नयी जगह, नया परिवेश और नए लोग, एक नया एहसास लेकर आते हैं, लेकिन साथ ही लाते हैं एक चुनौती। और वो चुनौती होती है नए परिवेश और नए लोगों के साथ अपना सामंजस्य बिठा पाने की चुनौती। हालांकि थोड़ी-सी समझदारी और थोड़ी-सी कोशिश के साथ आप चुटकियों में इस चुनौती को आसान बना सकती हैं। तो आइए जानते हैं किस तरह कुछ टिप्स अपनाकर नए वर्कप्लेस पर अपने कॉलीग्स के साथ आप कैसे एक मजबूत बॉन्डिंग बना सकती हैं।
ऑफिस में इंट्रोवर्ट होने से बचें
कुछ लोग स्वभाव से इंट्रोवर्ट किस्म के होते हैं, जो आमतौर पर थोड़ा अलग-थलग रहने के आदी होते हैं। लेकिन उनकी यही आदत उनके लिए तब समस्या बन जाती है, जब वह नए वर्कप्लेस में नए परिवेश के साथ नए लोगों से मिलते हैं। उनके इस स्वभाव से अनजान उनके कॉलीग्स उन्हें घमंडी समझकर उनसे एक दूरी बना लेते हैं। ऐसे में जब उन्हें उनकी जरूरत होती है, तो वे चाहकर भी किसी से अपने दिल की बात कह नहीं पाते। ऐसे में उनकी ये आदत उनके लिए समस्या बन जाती है।
उनकी बातों का हिस्सा बनें
किसी नए वर्कप्लेस से जुड़ने के बाद ये अपेक्षा न करें कि आप उनकी पिछली सभी बातों का पता लगा लें, जिससे उनकी बातचीत का हिस्सा बनने में आपको आसानी हो। भले ही कुछ बातें आपके सिर के ऊपर से जा रही हों, फिर भी कोशिश करें कि उनकी आपसी बातचीत का आप भी हिस्सा बनें, लेकिन बिना किसी भी दखलंदाजी के। हां, मगर अगर आपसे आपकी राय मांगी जाए, तो उसे कहने से भी न झिझकें और वो भी बिना ये सोचे कि कहीं आपके कॉलीग्स आपकी बातों से आपको जज तो नहीं करेंगे।
बड़ी-बड़ी बातें करने से बचें
कुछ लोगों को लगता है किसी को इम्प्रेस करना हो तो अपनी तारीफ की जाए। विशेष रूप से नए वर्कप्लेस में अपने ऑफिससहयोगी को इम्प्रेस करने के लिए कुछ लोग यही करते हैं, लेकिन आप ऐसा न करें। इस बात को अपने दिल-ओ -दिमाग में बिठा लें कि जब आप अपनी तारीफ करती हैं, तो कहीं अनचाहे आप सामनेवाले को छोटा अनुभव करवाती हैं। हो सकता है आपकी ये मंशा न हो, लेकिन सुननेवाला इसे इसी तरह लेता है। नए वर्कप्लेस पर भी हो सकता है शुरू शुरू में औपचारिकतावश आपके ऑफिस सहयोगी आपकी बातें सुन लें, लेकिन उसके बाद में वो आपसे कटने लगेंगे।
सकारात्मक रवैये के साथ चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें
आमतौर पर कुछ लोगों की आदत होती है कि वह बिना बात के भी मुंह बनाये बैठे रहते हैं, मानो सारी दुनिया का भार उन्हीं के सिर पर है। अगर आपमें भी इसके जरा से भी लक्षण हैं, तो बिना वक्त बर्बाद किए इसे तुरंत बदल दें। सकारात्मकता के साथ आपकी मुस्कान, ये दो ऐसे माध्यम हैं, जिनसे आप न सिर्फ अपने नए कलीग्स, बल्कि सबका दिल जीत सकती हैं।
अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें
अक्सर देखा गया है कि भावावेश में आकर हम कुछ ऐसा कह जाते हैं, या कर जाते हैं, जिसका हमें बाद में बेहद पछतावा होता है, लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका होता है। ऐसे में अपने मूड को कभी खुद पर हावी न होने दें। ये बात सबसे ज्यादा जरूरी है कि जब आप अपने कलीग्स के साथ हों, तब अपनी भावनाओं के साथ, अपनी जुबान पर भी नियंत्रण रखें और भूल से भी ऐसी कोई बात मुंह से न निकालें, जिसका दूरगामी परिणाम आपके लिए घातक हो। अत: अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए, दूसरों की भावनाओं की कद्र करें।
सहायता मांगने से न झिझकें लेकिन
नए वर्कप्लेस पर सब कुछ नया नया होता है। ऐसे में बहुत सी ऐसी बातें होती हैं, जिनके लिए आपको अपने कॉलीग्स की सहायता लेनी ही पड़ती है। इस बात से आपके कलीग्स भी परिचित होते हैं इसलिए आपकी सहायता के लिए वे सदैव तत्पर रहते हैं। एक मधुर रिश्ते की ये खूबसूरत शुरुआत भी होती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बार-बार सहायता मांगने के नाम पर आप उनके काम में बाधा डालें और इस मधुर रिश्ते को उनके लिए कड़वा बना दें।
लंच ब्रेक और टी ब्रेक में जरूर मिलें
नए वर्कप्लेस में अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और कॉन्फिडेंट नजर आने की पहली शर्त है आपका खुश रहना। और खुश रहने के लिए जरूरी है कि आपके आस-पास का माहौल और आपके कॉलीग्स या सहयोगी आपके साथ सहृदय हों। ऐसे में उनसे एक मजबूत रिश्ता बनाने के लिए समय समय पर उनसे मिलते रहें। भले ही ये मुलाकात सिर्फ दो मिनट की हो, लेकिन कोशिश करें कि इस दो मिनट में आपको 2 घंटे की ऊर्जा मिल जाए।
अपनी प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता दें
अपने प्रति, अपने ऑफिस सहयोगी के विश्वास को मजबूत बनाने के लिए पहली शर्त यही है कि अपनी प्रतिबद्धताओं को लेकर आप कितने सजग हैं। अगर किसी ने आपको कोई काम दिया है, तो कोशिश करें कि आप उसे समय से पहले पूरा कर दें। और यदि आपके लिए ये संभव न हो, तो ये बात आप उन्हें पहले ही बता दें। बिना मतलब उनकी नजरों में न अपनी छवि खराब करें और न उनका समय।