यूं तो सच्ची दोस्ती, वक्ती अनबन से खत्म नहीं होती, फिर भी कई बार दोस्ती में कुछ गलतफहमियां अनबन का कारण बन ही जाती है। ऐसे में यदि आप दोनों एक-दूसरे को अहमियत देती हैं, तो सही बातचीत, समझदारी और धैर्य से अपनी अनबन को खत्म कर सकती हैं। आइए जानते हैं किस तरह आप अपनी अनबन को खत्म कर अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रख सकती हैं।
शांत रहें और खुलकर बात करें
यदि आप दोनों के बीच कोई कहासुनी हो गई हो और आप दोनों को एक दूसरे का बर्ताव अच्छा नहीं लग रहा हो, तब भी खुद पर काबू रखने की कोशिश कीजिए। गुस्से में कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले शांत रहें और स्थिति को समझने की कोशिश कीजिए। याद रखिए दोस्ती में बहस की जगह नही होती। ऐसे में खुद को सही प्रूव करने की बजाय अपनी दोस्ती की अहमियत दीजिए। ठंडे दिमाग से सोचें और यदि आपको लगता है कि गलती आपकी है, तो माफी मांगने में बिल्कुल न हिचकिचाएं। हो सके तो अपनी दोस्त से खुलकर बात कीजिए और वो भी बिना किसी आरोप-प्रत्यारोप के। सिर्फ यही नहीं अपने विचार और भावनाएं साफ-साफ रखने के साथ अपनी दोस्त की बातों को भी ध्यान से सुनें और उसकी भावनाओं की कद्र करें।
ईगो को बीच में न आने दें
दोस्ती में अनबन के दौरान जरूरी है कि आप उसे सुलझाने की कोशिश करें, लेकिन अपने अहंकार को त्यागकर। याद रखिए अहंकार किसी भी रिश्ते के लिए अच्छा नहीं होता और उसे वक्त से पहले ही खत्म कर सकता है। स्पेशियली दोस्ती और प्यार में ये बात समझनी बेहद जरूरी है, क्योंकि रिश्ते समझदारी से चलते हैं, न कि ईगो से। हालांकि बातचीत से भी यदि आपको लगता है कि चीजें नहीं सुधर रही हैं, तो दोस्त को और खुद को थोड़ा समय दीजिए। यकीन मानिए इससे गुस्सा और तनाव न सिर्फ कम होगा, बल्कि स्थितियां भी संभल जाएंगी। हां, इन सबमें लेकिन किसी तीसरे इंसान को शामिल करने की गलती मत कीजिए। दरअसल होता ये है कि कई बार हम अपनी दोस्ती की समस्या को खुद सुलझाने की बजाय या रूठे दोस्त को मनाने के लिए किसी तीसरे शख्स की मदद ले लेते हैं, जिससे बनती चीजें भी बिगड़ जाती हैं।
याद करें कि क्यों बने थे दोस्त
कहते हैं हर रिश्ते हमें जन्म से मिलता है, लेकिन एक दोस्ती का रिश्ता ऐसा होता है, जिसे हम खुद बनाते हैं। ऐसे में अपने दोस्तों के गुणों को याद कीजिए कि वो क्या चीज थी, जिससे आकर्षित होकर आपने उनसे दोस्ती की थी। उन पलों को याद कीजए, जो आपने साथ बिताए थे। यकीन मानिए यह आपको, रिश्ते को बचाने की सही वजह देगा। हालांकि यदि आपकी दोस्ती सच्ची है, तो यकीन मानिए ये छोटे-मोटे झगड़े और आपसी अनबन भी आपकी दोस्ती के बीच दीवार नहीं खड़ी कर सकती। इसके अलावा एक-दूसरे को समझने और माफ करने से दोस्ती और मजबूत हो जाती है। कई बार ऐसा भी होता है कि आपसी मनमुटाव या छोटे से झगड़े से शुरू हुई अनबन बहुत बड़ी हो जाती है। हालांकि जब आप इसे सुलझाने की कोशिश करती हैं तो आपको पता चलता है कि असली समस्या कुछ और ही है। ऐसे में झगड़े या अनबन को बीच में छोड़ने की बजाय उसकी तह में जाकर असली वजह जानने की कोशिश कीजिए।
खुद को देखें एक-दूसरे की नजर से
दोस्ती हो या प्यार हो, यदि उसमें अनबन हो गई हो तो सिर्फ अपनी ही बात पर अड़े रहने की बजाय यह समझने की भी कोशिश कीजिए कि आपकी दोस्त कैसा महसूस कर रही होगी। उसकी भावनाओं का आकलन करके आप अपनी अनबन को आसानी से खत्म कर सकती हैं। आप चाहें तो उनसे बात भी कर सकती हैं, बशर्ते आपकी बातों में कड़वाहट, निगेटिविटी या ताना न हो। स्पेशियली, “ये तुम्हारी आदत है” या “तुम ऐसा ही करती हो” जैसे कठोर शब्दों से बचें। इससे चीजें सुलझने की बजाय और उलझ जाएंगी। यदि गलती आपके दोस्त की हो, तब भी कटु वचनों की बजाय उसे माफ करने की कोशिश करें क्योंकि दोस्ती में गलतियां स्वाभाविक हैं। और यदि वे आपसे माफी मांग रही हो, तब तो उसे माफ करने में बिल्कुल देर मत कीजिए।
छोटी-छोटी बातों को न उलझाएं
कभी-कभी हम छोटी-छोटी बातों को जरूरत से ज्यादा तूल दे देते हैं। हर चीज पर बहस करने के बजाय यह तय कीजिए कि क्या यह सच में इतनी बड़ी बात है कि दोस्ती दांव पर लगा दी जाए? इसके अलावा एक-दूसरे के साथ बिताए गए अच्छे पलों को याद कीजिए। यकीन मानिए, यह न सिर्फ आपके रिश्ते में घुली कड़वाहट को मधुरता से भर देगी, बल्कि आपकी दोस्ती को बचाने के लिए प्रेरक भी सिद्ध होगी। चीजें हों या लोग, आपको ये बात भी समझनी होगी कि ये बदलेंगी ही। ऐसे में इस बात को गांठ बांध लें कि समय के साथ लोग बदलते हैं, और दोस्ती का स्वरूप भी बदलता है। अतः इसे स्वाभाविक रूप से स्वीकारकर, रिश्ते को नए तरीके से समझने की कोशिश करें। लेकिन हां, इन सब बातों के दौरान अपने आत्म-सम्मान का भी ख्याल कीजिए। यदि आपकी दोस्त बार-बार आपको अपमानित महसूस करवाते हुए नजरअंदाज कर रही है और आपको निगेटिविटी से भर रही है तो ऐसी दोस्त और उसकी दोस्ती से किनारा कर लेने में ही भलाई है। याद रखिए, जिंदगी के लिए दोस्त बेहद जरूरी है, लेकिन हर दोस्ती बचाई जाए, यह जरूरी नही है।