भाई-बहन जीवन का अहम हिस्सा होते हैं, जो जीवन के हर पड़ाव पर सबसे बड़े सहायक बन कर आते हैं। फिर चाहे कितनी भी लड़ाई क्यों न हो जाए, मुसीबत के वक्त सबसे पहले भाई-बहन ही अपने कदम हमारी तरफ बढ़ाते हैं। कई बार हम बाहरी दुनिया में दोस्त की तलाश करते हैं, जब कि जन्म के साथ ही हमें भाई-बहन के रूप में परिवार में दोस्त मौजूद होता है। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि भाई-बहन के साथ हमेशा इस बात की झिझक रहती है कि कैसे उनके साथ रिश्ते दोस्ती के पायदान पर लेकर जाया जाए, कैसे भाई-बहन के साथ आपसी रिश्ते में संकोच की झिझक को मिटाया जाए और उनके साथ मजबूती बढ़ाई जाए। आइए जानते हैं विस्तार से।
भाई-बहन से पहले बनें दोस्त
भाई-बहन के साथ रिश्ता तब कमजोर पड़ता हुआ दिखाई देता है, जब आप अपने एक दूसरे को केवल भाई-बहन के नजर से देखती हैं। भाई-बहन को आपसी रिश्ते में दोस्ती का अहसास लाना जरूरी है। भाई-बहन के रिश्ते में दोस्ती वाली समझ, दोस्ती वाला खुलापन और दोस्ती वाला अपनापन होना जरूरी है। अगर आप अपने भाई-बहन के रिश्ते में दोस्ती वाले सारे गुण नहीं ला पायेंगी, तो रिश्ता मजबूत नहीं बन पाएगा, क्योंकि दोस्ती के जरिए किसी भी रिश्ते को और करीब लाया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि भाई-बहन के बीच दोस्ती वाला बंधन होना जरूरी है। इसके लिए आपको ऐसी गतिविधियां करनी चाहिए, जो अक्सर आप अपने दोस्तों के साथ करते है।
घूमने की करें प्लानिंग
किसी भी रिश्ते को मजबूत करने के लिए साथ में वक्त बिताना जरूरी है। वक्त बिताने के लिए घर में साथ रहना जरूरी नहीं होता, बल्कि साथ में किसी ऐसे सफर पर निकलना होता है, जिसमें कोई चिंता या कोई परेशानी न हो। केवल एक दूसरे के लिए वक्त और मस्ती होनी चाहिए। इसलिए भाई-बहन के साथ रिश्ता मजबूत करने और एक दूसरे के करीब आने के लिए साथ में घूमने की योजना बनानी चाहिए। साल में एक या दो बार ही सही, लेकिन किसी दूसरे शहर या फिर अपने होम टाउन एक साथ जाकर बचपन की कई यादें साझा कर सकती हैं। किसी नए शहर घूमने के साथ आप एक दूसरे को और अच्छी तरह से समझ सकते हैं। एक दूसरे के करीब आ सकती हैं। अपने भाई-बहन के साथ नए शहर में मस्ती के साथ की गई यात्रा आपके रिश्ते में धैर्य और समझ लेकर आएगी। इसलिए साल में एक या दो बार जरूर भाई-बहन के साथ घूमने की प्लानिंग करें। इस प्लानिंग में परिवार के किसी अन्य सदस्य या फिर दोस्तों के साथ न लेकर जाए। सिर्फ आप अपने भाई या फिर बहन के साथ ही यात्रा की प्लानिंग करें।
अपनी बातें करें शेयर
अक्सर ऐसा होता है, जब कहीं बाहर से घर लौटने के बाद हम या तो मोबाइल में व्यस्त हो जाते हैं या फिर टीवी के पास बैठ जाते हैं या फिर अपने दोस्तों के साथ कुछ बातें करके खुद को दिमागी सुकून देना चाहते हैं, ऐसे में हम भाई-बहन से जुड़ाव नहीं बना पाते हैं। इसलिए यह कोशिश करें कि अपने हर दिन की बातें भाई-बहन के साथ शेयर करें। उन्हें यह बताएं कि आपकी जिंदगी में क्या हो रहा है, साथ ही यह कोशिश करें कि आपके भाई-बहन के जीवन में क्या चल रहा है। आप अपने भाई-बहन से यह पूछ सकती हैं कि उनका दिन कैसे बीता है। आप उनसे उनके ऑफिस या फिर उनके दोस्तों के बारे में बात कर सकती हैं। आप उनके जीवन की राज़दार बनने की कोशिश कर सकती हैं। आप अपने भाई-बहन को यह भरोसा दिला सकती हैं कि वे अगर आपके साथ कोई बात साझा करते हैं, तो आप उन्हें किसी और से नहीं बतायेंगी। खासतौर पर अपने परिवार के बीच उनके जीवन की सीक्रेट बातें शेयर नहीं करेंगी। साथ ही उन्हें कभी किसी बात के लिए धमकी न दें। इससे आप उनके करीब कभी नहीं आ पायेंगी।
