महिलाओं की आजादी पर वैसे तो कई बार बातें हुई हैं, लेकिन, यह बात गौर करने की है कि महिलाओं को उम्र के हर पड़ाव पर नयी चीज से आजादी चाहिए। हमने हर उम्र की महिलाओं से बात करके इस बात का पता लगाया है कि वह आज किस चीज से आजादी चाहती हैं। 5 साल की बच्ची से लेकर, 55 साल की महिला के पास आजादी के अपने-अपने मायने हैं। जानिए इन सबकी बातें, जिन्हें जान कर आप अपने आपको इनमें देखने लगेंगी।
5 साल की रिया की मांग है अपनी मम्मी की आजादी
यह बात आपने कई बार सुनी होगी कि आजकल के बच्चों को सब कुछ समझ में आता है। छोटी-सी उम्र में बच्चे अपने आसपास की चीजों को बहुत नोटिस करते हैं। ऐसे में, हमारी बात हुई रजनी से, जिनकी 5 साल की बेटी ने चाही उनकी आजादी। रजनी ने हमें बताया कि वह रिया को जन्म देने से पहले डांस सिखाती थीं, लेकिन, रिया की देख-रेख में उन्हें अपने काम पर वापस जाने का समय ही नहीं मिल पाया और फिर एक दिन रिया ने उनसे कुछ ऐसा कहा, जिसे सुन कर आपका दिल भी भर आएगा। रजनी ने बताया, 'रिया को भी मेरी तरह डांस बहुत पसंद है और मैं उसके साथ नए-नए गानों पर डांस भी करती हूं। एक दिन रिया ने मुझसे कहा कि बिल्डिंग में उसकी एक दोस्त है जान्हवी, क्या मैं उसको भी डांस सिखा सकती हूं? तब मैंने उसे बताया कि हां, बिल्कुल, मैं तो पहले दूसरों को डांस सीखाती थी, लेकिन अब मुझे समय नहीं मिलता। रिया ने बड़ी मासूमियत से पूछा कि क्यों समय नहीं मिलता? मैंने उसे बताया कि मुझे नन्हीं रिया का ध्यान रखना होता है। मैंने उसे छेड़ते हुए ये भी कहा कि तुम्हें दिन भर कुछ खाने को चाहिए, तो मैं तुम्हें छोड़ कर दूसरों को डांस कैसे सिखाऊं? रिया ने कुछ नहीं कहा और मैं भी ये बात भूल गयी। लेकिन दूसरे दिन रिया किचन में आई और कहा मम्मी मुझे भूख नहीं है और मुझे देर रात तक भूख नहीं लगने वाली, आप दूसरों को डांस सिखा कर आ जाओ। रिया की ये बात मेरे दिल को छू गयी। मुझे लगता था, मां बन जाने के बाद मैं बंध गई हूं, लेकिन रिया ने मेरी आजादी की मांग ऐसे रखी कि मैं और मेरे पति दोनों ही इस बात से इमोशनल हो गए।
15 साल की आईना को चाहिए दोस्ती करने की आजादी
दोस्ती करने का हक हर किसी को होना चाहिए। पेरेंट्स को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने बच्चों को दोस्त बनाने की छूट दें। मुंबई के बोरीवली इलाके में रहने वाली 15 साल की आईना अपने स्कूल में चुनिंदा लोगों से बात करती है। आईना ने हमसे एक तरह से अपनी मां की शिकायत की है। आईना ने हमसे कहा, 'मैं अपने स्कूल में बहुत ही कम लोगों से बात करती हूं, जबकि मुझे दोस्त बनाना बहुत पसंद है। लेकिन, मेरी मम्मी मुझे लेकर कुछ ज्यादा ही प्रोटेक्टिव हैं। मैं समझती हूं कि उन्हें मेरी चिंता है, लेकिन मैं किससे बात कर रही हूं, मेरे दोस्त पढ़ाई में कैसे हैं, मेरे दोस्त कैसे कपड़े पहनते हैं, मम्मी इन सब बातों को बहुत सीरियस ले लेती हैं, जो कि मुझे बहुत गलत लगता है। आप मेरी मम्मी से बात करके उन्हें समझाओ न, शायद वो मान जाए कि मुझे अपने दोस्त अपने हिसाब से बनाने दें और कुछ गलत होगा तो मैं बिना सोचे समझे उनसे ही मदद मांगूंगी।'
25 साल की करिश्मा चाहती है शादी के प्रेशर से आजादी
