जिस तरह हमारे लिए जल ही जीवन माना गया है, ठीक इसी तरह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी जल की सबसे अहम भूमिका होती है, लेकिन यात्रा के दौरान प्लास्टिक का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए जानलेवा साबित होता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप यात्रा के दौरान प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल न करें। प्लास्टिक कचरे की वजह से नदियों, समुद्रों और खूबसूरत झीलों का पानी गंदा हो जाता है। पर्यावरण को होने वाली हानि का सीधा नतीजा ग्लोबल वार्मिंग लेकर आता है और मानव जाति पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के साथ जानवरों को भी नुकसान पहुंचाती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे प्लास्टिक फ्री यात्रा आपको करनी चाहिए। साथ ही कुछ जरूरी टिप्स के साथ आप खुद के लिए ऐसी यात्रा की योजना बना सकती हैं, जहां पर प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना होगा।
प्लास्टिक का पर्यावरण पर प्रभाव
आपको बता दें कि प्लास्टिक एक गैर बायोडिग्रेडेबल पदार्थ है, जो कि न तो मिट्टी में मिलता है और पानी में भी घुलता नहीं है। अगर आप कहीं पर प्लास्टिक से बनी हुई किसी चीज को फेंकते हैं, तो इसका असर यह होता है कि वो किसी भी तरह से नष्ट नहीं होता और उसका प्रभाव सैकड़ों वर्षों तक फेंकी हुई जगह पर बना रहता है। याद रखें कि प्लास्टिक के इस्तेमाल से हवा, पानी के साथ मिट्टी भी प्रदूषित होती है। प्लास्टिक का बुरा प्रभाव यह भी है कि मिट्टी में इसे फेंकने से यह मिट्टी के भीतर मौजूद पानी को भी प्रदूषित करता है। इससे कई बीमारियां भी जन्म लेती हैं। प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक रसायन मिट्टी की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं। इसका असर सीधे तौर पर पौधे पर होता है। आप इससे समझ गए होंगे कि एक पानी कैसे कई सारे बड़े नुकसान करता है।
प्लास्टिक के बिना ऐसे बनाएं यात्रा मजेदार
बिना प्लास्टिक के भी आप अपनी यात्रा को सुखद और पर्यावरण के लिए सेहतमंद बना सकती हैं। अगर आप ध्यान देंगी, तो पायेंगी सबसे अधिक प्लास्टिक के तौर पर जिस सामान का इस्तेमाल होता है, वो है प्लास्टिक की बोतलें। घर से लेकर ऑफिस तक पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल होता है। ऐसे में यात्रा के दौरान भी घर में मौजूद प्लास्टिक की बोतलें इस्तेमाल की जाती है। यहां तक कि आप अगर बाहर कहीं से पानी खरीदती है, तो उसकी बोतल भी प्लास्टिक होती है। जरूरी है कि आप सबसे पहले घर में मौजूद प्लास्टिक की बोतलों के बदले स्टील की बोतलों का इस्तेमाल करें। अगर आप ऐसा करेंगी तो, पर्यावरण के लिहाज से यात्रा के दौरान एक बड़ा बदलाव करेंगी।
लकड़ी के टूथब्रश और कंघी को चुनें
बाजार में इन दिनों आसानी से लकड़ी के टूथब्रश और कंघी मिलते हैं। आप अपने प्लास्टिक के टूथब्रश के बदले अपनी दिनचर्या में लकड़ी के टूथब्रश और कंघी को शामिल करें। इससे यह होगा कि आपके जीवनशैली में प्लास्टिक मुक्त चीजों की आदत होगी और यात्रा के दौरान अक्सर लोग अपना ब्रश ले जाना पसंद करते है। ब्रश एक ऐसी चीज है जिस पर निजी होने का टैग लगा होता है। ब्रश की आदत ऐसी होती है कि पुराने ब्रश के बाद नए ब्रश को अपनाने में भी वक्त लगता है। ओरल स्वास्थ्य को देखते हुए कोई किसी दूसरे का ब्रश इस्तेमाल नहीं करता। यात्रा के दौरान भी लोग अपना पुराना ब्रश लेकर जाते है। इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा हेतु लकड़ी के टूथब्रश का इस्तेमाल करें।
होटल के कमरे में मौजूद शैंपू की बोतलों से दूरी
