आपके स्वभाव के हिस्से में कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो कि आपको सबसे सामने ‘अटेंशन सीकर’ बना देती हैं और आपको इस बारे में पता भी नहीं चलता है। ‘अटेंशन सीकर’ का मतलब है कि आप हमेशा यही चाहती हैं कि लोगों का ध्यान सिर्फ आप पर ही रहे, लोग हमेशा आपकी बातों को सुनें, ऐसे में लोग आपको जल्द ही अटेंशन सीकर की केटेगरी में डाल देंगे। तो ऐसा न हो और लोगों के सामने आपकी मौजूदगी का सकारात्मक प्रभाव पड़े, इसके लिए बहुत जरूरी है कि आपको अपनी इस आदत से वाकिफ तो हों कि आप में ‘अटेंशन सीकर’ बनने की आदत है या नहीं। आइए विस्तार से जानते हैं इस संबंध में।
दूसरों की चापलूसी करना
‘अटेंशन सीकर’ लोग अक्सर लोगों की चापलूसी करने में भी पीछे नहीं रहते हैं। उन्हें आदत होती है, दूसरों की हां में हां मिलाने की। ‘अटेंशन सीकर’ व्यक्ति में यह सबसे खास बात होती है कि उसे हर समय खुद को सबसे अच्छा दिखाने की आदत होती है और ऐसा व्यक्ति खुद को अच्छा दिखाने के लिए किसी भी गलत चीज में साथ देने से पीछे नहीं हटता है। उसे हमेशा अपनी तारीफ करना और अपने किए गए कामों की तारीफ बिना पूछे सबसे सामने करने की आदत होती है। अपने अंदर छुपी हुई असुरक्षा को बार-बार खत्म करने के लिए ‘अटेंशन सीकर’ व्यक्ति ऐसा करता है। तो एक बात याद रखें अपने के बारे में ऐसे लोगों से ही बात करें, जिन पर आपको पूरा विश्वास हो, हर किसी को अपना मानने की गलती न करें, क्योंकि जब और लोग आपको ‘अटेंशन सीकर’ कह कर पुकारेंगे, तो वह इंसान भी आपको उसी नाम से बुलाने या पुकारने में गुरेज नहीं करेगा।
सबसे सामने खुद को दुखी बताना
कई ‘अटेंशन सीकर’ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं, जो कि दूसरों के सामने खुद का दुख रोने लगते हैं। समस्या चाहे किसी तीसरे की भी क्यों न हो, ऐसे व्यक्ति लोगों का ध्यान बटाने के लिए अपने दुख और तकलीफ का रोना रोने लगते हैं। ऐसे लोग खुद को किसी भी मामले का विक्टिम बताने से पीछे नहीं हटते हैं। उनका कहना ऐसा होता है कि उसके साथ कुछ नहीं हुआ, मेरे साथ तो इससे बड़ी दुर्घटना हो चुकी है। अन्य लोगों की सहानुभूति लेने के लिए खुद को सबसे अधिक पीड़ित बताने में ऐसे लोग सबसे आगे रहते हैं। अगर आपमें ऐसी आदत है, तो इसे भी बदलने की कोशिश करें, क्योंकि कई बार लोग यह मान बैठते हैं कि आपको सिर्फ हमदर्दी लूटने या लेने की आदत है और फिर वे आपको जज तो करते ही हैं, ऐसे में बेहतर है कि लोगों से उतना ही दुःख-दर्द बातें, जितनी जरूरत है।
बड़ी-बड़ी बातें करना
‘अटेंशन सीकर’ लोग अक्सर बिना पूछे भी खुद के किए गए काम को बढ़ा चढ़ाकर बताने से पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे लोग अपनी प्रतिभा के बारे में डींग मारते हैं और लोगों से यह बताने की कोशिश करते हैं, उन्हें उस जगह पर पहुंचने का अवसर मिला है, जहां पर कोई भी नहीं पहुंच पाता है। अपनी हर बात पर मक्खन लगाकर प्रस्तुत करना ‘अटेंशन सीकर’ की आदत का हिस्सा होती है। ‘अटेंशन सीकर’ व्यक्ति दूसरों की सफलता के आगे अपनी सफलता की तारीफ करने में संकोच नहीं करते हैं। ऐसे लोगों से एक वक्त के बाद या तो लोग दूरी बना लेते हैं या उनकी बातों को तवज्जो नहीं देते हैं, इसलिए कोशिश करें कि किसी के लिए भी आप अटेंशन सीकर न बनें।
काम कम और बातें सबसे अधिक करना
‘अटेंशन सीकर’ व्यक्तियों का ध्यान अपने काम पर कम और दूसरों के काम पर अधिक होता है। दूसरों के सामने किसी तीसरे की बुराई करना और बिना बात के दूसरे लोगों से बात करना इन सभी की आदत होती है। कई बार ऐसे लोग लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बातों पर अधिक ध्यान देते हैं और काम पर नहीं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी अपनी पोस्ट लाइक कराने के लिए ऐसे लोग किसी भी तरह की पोस्ट शेयर करने से पीछे नहीं हटते हैं। आपके इर्द-गिर्द या खुद में आपने यह लक्षण महसूस किये हैं, तो कोशिश करें कि इन्हें बदलें।
झूठ बोलना
‘अटेंशन सीकर’ व्यक्तियों की आदत का हिस्सा यह भी होता है कि इनकी बातों में झूठ अधिक और सच चुटकी भर नमक जितना होता है। अगर आपके सामने ऐसे लोग किसी घटना का जिक्र करते भी हैं, तो उस पर मसाला लगाकर उसे झूठ के साथ पेश करते हैं, ताकि लोगों का ध्यान उन तक पहुंच सकें। ऐसे लोग अपनी चार बातों में 2 बातें झूठ के आधार पर बोलते हैं। ऐसे लोग उन लोगों का अटेंशन पाकर भी खुश होते हैं, जिनमें से आधे से अधिक व्यक्तियों को वह जानते भी नहीं हैं। अगर आपके आस-पास भी कोई ऐसा है, तो उन्हें समझाने और बदलने की कोशिश करने के लिए उनकी मदद करें, नहीं तो लोग फौरन आपको इस टैग से जोड़ने में पीछे नहीं हटेंगे।