गुरु का अर्थ है, अंधकार से रौशनी की तरफ ले जाने वाले। जी हां, गुरु उस किसान की तरह होते हैं, जो दिमाग में ज्ञान का बीज बोते हैं। और शिष्य को कच्ची मिट्टी की तरह माना जाता है, जिसे शिक्षक अपने ज्ञान से आकार देता है। दरअसल, गुरु और शिष्य का रिश्ता हमेशा ही सारे रिश्तों से सर्वोपरि रहा है। फिर भले ही दौर कोई भी हों। हालांकि हकीकत यह भी है कि बदलते दौर के साथ शिक्षकों को लेकर शिष्यों का नजरिया भी बदला है। हमने शिक्षक दिवस के बहाने, पुराने दौर से लेकर वर्तमान दौर की कुछ महिला शिक्षकों से बातचीत करने की कोशिश की है और जानने की कोशिश की है कि बढ़ते तकनीक और माहौल में किस तरह से उनका रिश्ता अपने शिष्यों के साथ बदला है।
रिटायर हो चुकीं शिक्षिका की जुबानी : जब सम्मान का मतलब ही शिक्षकों का डर ही होता था
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स से सीखना चाहेंगी : मैं इंटरनेट के माध्यम से और अधिक जानकारी प्राप्त करने की इच्छुक हूं।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स बदलना चाहेंगी : यह समझ लेना कि हमें सबकुछ आता है, गलत है। उनमें हमेशा सीखने के गुर होने चाहिए।
सरकारी स्कूल की शिक्षिका की जुबानी : अब इंटरनेट बन गया है सबसे बड़ा टीचर
बिहार के गया इलाके में एक सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली नेहा, इनकी उम्र फिलहाल 42 है, अपने टीचर्स को याद करती हुईं बताती हैं, मेरे एक टीचर हुआ करते थे अंग्रेजी के, पूरे शहर में उनसे अच्छा ट्यूशन कोई नहीं पढ़ाता था, तो उन्होंने एक दिन मुझसे कहा कि सुबह 4 बजे से क्लासेज होंगे, मैंने कहा सर, बहुत सुबह है, तो कहा ठीक है, 3 . 30 बजे। मतलब स्पष्ट था कि उन्होंने जो वक्त दिया है आपको आना है और फिर मुझे उनकी बात माननी भी पड़ी, क्योंकि मेरा लॉस होता, अगर मैं नहीं मानती तो। यह हमारा दौर था, जब शिक्षक की बात ही लकीर की फकीर होती थी। लेकिन अब देखें, तो स्टूडेंट्स पर अगर थोड़ी भी सख्ती की जाए, तो वह सीधा कहते हैं, हम इंटरनेट पर देख लें, उन्होंने इंटरनेट की जानकारी को खुदा बना लिया है। सोशल मीडिया इस कदर हावी है कि कॉपी पर जिल्द खराब होने पर न बदलें, डीपी हमेशा बदलती रहनी चाहिए। सेल्फ स्टडी तो अब बिल्कुल नहीं है। रात भर सोशल मीडिया चलाने से सुबह क्लास में बच्चे ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन इंटरनेट का एक सकारात्मक रूप यह भी है कि बच्चे एक से एक नयी चीज सीख रहे हैं, कोई प्रोजेक्ट दो, तो वह इंटरनेट पर खंगाल कर आते हैं और काफी नयापन लाते हैं। हां, एक बात जो मुझे लगता है कि आज भी नहीं बदला है कि पहले भी मैं सुनती थी कि बच्चे कॉपी में पैसे रख कर, पास करने को कहते हैं और आज भी ऐसा कई बार होता है। एक बात जो मैंने और गौर की है कि सोशल मीडिया पर अपीयरेंस को लेकर भी एक प्रेशर होता है, सबकुछ ग्लैमरस और ग्लॉसी देखते-देखते बच्चे, अपने टीचर्स को भी उस रूप में देखना चाहने लगते हैं, ऐसे में कई बार बॉडी शेमिंग भी करने लग जाते हैं, इस पर भी हमें गंभीर रूप से बात-विचार करने की जरूरत है।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स से सीखना चाहेंगी : हमलोग तो पहाड़े भी नहीं याद कर पाते थे, लेकिन आजकल के बच्चे फटाफट नयी चीजों को अडॉप्ट भी कर लेते हैं और याद भी कर लेते हैं, यह तकनीक मुझे भी सीखनी है।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स बदलना चाहेंगी : टीचर्स को फॉर ग्रांटेड लेना बंद करें
एक चीज जो क्लास रूम से पूरी तरह से अब गायब है :
निजी स्कूल की शिक्षिका की जुबानी : बच्चों के अभिभावक हद से ज्यादा करते हैं पैम्पर
