इस बात का एहसास हमें कभी नहीं होता है कि एक मां को भी मां की जरूरत होती है, एक मां जो बच्चों को हमेशा पैम्पर करना जानती हैं, लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं होता है कि कभी उन्हें भी मां के पुचकार की जरूरत हो सकती है। दरअसल, मां को खुश करने के लिए कोई बड़े-बड़े तोहफों की जरूरत नहीं होती है, उनकी थोड़ी सी कद्र और थोड़ा सा प्यार भी उनके लिए किसी लाड़ प्यार से कम नहीं होगा। सो, थोड़ा लाड़ प्यार उन्हें भी देकर देखिए। आइए जानें हम और आप अपनी मांओं के लिए कैसे ऐसा कर सकती हैं।
मां को भी आ सकते हैं आंसू
ऐसा कई बार होता है, जब आपकी मां के दिल में बहुत सारी ऐसी बात चल रही होती है, जिसके बारे में वह किसी से कहना चाहती हैं, लेकिन कह नहीं पाती हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि एक तो वो खुद को ही ग्रांटेड लेती हैं, उन्हें अपनी फिक्र नहीं होती है, तो वह अपना इमोशनल हिस्सा किसी के साथ शेयर नहीं करती हैं, जबकि कई बार उन्हें जरूरत होती है कि प्यार मिले, कोई उनसे सिर्फ बात करें, तो आपको बस यही करना है कि कभी-कभी सिर्फ बिना बात के अपनी मां से उनके बारे में बातचीत करना शुरू करें। इससे कुछ हो या न को, आपकी मां के दिल को शांति जरूर मिलती है।
वो भी चाहती है कि उसे कोई समझें
कई बार उनकी यानी मां की चाहत हो सकती है कि उनके बिना कहे ही कि उनके दिल में क्या चल रहा है या फिर वो क्या करना या कहना चाहती हैं, वह कोई ऐसे ही समझ लें और उन्हें इसकी व्याख्या न करना पड़े। हो सकता कि कभी उन्हें घर के कामों में मन नहीं लग रहा हो, वो बाकी की चीजें नहीं करना चाहती हैं, तो उनके इशारों को समझना भी उनके बच्चों के लिए बेहद जरूरी है।
तारीफ करना है जरूरी
मां अपने बच्चों के लिए कितने सारे एफर्ट्स लेती हैं, इस बात का अनुमान हम सब लगा ही नहीं सकते हैं, ऐसे में मां को भी इस बात की जरूरत होती है कि छोटी-छोटी बातों में उनकी खामियों को निकालने की बजाय उनकी तारीफ की जाए और छोटी-छोटी चीजों में उन्हें खुशियां दी जाएं, वह जो भी एफर्ट्स लेती हैं, उनकी कद्र की जाए। तारीफ करने के लिए किसी खास दिन का इंतजार न करें।
उन्हें भी मिले उनका स्पेस
इस बात को भी समझना जरूरी है कि हर बार मां आपको चाहिए ही, यह नहीं हो सकता है, कभी उन्हें भी उनका स्पेस लेने दें, अगर वह छुट्टियां लेना चाहती हैं, तो लेने दें, घूमने फिरने और दोस्तों से मिलने पर उन्हें जिम्मेदारियों की दुहाई देकर, उन पर परेशानियों का पहाड़ न गिराएं। उन्हें अगर कभी घर में किसी से बातचीत करने की चाहत नहीं हैं, तो उन्हें फ़ोर्स न करें, मां नहीं है तो मैं ये काम नहीं कर पाऊंगी या पाऊंगा वाली सोच को पूरी तरह से बदलें।
कभी उपहास न बनाएं
इस बात का भी आपको ख्याल रखना जरूरी है कि जीवन में मां-बाप का जो सम्मान है, वह किसी का भी नहीं हो सकता है, आप भले ही काफी मॉडर्न हों, लेकिन मां का कभी भी अपने दोस्तों या किसी के सामने मजाक में भी मजाक बनाने की कोशिश न करें, यह उन्हें कभी भी अच्छा नहीं लगेगा। इसलिए इस बात का ख्याल रखना जरूरी है।