प्रिय तकनीक,
किसी भी खत की शुरुआत हमेशा से सामने वाले व्यक्ति को प्रिय या फिर डियर लिखकर होती है, लेकिन मुझे और मां को किसी खास को धन्यवाद देना है। यह कोई व्यक्ति या फिर रिश्तेदार नहीं है, बल्कि हमारे लिए उससे भी बढ़कर है। हमारी जिंदगी का सबसे कीमती हिस्सा। इस वजह से यह मां और मेरे बीच का अटूट साथी है, जो कि दो शहरों की दूरी होने के बाद भी, हम दोनों को एक दूसरे का अहसास कराने का सुखद कार्य करता है, वो है तकनीकी दुनिया। आज तहे दिल से मैं तकनीकी दुनिया से जुड़े हर उस माध्यम को शुक्रिया कहना चाहती हूं, जिसने मुझे मेरे मां के पास मौजूद रखा है। यह किस्सा शुरू हुआ है कुछ साल पहले। मां को वीडियो कॉल करना नहीं आता था, जब मुझे लगा कि अब काम के सिलसिले में मुझे उनसे जल्द दूर होना होगा, तो मैंने उन्हें अपने करीब रखने के लिए मोबाइल में वीडियो कॉल और वॉइस मैसेज करना सिखाया। मां ने भी खुशी से अपने जीवन में आए इस तकनीकी बदलाव को स्वीकार किया, हालांकि मां को यह नहीं पता कि मैंने उन्हें यह किस वजह से सिखाया, लेकिन आज वह इस कला में माहिर हो गई हैं।
आज जब मैं उनसे दूर हूं, तो तकनीक के सहारे हम दोनों करीब हैं। जब भी मां का या मेरा मन करता है, तो हम दोनों वीडियो कॉल के जरिए एक दूसरे के करीब हो जाते हैं। शाम को जब मां रोटी पका रही होती हैं, तो वीडियो कॉल की मदद से मैं उनके बगल में खड़ी हो जाती हूं और जब भी मेरी तबीयत खराब होती है, तो मां वीडियो कॉल बनकर मेरे बिस्तर के पास बैठी हुई मिलती हैं। वैसे, तकनीक के फायदे से मैं लंबे समय में परिचित हूं, लेकिन मुझे आश्चर्य तब हुआ, जब मेरे जन्मदिन के दिन मां ने मेरे लिए ऑनलाइन शॉपिंग ऐप से ड्रेस भेजी। मेरे लिए वह मां का उपहार नहीं, बल्कि बचपन वाला एहसास था, जब मां हर जन्मदिन पर मेरे लिए कपड़ा खरीदती थीं। बीते दो साल से मां मेरे जन्मदिन पर ठीक रात को 12 बजे वॉइस मैसेज के जरिए जन्मदिन की बधाई दे रही हैं, मेरे लिए यह तकनीकी का दिया हुआ अनमोल भेंट है।
वहीं बीते दिन मां से फोन पर बात हुई, तो वह कहने लगी कि मुझे भूख लगी है और उनकी दवा खत्म हो गई है। मैंने ऑनलाइन ऐप के जरिए उनके लिए फल और दवा भिजवा दिए, फिर मां को फोन पर बताया कि वह भी किसी तरह ऑनलाइन जरूरी चीजें मंगवा सकती हैं। यहां तक कि ऑनलाइन ऐप से मां का रूटीन हेल्थ चेकअप कराना मेरे लिए सरल हो गया है। बीते कुछ सालों में मां के लिए तकनीकी काफी काम आया है। वह दूर गांव में बैठे अपने रिश्तेदारों से भी वीडियो कॉल के द्वारा बात कर लेती हैं। दो दिन पहले की बात है, उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि तू ऑफिस से घर ऑनलाइन गाड़ी बुक करके जाया कर। मुझे तब और खुशी हुई जब मां ने अपनी एक यात्रा की तस्वीरों को मुझे ईमेल के जरिए भेजा। खुश हूं कि मां अब तकनीकी दुनिया के फायदे और उपयोग को समझ रही हैं। मुझे याद है कि मां एक दफा कह रही थी कि काश, मैं भी अपनी मां से इसी तरह वीडियो कॉल से संपर्क कर पाती। उस वक्त तकनीकी की ऐसी सुविधा मौजूद नहीं थी। बहरहाल, मां और मेरी तरफ से तकनीकी से जुड़ी हर उस वस्तु का शुक्रिया, जिसने हमारे जैसी कई मां-बेटी को एक दूसरे के करीब ला दिया है। उससे पहले मुझे यह याद आया कि कुछ दिन पहले मैंने मां को बताया कि मुझे एक फोन आया मुझे, जिसने मुझसे बैंक की डिटेल मांगी। इस पर मां ने बिना किसी देरी के कहा कि इस तरह के फोन पर मुझे अपनी कोई निजी जानकारी नहीं शेयर करनी है। साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले मोबाइल पर इस तरह के झूठे फोन कॉल को लेकर खबर सुनी है। यह जानकर तसल्ली होती है कि मां तकनीकी दुनिया के फायदे और नुकसान दोनों से वाकिफ हैं। कई बार सोचती हूं, तो लगता है कि कैसे तकनीकी हर उस मां-बेटी के लिए चमत्कार बन कर आयीं है, जो किसी न किसी वजह से एक दूसरे से दूर हैं। जो कभी मां की दुआ बन कर बेटी को दुलार देती है, तो कभी एक बेटी के लिए मां की दवा बन जाती है। तकनीकी दुनिया के हर उस माध्यम को मां-बेटी की तरफ से ढेर सारा धन्यवाद।