शादी करना, न करना एक पर्सनल चॉइस है और यह बात आजकल काफी लोग समझ गए हैं। लेकिन, जयपुर में रहने वाली करिश्मा इस शादी के प्रेशर से आजादी चाहती हैं। करिश्मा ने कहा, "मैं 25 साल की हूं और मेडिकल की पढ़ाई कर रही हूं। मिडल क्लास फैमिली से होने के नाते मैं जानती हूं कि मेरे मम्मी-पापा ने बहुत मुश्किल से पैसे जोड़ कर मेरी पढ़ाई में लगाए हैं। पर, अब वो और पैसे जोड़ रहे हैं, जो वे मेरी शादी में लगाएंगे। पढ़ाई करके मैं कुछ समय के लिए काम करना चाहती हूं। चाहती हूं कि शादी के इस कलेक्शन में मैं भी अपना इनपुट दूं। लेकिन, मेरे पेरेंट्स बस मेरी पढ़ाई खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि शादी करनी है, नहीं करनी है, कब करनी है, कैसे करनी है, वो मुझसे पूछा जाना चाहिए। मैं मेरे पेरेंट्स की हेल्प करना चाहती हूं। सिर्फ अपनी शादी के लिए नहीं, लेकिन मैं चाहती हूं कि मैं अपने कमाये पैसों से मम्मी-पापा को एक विदेश ट्रिप पर ले जाऊं, जो उन्हें फिजूल खर्च लगता है। कुल मिला कर कहूं तो, हां मुझे ये शादी के प्रेशर से आजादी चाहिए।'
45 की उम्र में शिवानी चाहती हैं अपनी 'जिम्मेदारियों' वाली सोच से आजादी
शिवानी की शादी 22 साल की उम्र में हो गई थी। 30 की उम्र तक उनके दो बच्चे हो गए थे। शिवानी पुणे की रहने वाले होम मेकर हैं। शिवानी ने हमें बताया कि इस उम्र में आने के बाद, अब वह कुछ जिम्मेदारियों से आजादी चाहती हैं। शिवानी कहती हैं, 'बच्चे अब बड़े हो गए हैं और मैंने हमेशा से दोनों बेटों को बेसिक खाना बनाना सिखाया है। लेकिन फिर भी मैं न चाहते हुए भी, दिन भर उनके आगे-पीछे लगी रहती हूं। वह कहते हैं कि मम्मी आपको इतना काम करने की जरूरत नहीं है, लेकिन मुझे इसकी आदत हो गई है। मेरे दोनों बेटे मुझे खाना बनाकर भी खिला देते हैं और इस बात पर मुझे गर्व है, लेकिन अपनी ही ये 'जिम्मेदारी' निभाने वाली सोच से मैं आजाद होना चाहती हूं। कुछ ऐसा करना चाहती हूं, जो मुझे अच्छा लगे, कहीं घूमना चाहती हूं लेकिन, जिम्मेदारियां उतनी है नहीं, जितना मैंने दिमाग में बैठा लिया है। कोशिश कर रही हूं इनसे आजादी मिले, देखते हैं कब मिलती है।
55 साल की कांता चाहती हैं अपने ही बच्चों से आजादी
मुंबई में रहने वाली कांता कहती है कि वो अपने बच्चों से बहुत प्यार करती हैं। उनकी बहू उनका खूब ध्यान रखती है और बेटी भी अपनी शादी-शुदा जीवन में खुश हैं। ऐसे में, कांता को अपने ही बच्चों से आजादी चाहिए। कांता ने हमें बताया, 'मुझे हमेशा से अकेले रहना पसंद था। ऐसा नहीं है कि परिवार नहीं चाहिए, लेकिन कुछ दिन मैं अकेले रहना भी बहुत पसंद करती हूं। मुझे किताबें पढ़नी है और कुछ पुरानी सहेलियां हैं, जिनसे गप्पे लड़ानी हैं। लेकिन मेरे बच्चे काफी प्रोटेक्टिव हैं। यह मुझे अकेला छोड़ते ही नहीं है। खासकर, कोविड के बाद। मेरे बेटे को लगता है कि मैं कहीं गई तो मुझे कोविड हो जाएगा और मैं बीमार पड़ जाऊंगी। मैंने दोनों डोज और बूस्टर भी ले लिया है और मैं जानती हूं कि खुद का ध्यान कैसे रखना है। मैं इतनी बूढ़ी भी नहीं हुई हूं और मेडिकली फिट भी हूं। कोई बस मुझे मेरे बच्चों से कुछ दिनों के लिए ही सही, आजादी दे दे।
इन सभी की बातों में वाकई, महिलाओं और लड़कियों ने खुल कर इस बात का जिक्र किया है कि उन्हें भी किसी न किसी रूप में आजाद रहने का हक है, वरना कभी काम तो कभी कुछ के चक्कर में कुछ नहीं हो पाता है, तो हमें यकीन है कि आपके अंदर भी करिश्मा, शिवानी या कांता होगी। है न ! दरअसल, आपकी आजादी के लिए आपको ही खड़े होना होगा और खुद के साथ अपनों को भी समझाना होगा कि यह आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है। आशा है आप सभी को अपनी आजादी जरूर मिले।