अपनी बहन के साथ रिश्ता मजबूत करने के लिए सबसे जरूरी है कि बहन के साथ बहनापा करने की बजाए उसके साथ दोस्ताना बनाने की कोशिश करें। अक्सर ऐसा होता है कि बहन के साथ आप बाजार चली जाती हैं या फिर कहीं घूमने जाती हैं, लेकिन आप कभी भी बहन में अपनी दोस्त को नहीं देख पाती हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि आप अपनी बहन के साथ उस तरह का गहरा रिश्ता नहीं बना पाती हैं, जो कि एक दोस्त के साथ वक्त के साथ बनता है। आइए हम आपको बताते हैं कि आप कैसे बहन के साथ दोस्त जैसा रिश्ता कायम कर सकती हैं। इसके लिए सिर्फ आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना है। आइए जानते हैं विस्तार से।
बातचीत बंद न करें
बहन के साथ लड़ाई-झगड़े का दौरा बचपन से चला आता है। महीने के तीस दिन में से 20 दिन ऐसे जरूर होते हैं, जब बहन के साथ झगड़ा जरूर होता है। कभी खाने की पसंद को लेकर, तो कई किसी न किसी कपड़े को लेकर। छोटी-छोटी लड़ाई रिश्तों में और अधिक अपनापन लेकर आती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जब किसी न किसी वजह से बातचीत एक या दो दिन के लिए बंद हो जाती है। बहन के साथ अगर किसी बात पर झगड़ा हो भी जाता है, तो उसे बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश करें। बातचीत को बंद न करें। बहन के साथ किसी भी बात पर तनाव होने पर यह जरूर सोचें कि अगर बहन की जगह आपकी दोस्त नाराज होती, तो आप क्या करती। किसी भी रिश्ते को मजबूत करने के लिए सबसे सही तरीका, बातचीत को बंद नहीं करना होता है।
एक दूसरे की रुचि में दिलचस्पी दिखाएं
बहन के साथ दोस्ती का रिश्ता कायम करने के लिए उससे जुड़ी चीजों में दिलचस्पी बढ़ाने की कोशिश करें। अपनी बहन के हॉबी को समझना और सीखना शुरू कर दें। आप अपनी बहन की हॉबी में दिलचस्पी लें, फिर चाहे वो डांसिंग हो या कुकिंग। जब आप अपनी बहन की हॉबी में दिलचस्पी दिखायेंगी, तो उन्हें भी आपकी पसंद को अपनाने में देरी नहीं लगेगी। इस तरह साथ में कुकिंग करते हुए या फिर डांस और पेंटिंग क्लासेस के दौरान आपके आपसी रिश्ते दोस्ती में तब्दील होंगे। अगर आपकी बहन को सोलो यात्रा जाना है, तो उसके उस सपने को पूरा करने में भी उसका साथ दें।
एक दूसरे के लिए उठाएं आवाज
बहन के साथ दोस्ती न कायम होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि जब भी आपकी बहन की आपके भावनात्मक साथ की जरूरत पड़ती है, आप उसका साथ नहीं दे पाते। उसका साथ देने के लिए उसके साथ खड़े नहीं हो पाते हैं। इसलिए जब भी घर में माता-पिता या रिश्तेदारों के सामने या फिर घर के बाहर भी आपकी बहन के साथ गलत होता हुआ देखे, तो डटकर उसके साथ खड़े होकर उसके समर्थन में आवाज उठाएं। जीवन के हर पड़ाव, हर सुख-दुख में अपनी बहन के साथ दोस्त बनकर खड़े रहें।
बहन के साथ न करें खुद की तुलना
कभी-भी परिवार के सामने या फिर किसी रिश्तेदार के सामने अपनी बहन की तुलना किसी और से न करें। यहां तक कि आप अपने दोस्तों के सामने भी बहन का किसी भी तरह से मजाक न उड़ाएं। अगर आप किसी चीज में अपनी बहन से बेहतर हैं, तो उसे नीचा न दिखाएं। उसे कभी ऐसा न महसूस कराएं कि आप हर मामले में उससे आगे हैं। बहन के लिए मन में जलन की भावना लाने से बचें। बहन की कमजोरी को उसकी ताकत बनाने में मदद करें।
माता- पिता से न करें शिकायत, बनें राजदार
बहन का दोस्त बनने का सबसे मुश्किल और जरूरी पड़ाव है, उसका राजदार बनना। बहन कभी-भी दोस्त इसलिए नहीं बन पाती हैं कि वे अपने जीवन के कई बड़े राज से आपको इस वजह से भी अनजान रखती हैं कि कहीं आप परिवार के सामने उस राज को बता न दें। बहन आपको अपना राजदार बनाने में डरती हैं, जो कि दोस्तों के साथ नहीं रहता है। इसलिए कभी भी बहन की शिकायत माता-पिता से न करें, बल्कि एक दोस्त की तरह उसकी गलती पर उसे समझाने की कोशिश करें। उसे इस बात का यकीन दिलाएं कि आप उसके जीवन की निजी बातों को अपने तक रखेंगे और उसकी मुश्किलों में उसका साथ देंगे। बहन के साथ दोस्ती का रिश्ता कायम करने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आप अपनी बहन को सुनें। उसे समझें। उसे किसी भी बात पर जज न करें।