उत्तराखंड : ‘जहां बसता है स्वर्ग’, जानिए यहां के उम्दा जगहों के बारे में
उत्तराखंड में घूमने की ऐसी कई जगह हैं, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए, क्योंकि ऐसी जगह आपको शांति और सुकून देते हैं, आइए जानें इनके बारे में विस्तार से।
कहां है उत्तराखंड
उत्तराखंड हिमालय की गोद में बसा राज्य है। उत्तराखंड का शाब्दिक अर्थ उत्तरी भू भाग का रूपांतर है। इस नाम का उल्लेख हिन्दू ग्रन्थों में मिलता है, गौरतलब है कि उत्तराखण्ड प्राचीन पौराणिक शब्द भी है, जो हिमालय के मध्य फैलाव के लिए प्रयुक्त किया जाता था और उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखण्ड का पहले नाम उत्तरांचल था, यह उत्तर भारत का एक ऐसा राज्य है, जिसका निर्माण वर्ष 2000 में हुआ। इसे भारत गणराज्य के सत्ताईस वें राज्य के रूप में किया गया।
उत्तराखंड एक प्रमुख स्थल
उत्तराखंड में सबसे लोकप्रिय जगह हैं, जहां आपको जाकर सुकून मिलेगा। आइए जानें विस्तार से।
ऋषिकेश
उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय स्थानों की बात करें तो ऋषिकेश की बात आती है। ऋषिकेश घूमने पूरी दुनिया से लोग आते हैं। यहां कई भव्य मंदिर हैं और यहां गंगा आरती भी काफी लोक्रपिय मानी जाती है। यहां खूबसूरती तो दिखती ही है, संस्कृति और सभ्यता की झलक भी नजर आती है। यहां योग के लिए भी काफी लोग होते हैं, यह साफ-सुथरी जगहों में से एक मानी जाती है। यहां गंगा का पानी बहुत ही साफ है। यही से कुछ दूरी पर स्थित है देवभूमि, जहां भागीरथी और अलकनंदा नदी का संगम होता है। इस जगह को भी काफी पवित्र जगह माना जाता है और उत्तराखंड जाने पर यहां जरूर जाना चाहिए।
हरिद्वार
हरिद्वार गंगा नदी के किनारे बसा एक खूबसूरत शहर है, यह भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है, यहां आश्रम, गंगा नदी और बहुत कुछ है, जहां जाना आपके लिए खास हो जाता है। यहां 12 साल में एक बार लगने वाले कुंभ मेले के लिए प्रसिद्ध हैं। हरिद्वार को ‘ईश्वर का प्रवेश द्वार’ भी कहा जाता है, जिसे मायापुरी, कपिला और गंगाधर के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह की खूबी यह है कि चार धाम यात्रा जिनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल हैं, यह चारों धामों के केंद्र बिंदू में से है, मान्यता है कि यहां महान राजा भागीरथ गंगा नदी को अपने पूर्वजों को मुक्ति प्रदान करने के लिए स्वर्ग से धरती पर लेकर आये थे। यह भी माना गया है कि हरिद्वार को तीन देवताओं ने अपनी उपस्थिति से पवित्र किया है, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का यहां वास है। साथ ही यहां विष्णु ने हर की पैड़ी के ऊपरी दिवार में पत्थर पर विष्णु के पैरों के छाप हैं, जिन्हें गंगा हर समय छूती हैं।
देहरादून
देहरादून उत्तराखंड के उन जगहों में से एक है, जहां प्राकृतिक खूबसूरती देखने का मौका सभी को मिलता है। देहरादून का इतिहास बहुत पुराना रहा है। लगभग 100 साल पुराना रहा है। देहरादून का रॉबर्स केव डाकुओं का गुफा माना जाता है। यहां गुफाओं के बीच ठंडे पानी में पैदल चलना बेहद सुकून देता है। यह देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र में स्थित जगह है। इसके अलावा, यहां सहस्त्रधारा भी है, जिसे नेचरुल वॉटर पार्क माना जाता है, यहां गर्मियों में सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ती है और लोग यहां सिर्फ नहाने के लिए दूर-दूर से आते हैं। यहां का जू भी काफी लोकप्रिय है।
मसूरी
मसूरी भारत के उत्तराखंड के पर्वतीय नगर में से एक हैं, इसे पर्वत की रानी कहा जाता है। देहरादून से ठीक 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जगह हिल स्टेशन के रूप में काफी लोकप्रिय है। यह देहरादून से केवल 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 1880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पहाड़ों की रानी के बारे में कई खास बातें रही हैं। यहां आकर आप सुकून के काफी पल बीता सकती हैं और काफी एन्जॉय भी कर सकती हैं। आपको इन जगहों पर जाने के बारे में जरूर एक बार सोचना चाहिए। इस शहर का नाम झाड़ी मंसूर से लिया गया है। यह झाड़ी मंसूर से लिया गया है।
