विदेश घूमना हर किसी का सपना होता है, और कई बार हमारा ये सपना सच भी हो जाता है, लेकिन समस्या तब हो जाती है जब अनजान देश में जाकर आप किसी एमरजेंसी का शिकार हो जाती हैं। ये एमरजेंसी कई तरह की हो सकती हैं। तो आइए जानते हैं ऐसी किसी परेशानी से बचने के लिए आपको किस तरह के सेफ्टी टिप्स अपनाने चाहिए।
यात्रा से पहले करें तैयारी
हम सब चाहते हैं कि हमारी यात्रा शुभ और सुरक्षित हो, लेकिन कई बार न चाहते हुए भी ऐसा कुछ हो जाता है, जो हमारी शारीरिकऔर मानसिक परेशानी की वजह बन जाता है। फिलहाल उसी के मद्देनजर विदेश जाने से पहले जिस तरह आप अपने टिकट और वीजा को इत्मीनान से संजोकर रख लेती हैं, उसी तरह आपको कुछ ऐसे नंबर्स भी सेव कर लेने चाहिए, जिन्हें आप एमरजेंसी में इस्तेमाल कर सकें। उदाहरण के तौर पर ये नंबर्स आपके परिवार और दोस्तों के साथ बीमा कंपनी, बैंक अकाउंट नंबर और जिस देश में आप जा रही हैं, वहां के एम्बेसी के होने चाहिए। इन नंबर्स के अलावा आप कोशिश करें कि यात्रा से पहले आप अपने जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे, पासपोर्ट, वीजा, ट्रेवेल इंश्योरंस पॉलिसी और दूसरे डॉक्युमेंट्स को स्कैन करके उसका बैकअप अपने ईमेल या क्लाउड स्टोरेज पर सुरक्षित रख लें। इसके अलावा अपने फोन के साथ पोर्टेबल चार्जर और पावर बैंक भी रख लें।
लोकल एमरजेंसी सर्विस को न भूलें
किसी भी एमरजेंसी, जैसे एक्सीडेंट, मेडिकल एमरजेंसी, या सिक्योरिटी क्राइसिस में सबसे पहले लोकल एमरजेंसी नंबर, जैसे पुलिस, एम्बुलेंस, फायर सर्विस पर कॉल करें। अधिकांश देशों में यह नंबर 911, 112, या 999 होता है, लेकिन देश के हिसाब से यह बदल भी सकता है। कुछ देशों में आपातकालीन सेवाएं विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध होती हैं। ऐसे में उसकी जानकारी पहले ही निकालकर रख लें। हालांकि सुरक्षा स्थितियों की बात करें तो नंबर्स के साथ आपको इसकी भी जानकारी होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि आप किसी हमले, अपहरण, या खतरे का सामना कर रही हैं, तो ऐसे में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचें। ध्यान दें कि भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों में सुरक्षा बेहतर होती है। इसके बाद तुरंत लोकल पुलिस को सूचित करें। विशेष रूप से यदि आप अकेले ट्रेवल कर रही हैं, तो आपके लिए ये बेहद जरूरी है कि आप गलती से भी किसी अज्ञात व्यक्ति को अपना ट्रेवल प्लान न बताएं। इसके अलावा होटल और टैक्सी का चयन करते समय केवल विश्वसनीय सेवाओं का ही उपयोग करें। यदि आपको खाने या पीने के पानी में परेशानी हो रही हो तो किसी अनजान से इन चीजों को लेने की बजाय किसी लोकल कम्युनिटी या इंडियन सपोर्ट ग्रुप से ही मदद मांगें। संभव हो तो बोतलबंद पानी और हल्का, सुरक्षित भोजन ही खरीदें।
इंडियन एम्बेसी या कॉन्सुलेट से संपर्क करें
विदेश में यदि आप किसी तरह की कानून या चिकित्सा सहायता चाहती हैं, तो आपको बिना देर किए नजदीकी इंडियन एम्बेसी या कॉन्सुलेट से संपर्क करना चाहिए। वे आपको स्थानीय कानून, चिकित्सा सहायता, या अन्य जरूरी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। गौरतलब है कि इंडियन एम्बेसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर कॉन्टैक्ट डिटेल्स लिखे होते हैं, या फिर आप चाहें तो सोशल मीडिया के जरिए भी उनसे संपर्क कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपका पासपोर्ट खो गया है, या आपको नए पासपोर्ट के अलावा किसी जरूरी दस्तावेज की जरूरत है तो एम्बेसी आपके लिए इसकी व्यवस्था कर सकती है। यदि आपको विदेश में किसी तरह की कानूनी मदद चाहिए, तो वे आपको वकीलों की जानकारी भी दे सकते हैं। यदि किसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में आप या आपका कोई अपना वहां की जेल में बंद हो गया हो, तो वे इसमें भी आपकी मदद कर सकते हैं। सीरियस मेडिकल सर्विस के लिए भी आप उनसे कॉन्टैक्ट कर सकती हैं।
