दूरी चाहे किसी से भी हो, होती तकलीफदेह है। विशेष रूप से सप्ताह के 5 दिन और दिन के 24 घंटों में से 9 घंटे जहां हम बिताते हैं, वहां किसी खास कॉलिग के जॉब छोड़कर जाने के ख्याल से ही हमारा दिल बैठ जाता है। आइए जानते हैं ऐसे हालातों में क्या किया जाए।
जिंदगी और खूबसूरत बनाती है हमखास कॉलिग
अक्सर ऑफिस में जहां कॉलीग्स के बीच प्रतिद्वंदिता और इंसिक्योरिटी की बातें होती रहती हैं, वहीं कोई ऐसी भी होती है, जो इन सबसे परे बहुत खास होती है। सुबह ऑफिस में एंटर करते ही जहां उसे ‘हैलो’ कहने के साथ आपका दिन शुरू होता है, वहीं शाम को घर जाते वक्त उसे ‘बाय’ कहकर निकलने के साथ ही आपका दिन खत्म होता है। इस बीच साथ लंच करने के अलावा उसके साथ ली गई चाय की चुस्कियां और उन चुस्कियों के साथ हल्की-फुल्की गॉसिप का मजा पूरे दिन की थकान उतारने के लिए काफी होती है। यदि एक वाक्य में कहें तो वे आपके ऑफिस जाने का मुख्य कारण होती है, जिसे मिलकर आप अपनी सारी परेशानियां भूल जाती हैं। लेकिन जब आपको पता चलता है कि आपकी वही हमखास कॉलिग ऑफिस के साथ आपको भी हमेशा के लिए छोड़कर जा रही है, तो ये खबर आपके लिए किसी तूफान से कम नहीं होती। है ना?
पुराने कुलीग्स से नई बॉन्डिंग बनाएं
कहते हैं किसी के जाने से कुछ नहीं रुकता, लेकिन ये बात जितनी जल्दी आप मान लें, उतना आपके लिए बेहतर है। हो सकता है उसके चले जाने से आपको अकेलापन लग रहा हो, लेकिन आपको ये बात भी ध्यान में रखनी होगी कि आपकी निराशा आपके काम में बाधक बन सकती है। ऐसे में कोशिश करें कि उन कुलीग्स से बात करें, जिनसे अब तक आपकी सिर्फ ‘हाय-हैलो’ होती थी। ये बात भी सच है कि इस नई बॉन्डिंग में वो बात नहीं होगी, लेकिन आप कोशिश तो कर सकती हैं, क्योंकि ये आपके मानसिक शांति का सवाल है। हालांकि ये भी हो सकता है कि वो कुलीग्स आपमें बहुत ज्यादा दिलचस्पी न लें, लेकिन कदम तो आपको ही बढ़ाने होंगे।
नजर से दूर को न बनाइए दिल से दूर
एक नई बॉन्डिंग के साथ जितना संभव हो अपने काम में मन लगाने की कोशिश करें, क्योंकि व्यस्तता आपको कुछ और या किसी और के बारे में सोचने का मौका ही नहीं देती। वैसे भी आपका काम आपको हर वो चीज देने की ताकत रखता है, जो आप हासिल करना चाहती हैं, तो एक शांत मन क्यों नहीं? हालांकि काम और नए लोगों में आप अपनी उस कॉलिग को मत भूल जाइए, जिसके लिए आप इतनी कोशिश कर रही हैं। मुद्दा यह नहीं है कि उसे भुलाकर आपको आगे बढ़ना है, मुद्दा यह है कि उसे अपनी यादों में रखकर आपको अपने आपको आगे बढ़ाना है। अत: समय निकालकर कभी-कभार उससे भी अपने दिल की बातें कर लें और उसके दिल का हाल जान लें क्योंकि आप अकेली हुई हैं, तो वे जहां गई है, वहां वे भी अकेली होंगी। ऐसे में आपके साथ बातें करके उसे भी अच्छा लगेगा। आप चाहें तो वीकेंड के दौरान अपनी उस खास कॉलिग से मिलकर पुराने दिन भी याद कर सकती हैं।
मन को भटकाएं नहीं, मन को समझाएं
अक्सर देखा गया है कि जो लोग भावुक मन के होते हैं, उनके लिए किसी को भुला पाना थोड़ा मुश्किल होता है, या यूं कहें किसी को भुलाने में उन्हें काफी वक्त लगता है। यदि आप भी उन्हीं में से एक हैं, तो आपको अपनी इस कमजोरी को मात देते हुए अपनी ताकत पर फोकस करना चाहिए। अगर आप अपनी खास कॉलिग को हर समय बहुत ज्यादा मिस करती हैं, तो आपको अपना थोड़ा वक्त उसमें बिताना चाहिए, जिसमें आपकी रुचि है। अपनी पसंद अनुसार किसी हॉबी को अपनाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। सिर्फ यही नहीं आप चाहें तो ऑफिस आवर्स से कुछ समय निकालकर टहलने जा सकती हैं या अपनी पसंद का कोई म्यूजिक सुन सकती हैं। खुद को तनाव मुक्त करने के लिए आप मेडिटेशन या एक्सरसाइज का भी सहारा ले सकती हैं।
अपने परिवार के साथ वक्त बिताएं
याद रखिए ऑफिस आपकी दुनिया नहीं, बल्कि आपकी दुनिया का सिर्फ एक हिस्सा है। ऐसे में किसी एक के ऑफिस छोड़कर जाने से निराश होने की बजाय आप उन्हें वक्त दीजिए, जिनके लिए चाहकर भी आप वक्त नहीं निकाल पा रही थीं। संभव हो तो अपने परिवार के साथ अपने दिल की बात साझा करते हुए, उनके दिल का हाल जानने की कोशिश कीजिए। आम तौर पर हम जिनके बहुत करीब रहते हैं, उनसे ही बहुत दूर रहते हैं। आप चाहें तो कुछ दिनों की छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ कहीं घूमने भी जा सकती हैं। जगह बदलने से हो सकता है आपका मन भी बदल जाए। चाहे जिस तरह भी हो आपको अपने मन को समझाना ही होगा, क्योंकि दुनिया जीतने से पहले, अपने मन को जीतना जरूरी है।