खुद पर खर्च करने की भी आये कला
अक्सर पेरेंट्स बनने के बाद, बच्चे आपकी प्राथमिकता हो जाते हैं, फिर आपको खुद पर खर्च करने में बहुत संकोच होने लगता है, ऐसा लगता है कि कोई पाप कर दिया है, लेकिन सच यह है कि मां बनने के बाद, आपने कोई पाप नहीं किया है, तो आपको जिंदगी को कोई सजा बना कर कांटने की जरूरत नहीं है। जो भी चीजें आपको पसंद हैं, खरीदें, बच्चों के लिए बजट सेट करते हुए, अपने लिए भी बजट बनाएं, महंगी चीजें पसंद आ रही हैं,लेकिन आत्म ग्लानि में कि बच्चे के कपड़े कम में खरीदे हैं, अपने महंगे कैसे, तो ऐसा सोचने की जरूरत नहीं। आप खुद को भी फील गुड कराएं और पैम्पर करें।
दरअसल, जीना इसी का नाम है, असली आजादी भी अपने मन की करने और मन की सुनने में हैं। बिना किसी शर्म या हिचक के अपनी जिंदगी की बॉडी गार्ड आपको खुद बनना चाहिए, माँ बनना सबसे खूबसूरत एहसास है, इसे किसी बंदिश में या सीमा रेखा में बांधना खुद के साथ ज्यादत्ती है, इसलिए खुद को खुले आकाश में उड़ने का मौका दें, याद रखें आप मां हैं, मरीज नहीं, जो घिसी-पिटी और किसी की थोपी या प्रीस्क्राइब्ड जिंदगी जीती रहें।