लोकल इंडियन कम्युनिटी और सपोर्ट ग्रुप
गौरतलब है कि इंडियन एम्बेसी के अलावा कुछ देशों में इंडियन कम्युनिटी द्वारा बनाए गए सपोर्ट ग्रुप्स भी होते हैं, जो एमरजेंसी के दौरान विदेश में भारतीय यात्रियों की मदद करते हैं। विदेश जाने से पहले यदि आप इन समूहों के बारे में भी जानकारी इकट्ठी कर लें, तो ये आपके लिए मददगार होगी। ये ग्रुप्स विशेष रूप से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए न सिर्फ रहने, खाने की व्यवस्था करते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर उनको मेडिकल और कानूनी मदद भी देते हैं। हालांकि किसी भी समस्या में फंसने पर सबसे पहले वहां के लोकल पुलिस से कॉन्टैक्ट करना न भूलें। विशेष रूप से चोरी, हमले या किसी एक्सीडेंट की सूचना तो आपको सबसे पहले उन्हें देनी ही होगी। इसके अलावा यदि आप विदेश में अकेलेपन के कारण तनाव, डर, या किसी अन्य मेंटल इश्यू का सामना कर रही हैं, तो आपको वहां के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या काउंसलिंग सेवाओं का उपयोग करना चाहिए। आप चाहें तो इसके लिए भी इंडियन एम्बेसी की मदद ले सकती हैं।
दूतावास का 24 घंटे कंसुलर हेल्पलाइन
मूल रूप से भारतीय नागरिकों की मदद के लिए भारत सरकार का विदेश मंत्रालय (MEAIndia) का मदद ऐप (MADAD App) है, जिसे आप विदेश जाने से पहले डाउनलोड करना न भूलें। यह ऐप्लिकेशन मंत्रालय की नागरिक केंद्रित सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारी का बेहतर सोर्स है। इसके अलावा अधिकांश भारतीय दूतावासों का एक 24 घंटे कंसुलर हेल्पलाइन भी होती है, जो एमरजेंसी सपोर्ट देती हैं। हालांकि इन सर्विसेस तक पहुंचने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर यदि आपका पासपोर्ट खो गया हो तो आपको इंडियन एम्बेसी से कॉन्टैक्ट करने से पहले वहां के लोकल पुलिस स्टेशन में FIR/रिपोर्ट दर्ज करवाकर उसकी एक कॉपी लेनी होगी। उस कॉपी के जरिए ही आप एम्बेसी में आवेदन देकर इमरजेंसी सर्टिफिकेट या नया पासपोर्ट प्राप्त कर सकती हैं। यदि आपका वीजा खो गया हो तो आपको लोकल पुलिस स्टेशन की बजाय लोकल इमीग्रेशन अथॉरिटी या एम्बेसी की मदद लेनी होगी। हां, सामान और कीमती वस्तुओं की चोरी पर आपको लोकल पुलिस में मामला दर्ज करना होगा।
खास स्थितियों में मदद के उपाय
गौरतलब है कि इन स्थितियों के अलावा विदेश में किडनैपिंग या उस तरह की कोई खतरे का आभास होने की सूरत में इंडियन एम्बेसी के साथ लोकल पुलिस को अवश्य सूचित करें। इसके अलावा अपने परिवार को सतर्क करते हुए अपनी लोकेशन शेयर करें। किसी तरह की प्राकृतिक आपदा में इंडियन एम्बेसी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए रिलीफ कैंपों और इवैक्युएशन सेंटर्स में जाएं। इसके अलावा युद्ध या राजनीतिक संकट के दौरान आप मीडिया और एम्बेसी वेबसाइट्स अलर्ट न्यूज पर नजर रखें और एम्बेसी द्वारा आयोजित इवैक्युएशन प्लान में भाग लें। आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि यदि आप कानूनी मामले में फंस गई हैं, तो आपके लिए एम्बेसी किसी लोकल वकील की व्यवस्था भी कर सकता है। ऐसे में किसी भी डॉक्युमेंट्स या कानूनी बयान पर साइन करने से पहले वकील की मदद जरूर लें।
