घर में छोटे भाई या फिर बहन की शरारत कई बार हद से ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में एक तरफ जहां आपके शरारती भाई-बहन माता-पिता की डांट का शिकार होते हैं, तो वहीं उन्हें आपकी तरफ से भी किसी भी तरह का सहारा मिलता हुआ महसूस नहीं होता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरारती भाई-बहन का सहारा बनें और उनके साथ इस तरह बर्ताव करें कि वक्त के साथ उनकी बदमाशी कम होती जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
डांट और फटकार का सहारा न लें
जब भी आपके छोटे भाई या फिर बहन को किसी बात के लिए समझाना पड़ता है, तो उन्हें प्यार से समझाएं। आप अपनी बात मनवाने के लिए या फिर उनकी शरारत को रोकने के लिए डांट या फिर फटकार का सहारा न लें। अक्सर यह होता है कि डांट और फटकार के कारण शरारती बच्चों में और भी ज्यादा चिड़चिड़ापन आ जाता है, जिसके कारण आपका और आपके भाई-बहन के बीच का रिश्ता वक्त के साथ कमजोर होता चला जाएगा और आप लोगों में दूरी आ जाएगी।
प्यार और शालीनता से समझाएं
सबसे जरूरी है कि आप अपनी बात समझाने के लिए शांत स्वभाव का सहारा लें, क्योंकि आप अपने शांत स्वभाव के सहारे ही उनकी शरारत को कम कर सकती हैं। इसके साथ ही उनके साथ ऐसा रिश्ता बनाएं, जो कि दोस्ती और सम्मान का हो। अगर आपके शरारती छोटे भाई या फिर बहन में आपके प्रति सम्मान और विश्वास की भावना आती है, तो उनकी शरारत आपके सामने खुद ही कम होती चली जाएगी। उन्हें यह यकीन होगा कि आप उन पर यकीन करते है।
माता-पिता के सामने भाई-बहन को दें सहारा
जाहिर-सी बात है कि अगर आपके छोटे भाई-बहन शरारती हैं, तो माता-पिता से उन्हें जरूर डांट मिलती होगी। ऐसे में आप अपने भाई-बहन का सहारा बनें। माता-पिता से डांट मिलने पर आप अने भाई-बहन को समझाए कि माता-पिता उनकी भलाई चाहते हैं। यह करना बिल्कुल गलत है कि आपके भाई-बहन को उनकी शरारत के लिए डांट पड़ रही है और आप हंस रहे हैं या फिर आप उन पर किसी भी तरह की नकारात्मक टिप्पणी न करें।
भाई-बहन की शरारत से हताश न होना
यह सोच बना लें कि आपको अपने भाई-बहन की शरारत से निराश या फिर हताश नहीं होना है। ऐसे विचार के साथ आप अपने रिश्ते में दूरी ला देते हैं। साथ ही अपने भाई-बहन के प्रति आपके मन के अंदर इस बात की नकारात्मक गांठ आ जाती है कि ये कभी नहीं सुधरेगा। इसकी शरारत बढ़ती जा रही है, इस तरह की सोच आपके रिश्ते की जड़ को वक्त के साथ खराब करने लगती है।
अपने भाई-बहन को दें समय
भाई-बहन की शरारत कम करने का एक तरीका यह भी है कि आप उन्हें वक्त दें। आप उनके साथ उनके पसंदीदा खेल खेलें या फिर उनके साथ कहीं घूमने जाएं। उन्हें किसी न किसी तरह की क्रिया में व्यस्त रखें और छुट्टी के दिन भी उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश करें, इससे आपका रिश्ता भी मजबूत होगा और बच्चों की शरारत भी कम होगी।