भाई-बहन के दोस्तों से दोस्ती
दोस्त ही दोस्त को करीब लाते हैं, आप यही फार्मूला अपने भाई-बहन के साथ इस्तेमाल कर सकती हैं। आप अपने दोस्तों की मुलाकात अपने भाई-बहन से कराएं। साथ ही कोशिश करें कि आपके भाई-बहन के दोस्तों का संपर्क आपसे भी जुड़ा रहें। इससे एक सर्कल बनेगा और आपको भाई-बहन के साथ आप अपने रिश्ते को पहले से अधिक मजबूत कर पायेंगे। किसी भी रिश्ते में मजबूती की सबसे बड़ी वजह कम्युनिकेशन होती है। अगर आप अपने रिश्ते में बात करते हैं, तो किसी भी तरह की कोई उलझन नहीं बनती है, क्योंकि उलझने केवल रिश्तों पर बोझ बढ़ाती हैं। इसलिए अगर आप अपने रिश्ते में दोस्तों को शामिल करेंगी, तो इससे एक-दूसरे के साथ रिश्ता मजबूत करने का मौका मिलेगा।
सप्ताह में एक दिन दें समय
भाई-बहन के साथ रिश्ता मजबूत करने का एक तरीका यह भी है कि आप सप्ताह में एक दिन अपने रिश्ते को समय जरूर दें। इसकी वजह यह है कि पूरे सप्ताह आपको भले ही अपने काम से समय न मिलें, लेकिन एक दिन जरूर भाई-बहन के साथ बिताएं। इसके लिए आप एक साथ घर पर बैठकर किसी फिल्म का आनंद उठाएं। एक-दूसरे की जिंदगी पर बात करें या फिर शहर में किसी खास जगह पर जाने की योजना करके एक साथ उस जगह के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करें। आप एक दूसरे के साथ गेम भी खेल सकती है। रात को बैडमिंटन और कैरम जैसे खेल भी आपके रिश्ते में मस्ती को जगह देंगे।
दोष देना छोड़े
अपने रिश्ते की जिम्मेदारी समझें। खुद को समझें। किसी भी गलती के लिए अपने भाई-बहन को दोष न दें। अगर कोई विवाद होता भी है, तो अपने भाई-बहन में गलती निकालने से बेहतर है कि आप खुद की कमी की तलाश करें। इस सोच के साथ रिश्ता आगे बढ़ाए कि गलती सबसे होती है। साथ ही किसी तरह का विवाद होने पर सामने वाले व्यक्ति की बात सुनें और समझें।
अपने रिश्ते की तुलना न करें
भाई-बहन के साथ आपका संबंध कैसा भी हो, लेकिन कभी भी अपने रिश्ते की तुलना किसी से नहीं करें। किसी दूसरे व्यक्ति के सामने अपने भाई-बहन के लिए ऐसी बातें न करें, जिससे उन्हें सम्मान महसूस न हो। आप किसी भी रिश्ते में मजबूती केवल आपसी सहयोग से ला सकते हैं।
ध्यान रखें जरूरी बातें
सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि भाई-बहन का जीवन में होने का क्या महत्व होता है। किसी के जीवन में भी भाई-बहन का होना मायने रखता है। जीवन के हर पड़ाव में उनका साथ आपको आत्मविश्वास और मजबूती देता है। साथ ही यह भी जरूरी है कि एक दूसरे के साथ उचित बाउंड्री मेंटेन करें। आप एक दूसरे को स्पेस भी दें। कई बार ऐसा होता है कि हम अपने भाई-बहन के प्रति प्रेम जाहिर नहीं करते। उन्हें यह नहीं बताते हैं कि वे हमारे जीवन में कितना महत्व रखते हैं। इसलिए जब भी मौका मिले, तो अपने भाई-बहन के प्रति प्रेम और स्नेह जरूरी जाहिर करें। साथ ही रिश्ते में सिर्फ बोलना नहीं, बल्कि सुनना भी जरूरी होता है। किसी मामले में अगर आपको भाई-बहन के सामने सलाह मिलती है, तो उसे समझने की कोशिश करें। आपको उनकी सलाह में कोई आपत्ति भी है, तो उस पर शांति से चर्चा करें।
अपने रिश्ते पर भरोसा करें
किसी भी रिश्ते की बुनियाद भरोसे के बलबूते होती है। अपने रिश्ते में भरोसा करें। विश्वास और खुली बातचीत के आधार पर भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होता है। एक विश्वास के दम पर ही भाई-बहन अपने विचारों का आदान-प्रदान आसानी से कर सकते हैं। बिना विश्वास के आप किसी भी रिश्ते को मजबूत और टिकाऊ नहीं बना सकते हैं। यह साफ है कि विश्वास है, तो रिश्ता जिंदा है, बिना यकीन के रिश्ता कच्ची माटी पर बैठा होता है।