मैंने गर्मी के महीने में अपने होम टाउन से मुंबई के लिए ट्रेन ली. मुझे साइड लोअर सीट मिली थी, मेरी को-पैसेंजर, जिसे अपर साइड बर्थ मिली थी, उन्होंने मुझसे बहुत शालीनता से पूछा कि क्या आप सीट एक्सचेंज करेंगी? मैंने कहा, ‘ओके’. फिर सुबह हुई और उनके खाने के पिटारे से मुझे कचौड़ी और कई स्वादिष्ट स्नैक्स मिले. हमने ख़ूब गप्पें लड़ाईं. एक दूसरे के साथ अपने घर का पता भी शेयर किया. नागपुर में वह उतर गईं. फिर ठीक एक महीने बाद, मेरे घर में अचानक एक कोरियर आया, जिसमें ढेर सारे संतरे थे. मैं हैरान थी, फिर जब भेजने वाले का नाम देखा तो बात समझ आई. तो ऐसे सर्प्राइजे़ज़ किसको अच्छे नहीं लगेंगे? जी हां, यह सच है कि ट्रैवलिंग के दौरान भी आपकी स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग बन सकती है. ज़रूरी नहीं कि आप जिनसे हर दिन मिलते हों या बातें करते हों, सिर्फ़ उनसे ही आपकी स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग हो सकती है. आप कभी इसे आज़मा कर देखिएगा, आपकी ज़िंदगी में एक अलग ही रौनक नज़र आएगी. दरअसल, डेटिंग और फ्रेंडशिप ऐप्स के हज़ारों विकल्प मौजूद हैं. हर दिन वहां नए दोस्त बन रहे हैं और फिर फ़ौरन टूट भी रहे हैं. अपने कमफ़र्ट जोन में बैठ कर, बस एक क्लिक भर से, आप यह सच है कि कई लोगों से दोस्ती बना सकते हैं, लेकिन अगर आप एक ऐसी इंसान हैं, जिसे स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग में विश्वास है तो फिर ये दुनिया आपके लिए नहीं हैं. फिर तो आपको आज़ाद ख़्यालात के लिए बाहर निकलना होगा, बाहरी दुनिया में झांकने की कोशिश करनी पड़ेगी. ऐसे में ट्रैवलिंग से अच्छा साथी और कौन हो सकता है? और यक़ीन मानिए, अगर आप वाक़ई लोगों से घुलने-मिलने में दिलचस्पी लेती हैं तो ट्रैवलिंग पर भी स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग बनाई जा सकती है. आइए जानें कैसे
रेल यात्रों में फ्रेंड्शिप
आप अगर एक महिला हैं तो आपके ज़ेहन में सबसे पहली बात यही आती होगी कि आप अगर किसी से दोस्ती करती हैं तो आपको अपनी सुरक्षा का ख़्याल रखना होगा. यह सही भी है. इन दिनों जब इंटरनेट पर आपके पर्सनल डेटा से जुड़ीं सारी चीज़ें उपलब्ध हैं. ख़ुद के लिए प्रिवेसी रखना, यूं भी कठिन है. लेकिन इसके बावजूद यह सही नहीं कि आप यात्रों में ख़ुद की ज़ुबान पर ताला लगा कर बैठ जाएं. हां, दोस्ती करने में थोड़ी सावधानी बरतें. एकदम से अपने बारे में सारी पर्सनल बातें किसी से शेयर न करें. ऐसी यात्राओं में दुनिया जहान की बातें, पसंद-नापसंद या फिर अगर वह किस और लोक संस्कृति से जुड़े हैं तो उनकी लोक संस्कृति को समझने की कोशिश करें. इससे आपको एक अलग ही ऊर्जा मिलेगी, दुनिया को देखने का एक अलग नज़रिया मिलेगा. मैंने अपनी लंबी रेल यात्राओं में कई दोस्त बनाए हैं और आज मी सोशल मीडिया के माध्यम से हम अच्छे दोस्त हैं. यक़ीन मानिए, उनसे बातचीत करते, आपको उनके शहर के बारे में कुछ नया जानने का मौक़ा मिलता है. इससे आप दूसरे सामाजिक परिवेश को भी समझ पाने में सक्षम होते हैं.