इंडियन एम्बेसी की सीमाएं समझें
आम तौर पर इंडियन एम्बेसी विदेश में आपको नए डॉक्युमेंट्स देने के साथ, आपकी तरफ से न सिर्फ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से बात कर सकता है, बल्कि आपको आपके फैमिली मेंबर्स से कॉन्टैक्ट करने में मदद भी कर सकता है। लेकिन आपको एम्बेसी से मदद मांगते वक्त इस बात का ख्याल रखना होगा कि उनकी भी सीमाएं हैं। ऐसे में आप उनसे फाइनेंशियल सपोर्ट नहीं मांग सकती, लेकिन कुछ देशों में गंभीर मामलों को देखते हुए इंडियन एम्बेसी कानूनी सहायता के लिए कुछ फाइनेंशियल सपोर्ट भी देते हैं। इसके अलावा किसी कानूनी केस से सीधे बचाना या फिर आपकी यात्रा, होटल, या भोजन का खर्च उठाना उनके अंतर्गत नहीं आता। हां, यदि यदि आपका वॉलेट या कार्ड कहीं खो गया है, तो एम्बेसी के माध्यम से या किसी ट्रस्टेड व्यक्ति के जरिए आप फंड ट्रांसफर जरूर करवा सकती हैं। इसके अलावा आप वेस्टर्न यूनियन और मनीग्राम जैसे सेवाओं का उपयोग करते हुए, फास्ट मनी ट्रांसफर भी करवा सकती हैं। इसके साथ ही यदि आपका डेबिट/क्रेडिट कार्ड खो गया है, तो फाइनेंशियल सपोर्ट के लिए आप बैंक की इमरजेंसी कार्ड रिप्लेसमेंट सर्विस का उपयोग कर सकती हैं।
यात्री बीमा का उपयोग करें
विदेश जाने से पहले ट्रेवेल इंश्योरंस करवा लेना भी आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। उदाहरण के तौर पर यदि आपको अपनी ट्रिप कैंसिल करनी हो या कोई मेडिकल एमरजेंसी हो तो इंश्योरंस कंपनी आपके लिए विदेश में भी डॉक्टर और अस्पताल के साथ अन्य सेवाओं का भी प्रबंध कर सकती हैं। मेडिकल एमरजेंसी के अलावा आप अपने खोए हुए सामान के लिए भी क्लेम कर सकती हैं। हालांकि इंश्योरंस लेते समय आप इस बात का पूरा ख्याल रखें कि उसमें मेडिकल एमरजेंसी के साथ मोबाइल फोन, लैपटॉप, कैमरा, जैसी चीजें भी कवर की गई हों। ऐसे में यदि आपकी संपत्ति या सामान चोरी हो जाए तो सबसे पहले लोकल पुलिस स्टेशन जाकर घटना की रिपोर्ट करें और अपने ट्रेवेल इंश्योरेंस कंपनी से तुरंत संपर्क करके दावा प्रक्रिया शुरू करवाएं।
कम्युनिकेशन मीडियम को अनदेखा न करें
स्थिति चाहे जो हो कम्युनिकेशन बेहद जरूरी है, ऐसे में अपने मोबाइल डिवाइस के साथ इंटरनेशनल रोमिंग सर्विस को एक्टिव रखें। संभव हो तो व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप्स के जरिए एम्बेसी और अपनी फैमिली से संपर्क करने के लिए जहां आप गई हैं, वहां से एक लोकल सिम खरीद लें। यदि आप इंटरनेट सेंसरशिप वाले देश में हैं, तो सुरक्षित कनेक्शन के लिए VPN का उपयोग करें। कई ऐसे देश हैं, जहां इंग्लिश की बजाय उनकी अपनी भाषा बोली जाती है, ऐसे में भाषा संबंधी परेशानियों से निपटने के लिए गूगल ट्रांसलेशन (Google Translate) या अन्य ट्रांसलेशन ऐप्स का उपयोग करें। आप चाहें तो इंडियन एम्बेसी या लोकल सपोर्ट ग्रुप से किसी ट्रांसलेटर की मांग भी कर सकती हैं। इसके अलावा यदि आप ऐसी किसी जगह फंसी हुई हैं, जहां इंटरनेट या मोबाइल सेवा उपलब्ध नहीं है, तो आप स्थानीय गाइड, होटल या लोकल्स की मदद ले सकती हैं। अलर्ट ऐप्स के तौर पर आप चाहें तो Glympse, WhatsApp Live Location, या Facebook Safety Check का भी इस्तेमाल कर सकती हैं, जिससे आपकी लोकेशन ट्रैक की जा सके।