बहुत कम लोगों को यह मौका मिलता है कि वह किसी के जीवन के हमराज बन पाएं, क्योंकि किसी के लिए हमराज बनना एक ऐसा रिश्ता है, जो कि कई सालों के विश्वास की बुनियाद पर फलता-फूलता है। अगर आप किसी के जीवन की हमराज़ हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए, ताकि आप सामने वाले व्यक्ति के विश्वास को और मजबूत बना सकें और उसे अपने बर्ताव से यह बता सकें कि आप पर यकीन करके और आपको अपने जीवन का हमराज़ बनाकर उन्होंने कोई गलती नहीं की है। आइए जानते हैं विस्तार से।
यकीन को दें मजबूती
अगर आप किसी की हमराज बन रही हैं, तो यकीन को और मजबूत करने की जरूरत है। अक्सर आपने यह देखा या सुना होगा कि अगर आपके साथ किसी ने कोई बात साझा की है और यह कहा कि किसी को बताना मत और उसके बाद भी अगर किसी तीसरे तक बात पहुंची है, तो आप तुरंत शक के घेरे में आ जाती हैं और सामने वाले व्यक्ति को ऐसा लगता है कि आपने उनका विश्वास तोड़ा है। इसलिए जरूरी है कि आप इस बात को समझें कि आप पर यकीन तो है, लेकिन पूरी तरह से मजबूत नहीं। आपको अपने रिश्ते में यकीन का ऐसा पौधा लगाना है, जो कि किसी भी आंधी के सामने बिखर नहीं पाए।
किसी से साझा न करें
यह सबसे जरूरी है कि आप अपने बीच हुई बातों किसी तीसरे के साथ साझा न करें। कई लोग होते हैं, जो कि सारी बात बताकर यह कहते हैं कि इसे किसी से कहना मत। कई लोगों का कहना होता है कि हमारे पेट में बात नहीं पचती है, लेकिन कई बार कुछ बातों को पचाना जरूरी होता है, अगर वह किसी व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी बात रहती है। इसलिए खुद से वादा करें कि आप यह बात किसी से साझा न करें। आप यह भी कर सकती हैं कि जैसे ही आपको किसी व्यक्ति ने अपने जीवन की किसी घटना को साझा किया और यह कहा कि किसी से कहना नहीं, तो आप उस घटना पर बातचीत होने के बाद विचार न करें।
दुख में बनें साथी
यह कोशिश करें कि अगर कोई आपसे अपने जीवन का कोई राज साझा कर रहा है, तो इसका मतलब यह होता है कि सामने वाला व्यक्ति आपको अपने दुख और सुख का साथी बना रहा है, तो ऐसे में दुख के समय उसके साथ मजबूती से खड़े रहें और अपना कर्तव्य पूरा करें।
मार्गदर्शन करें
हमराज बनने का मतलब यह नहीं होता है कि आप सामने वाले व्यक्ति का सिर्फ सुनेंगे। कई बार जरूरी होता है कि अगर आपका साथी किसी गलत राह पर है या फिर किसी मुश्किल में है, तो आपका मार्गदर्शन करना जरूरी होता है। शायद उसने बातें इसलिए भी बताई हों कि आप उसकी समस्या का समाधान करें और उसे जरूरी सलाह दें। इसलिए सोच-समझकर विचार करने के बाद आप उसके हमराज़ के साथ उसके हम साथी भी बनें।
खुद की गरिमा बनाए रखें
हमराज बनने का अर्थ यह नहीं होता है कि आप खुद की गरिमा को किसी तरह से ठेस पहुंचाएं। इसलिए अगर कोई आपसे अपनी कोई बात साझा करता है और साथ ही चार लोगों के सामने आपका मजाक उड़ाता है, तो ऐसे रिश्ते से दूरी बना लें, क्योंकि सामने वाला व्यक्ति केवल आपको इस्तेमाल कर रहा है।