अकेले किसी परेशानी मे फंसने का नहीं होगा डर
कहीं अगर आप अकेली किसी ऐसी जगह गई हैं, जहां इंटरनेट की उपलब्धता कम है तो वहां अपने आस-पास के लोगों को ग़ौर से देखें, कई ऐसे होंगे या होंगी, जो आपकी तरह ही सोलो ट्रिप्स पर होंगे, उनके बर्ताव, बॉडी लैंग्वेज को देख कर आपको समझ तो आ जाएगा कि वे कैसे हैं या कैसी हैं. उसे देख समझ कर, आप उनसे बातचीत कर सकती हैं, इससे आपको एक साथ भी मिल जाएगा और कभी कोई परेशानी हो तो भी आपको घबराने की ज़रूरत नहीं होगी. हो सकता है कि आप दोनों में इतनी समानताएं हों कि आप एक अच्छे दोस्त बन जाएं, फिर आगे वह बॉन्डिंग बरक़रार भी रह सकती है.
ट्रैवल साथी, जीवनसाथी भी बन सकता है
फ़र्ज़ कीजिए, आप काफ़ी दिनों से किसी ऐसे साथी की तलाश में हैं, जो आपकी तरह ही ट्रैवलर हो, घुमक्कड़ हो. लेकिन आपने अब तक जितने लड़कों को भी देखा है, उन्होंने केवल आपके रंग-रूप में ही दिलचस्पी ली है. ऐसे में जब आप ट्रैवल पर होती है, तो मुमकिन है कि आपकी तरह सोच रखने वाला कोई आपको मिल जाए, जिसे देख कर आपको लगे कि यह आपका जीवनसाथी बन सकता है. तो ऐसे में इस रिश्ते को आगे ले जाने में कोई हर्ज नहीं है. आप दोनों एक दूसरे को समझने का समय लेकर, एक दूसरे के साथ समय बिता कर, निर्णय ले सकते हैं.
परिवारों में भी हो सकती है बॉन्डिंग
आप भी अपने परिवार के साथ किसी ट्रिप पर गई हों और वहां आपकी मुलाक़ात एक ऐसे परिवार के साथ हो जाती है, जिसे उस जगह के बारे में सबकुछ पता है और ऐसे में उनका हंसमुख अंदाज़ आपको अच्छा लग गया है और आपके परिवार वालों को भी. तो सभी मिल कर एक दूसरे के साथ काफ़ी एन्जॉय कर सकते हैं. ऐसे रिश्ते भी आगे चल कर स्ट्रॉन्ग बनते हैं. फिर कभी आप उनके शहर जाते हैं, कभी वे आपके शहर आते हैं तो एक दूसरे के घर, माहौल, समाज को समझने में आसानी होती है.
क्रिएटिव लोगों के लिए अच्छा है
अगर आप क्रिएटिव फ़ील्ड से जुड़ी हैं तो ट्रैवलिंग में लोगों से बातचीत करना बेहद अच्छा होता है, यह अनुभव आपको अपनी कहानी लिखने या उस पर कुछ नया रचने में मदद कर सकता है. इससे आपको कई चीज़ों के बारे में जीते-जागते उदाहरण भी मिलते हैं, आपका शोध बेहतर होता है. इसलिए ऐसे लोगों के लिए भी ट्रैवलिंग में बॉन्डिंग बनाना अच्छा होता है.
रखें कुछ बातों का ख़्याल
किसी अजनबी से दोस्ती करते हुए, कुछ बातों का ख़्याल रखना ज़रूरी है, उनमें तो एक यह कि आपका अपना दिल क्या कहता है, इंसान के हाव-भाव से उनका मिज़ाज समझने की कोशिश करें, जब तक उन पर पूरा विश्वास न हो, अपने पर्सनल डिटेल शेयर न करें या कोई सीक्रेट न बताएं. एक बार में ही अपना दिल खोल कर सामने न रखें, ऐसे रिश्तों को परिपक्व होने में समय लगता है. इस रिश्ते को वह समय देना बेहद ज़रूरी है. कोई पासवर्ड तो हरगिज़ शेयर न करें, अपना फ़ोन ग़लती से भी उनके हाथों में न दें. हां, लोगों को हमेशा शक़ की निगाह से देखना भी ठीक नहीं है, लेकिन फ़ौरन विश्वास कर लेने में भी कोई समझदारी नहीं है, इस बात का ख़ास ख़्याल रखें.