पटना के एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका नंदिनी, जिनकी उम्र फिलहाल 36 साल है, वह बताती हैं कि जब मैं खुद एक स्टूडेंट थीं, मुझे याद है, मेरे पेरेंट्स जाते हैं और जाकर कहते थे मेरे टीचर्स से कि आपको जो भी सिखाना है, जैसे सिखाना है, सिखाएं। अभी के पेरेंट्स बच्चों को बहुत पैम्पर करते हैं और थोड़ी भी सख्ती करने पर अधिक शिकायत आ जाती है। यहां तक कि कई बार तो जो हम किताब में लिखी सही चीज पढ़ाते हैं, वह हमें कहते हैं, मैडम इंटरनेट पर तो कुछ और लिखा हुआ है और उसे ही सच मानते हैं। आजकल इतने यू ट्यूबर्स भी अपने को शिक्षक बना देते हैं कि बच्चे उनसे ही सीखना अधिक पसंद करते हैं। उन्हें हम गलत नजर आने लगते हैं। मुझे यकीन है कि मेरी जैसी कई महिला शिक्षकों इस एक और अजीब- सी स्थिति से गुजरती होंगी, जब छोटे बच्चे उन्हें आई लव यू का लेटर लिख कर देते हैं, तो कभी सोशल मीडिया पर उनके मेसेज आते हैं। वह एकदम हैरान करने वाली बात हो जाती है और इस तरह की स्थिति को सुलझाना अब के दौर में समझ नहीं आता कैसे किया जाए, क्योंकि आजकल बच्चे हर बात को सीधा दिल पर लगाते हैं, ऐसे में वह कोई गलत कदम न उठाएं, इस बात का काफी ध्यान देना पड़ता है।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स से सीखना चाहेंगी : उन्हें कई चीजों या तकनीक के शॉर्ट कट्स मालूम होते हैं, उन्हें सीखना चाहूंगी।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स में बदलना चाहेंगी : सोशल मीडिया पर सोशल होना नहीं, बल्कि बाहरी दुनिया में इंसानों और लोगों से मिलें, तभी दुनिया को बेहतर और असल मायने में समझा जा सकेगा।
ट्यूशन टीचर की जुबानी : पेरेंट्स को लगता है बच्चों को हम कोई टॉनिक फटाफट दे दें
दिल्ली में कई सालों से बच्चों को ट्यूशंस पढ़ाने वाली टीचर रेणुका, जिनकी उम्र 48 है, वह बताती हैं कि बच्चों की बात छोड़िए, बच्चों के पेरेंट्स में अब पेशेंस की कमी आ गई है। हम जब ट्यूशंस लेते थे तो हम इसलिए जाते थे कि धीरे-धीरे पढ़ाई में बेहतर हों, यहां पेरेंट्स को लगता है, फटाफट बच्चे बेस्ट हो जाएं। और बच्चों के साथ, यह समस्या है कि वह पहले से इस कदर सोशल मीडिया से ज्ञान लेकर आते हैं कि उनके दिमाग में अपनी बात पहुंचाने में समय तो लगता ही है।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स से सीखना चाहेंगी : एक साथ आजकल के बच्चे काफी मल्टी टास्क कर लेते हैं और सबकुछ में परफेक्ट भी हो जाते हैं। यह हुनर उनसे सीखना चाहूंगी। साथ ही कई टीचर्स बच्चों से काफी अच्छी दोस्ती कर लेते हैं, मैं ये सब हुनर सीखना चाहूंगी।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स में बदलना चाहेंगी : धैर्य, स्थिरता, सुनने की क्षमता की भयंकर कमी हो गई गई बच्चों में उन्हें इन चीजों को ठीक करने के लिए, आगे उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए बेहद करने की जरूरत है।
ऑनलाइन क्लासेज लेने वाली शिक्षिका की जुबानी : बच्चे छोटी बातों का भी उड़ा देते हैं मजाक
कोविड में लगातार ऑनलाइन क्लास लेने वालीं अंशिका, जिनकी उम्र 28 साल है, वह बताती हैं कि इन दिनों बच्चों से एक गहरा रिश्ता बनाना कठिन हो गया है। कई ऐसे बच्चे होते हैं, जिन्हें टीचर्स को बूली करने में मजा आता है। हालांकि हमारे दौर में भी टीचर्स को लेकर मजाक तो बनाये जाते थे, लेकिन अभी बच्चे हर छोटी बात पकड़ लेते हैं और फिर उन्हें लगता है कि हमें कुछ नहीं आता है। खासतौर से ऑनलाइन क्लास में अगर तकनीकी रूप से कोई कमी मुझमें नजर आये, तो फौरन टोक भी देते हैं और मजाक भी उड़ाते हैं, फिर कई दिनों तक यह सिलसिला चलता है। हम टीचर्स के लिए अब हर दिन की चुनौती है। धीरे-धीरे फिर मुझे महसूस होता है कि यही बच्चे ट्रोलर्स बन जाते हैं और जो हम शिक्षक किसी भी बच्चे के लिए कभी नहीं चाहेंगे।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स से सीखना चाहेंगी : ऑनलाइन क्लासेज में कोई गलती न हो, इसलिए सारे तकनीक सीख लेना चाहूंगी। आजकल कई टीचर्स टैबलेट्स पर भी पढ़ाती हैं,मैं भी उनसे यूज टू होना चाहती हूं।
एक चीज जो आज के स्टूडेंट्स में बदलना चाहेंगी : बात-बात पर ट्रोल या बुलिंग करने की जो लत लगी है