नैनीताल
नैनीताल का अर्थ है, द लक ऑफ द आई, यहां को लेकर ऐसी मान्यता है कि देवी सती की आंख इस जगह पर गिर गई थी, जिसके बाद इस जगह का नाम नैनीताल पड़ गया। यह जगह भारत के तालाबों के लिए जानी जाती है और भारत में नैना देवी जो कि 51 शक्ति पीठों में से एक मानी जाती है, इस जगह की यह खास बात है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
जिम कॉर्बेट भी नेशनल पार्क में एक है, यह नेशनल पार्क सबसे पुराने और सुंदर राष्ट्रीय पार्क में से एक रहा है और इसकी स्थापाना 1930 में हैली नेशनल पार्क के रूप में की गई थी। गौरतलब है कि यहां 580 पक्षी की प्रजाति और 50 प्रजातीय प्रकार के पेड़ हैं। इस जगह को लुप्त प्रजाति रॉयल बंगाल टाइगर का निवास स्थान माना जाता है और यहां ठंड के मौसम में जाकर जगह का लुत्फ उठाने की कोशिश जरूर करनी चाहिए।
रानीखेत
रानीखेत भी दरअसल, उन जगहों में से एक है, जहां काफी मजा आता है। यहां भी आपको प्राकृतिक सौंदर्य देखने का मौका मिलेगा। रानीखेत के बारे में यह मान्यता है कई इस जगह की खोज राजा सुखरदेव की पत्नी पद्मिनी ने की थी। दिल्ली से 9 घंटे में यह यात्रा पूरी की जा सकती है। खास बात यह भी है कि नैनी झील में आपको यहां बोटिंग करने का मौका मिलेगा और फिर यहां आस-पास जिम कॉर्बेट में जंगल सफारी का मजा ले सकती हैं। रानीखेत में भागने की जगह, सुकून के पल बिताने की कोशिश करें, आपको अच्छा लगेगा।
औली
औली प्राकृतिक नजारों से भरपूर है और यह जगह उत्तराखंड के खास हिल स्टेशन में से एक रहा है, औली को उत्तराखंड की खास जगहों में से एक जगह होने का दर्जा प्राप्त है, यहां पहुंचना भी आपके लिए थोड़ा कठिन होगा, लेकिन अगर आप ग्रुप में जा रहे हैं, तो यहां जाकर आपको एक ही सुकून मिलेगा और एक नया अनुभव भी मिलेगा। औली को घास के मैदान के नाम से जाना जाता है। औली जोशीमठ के रूप में माना जाता है और यहां रोपवे के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। यहां नंदादेवी, कमेंट और दूनागिरी जैसे कई विशाल पर्वत चोटियों का मनोरम दरसीही दिखाई देता है और इसे बेहद खास माना जाता है।
केदारनाथ
केदारनाथ उन जगहों में से एक है, जहां जाने के लिए सभी एक बार इच्छा जरूर जाहिर करते हैं, केदारनाथ काफी खास जगहों में से है, केदारनाथ जाने पर शिव के दर्शन होते हैं और यह ज्योतिर्लिंगों में से एक होता है, खास बात यह भी है कि यहां जाना आसान नहीं होता है। लेकिन एक बार यहां पहुंच के आपको एक अलग ही अनुभूति होती है। इसलिए केदारनाथ एक बार तो जरूर घूम कर आना चाहिए।
उत्तराखंड घूमने को लेकर पूछे गए सवाल और जवाब
उत्तराखंड घूमने के लिए सबसे सही मौसम क्या है?
दरअसल, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप वहां क्या देखने जाना चाहते हैं, अगर स्नो फॉल देखना है, तो इसके लिए ठंड के मौसम में ही जाना होगा, साथ ही आपको केदारनाथ जैसी जगहों में भी आपको ध्यान रखना होगा कि चारों धामों की यात्रों में भी बहुत अधिक ठंड वाली स्थिति न हो। वर्ण, पहाड़ों में घूमने में और परेशानी हो सकती है।
अगर उत्तराखंड जाने की योजना हो, तो वहां खान-पान में क्या-क्या नयी चीजें एक्सप्लोर करनी चाहिए?
दरअसल, उत्तराखंड भी दो क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, गढ़वाल और कुमाऊ, तो उस हिसाब से यहां के खान-पान में भी बदलाव आते रहते हैं, ऐसे में यहां श्यामा के चावल, छाछ, मूली के पत्तों से बनी सब्जी और अरसा जैसी चीजों को जरूर खाना चाहिए। यहां का प्रसिद्ध भोजन काफूली को भी खाना चाहिए।