यात्रा के दौरान होटल का कमरा मिलने के साथ कई सारी जरूरी चीजें वहां पर मौजूद होती है। खासतौर पर होटल के बाथरूम में शैंपू की छोटी प्लास्टिक की बोतलें होती हैं, जो कि काफी आकर्षित लगती हैं। यात्रा के दौरान होटल के द्वारा दी गई यह सुविधा प्लास्टिक के उपयोग को बढ़ावा देती है। अगर आप अपना खुद का साबुन और शैंपू यात्रा के दौरान लेकर जाते हैं, तो इससे प्लास्टिक के महत्व को कम किया जा सकता है।
खुद का शॉपिंग बैग
यात्रा का एक और आनंद यह है कि शॉपिंग की लंबी लिस्ट पहले से तैयार होती है। खरीदारी किसी भी यात्रा का अहम हिस्सा है। शॉपिंग के दौरान प्लास्टिक की थैली लेने की बजाए अपने सारे कपड़ों के साथ कपड़े की थैली या फिर बैग को जरूर रख लें। यात्रा के समय दुकानदारों से उपलब्ध होने वाले प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल करने के बजाय जूट या फिर कपड़े के शॉपिंग बैग्स का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आप पर्यावरण की सेहत को अच्छे से ध्यान रख पायेंगी। जूट और कपड़े के बैग की सुविधा यह भी होती है कि आप एक साथ कई सारे शॉपिंग के सामने इसमें रख सकती है। कई सारे जूट और कपड़े के बैग ऐसे होते हैं कि आप इसे कंधे पर टांग भी सकती हैं। प्लास्टिक के बैग्स की मुश्किलें यह भी है कि इनकी मजबूती अधिक नहीं होती है। ज्यादा सामान होने से ये अक्सर बीच रास्ते में टूट जाते हैं।
अपना कप भी साथ ले जाएं
यात्रा के दौरान घूमते समय रास्ते में चाय और कॉफी के लिए प्लास्टिक के कप का अधिक इस्तेमाल होता है। इसका उपयोग करने से बचें। खासतौर पर प्लास्टिक के ढक्कन वाले स्टायरोफोम कप पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। इससे अच्छा यह होगा कि आप अपने साथ स्टील का कोई कप लेकर चले। बाजार में ऐसे कई सारे स्टील के कप और ग्लास मौजूद हैं, जो कि खासतौर पर यात्रा के लिए ही तैयार किए गए है। यात्रा के दौरान कई सारी ऐसी दुकानें भी मौजूद है, जहां पर कागज के कप का भी इस्तेमाल होता है। आप यात्रा के दौरान दुकानों पर पूछ सकते हैं कि क्या उनके पास कागज के कप हैं, ऐसे करने से आप कहीं न कहीं इस बात का भी संदेश देते हैं कि प्लास्टिक की जगह कागज के कप का इस्तेमाल करना दुकानदारों के लिए पर्यावरण के प्रति सही और जरूरी कदम भी है।
प्लास्टिक के स्ट्रॉ का उपयोग नहीं
यात्रा के दौरान जूस या फिर नारियल पानी का सेवन करने के लिए स्ट्रॉ का उपयोग किया जाता है, जो कि प्लास्टिक का बना होता है। ज्ञात हो कि कई ऐसे देश हैं, जहां प्लास्टिक के स्ट्रॉ पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन फिर भी कई जगहों पर प्लास्टिक के स्ट्रॉ का उपयोग हो रहा है। खासतौर पर भीड़-भाड़ वाले पर्यटन क्षेत्रों में। जरूरी है कि जब भी आप यात्रा के दौरान जूस या नारियल पानी का सेवन करने पर स्टील या कागज के ग्लास का उपयोग करें। अगर आप ध्यान देंगे, तो पायेंगे कई सारे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर जमीन पर कई सारे प्लास्टिक के स्ट्रॉ गिरे होते हैं, जो कि पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं।
स्नैक्स पैकेट को लेकर सावधानी
यात्रा के समय सबसे अधिक स्नैक्स पैकेट का इस्तेमाल होता है। अगर आप बच्चे के साथ यात्रा करती हैं, तो चिप्स और स्नैक्स के पैकेट खरीदना आम बात हो जाती है। चिप्स, जूस और टेट्रा पैक के साथ ढेर सारा प्लास्टिक कचरा होता है। आप इस दौरान बड़े चिप्स और स्नैक्स के पैकेट खरीदकर उनका इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर घर से कोई स्नैक्स बनाकर लेकर आ सकती है। बड़े स्नैक्स के पैकेट खरीदने से ये होगा कि आप कई सारे पैकेट खरीदने के बजाए कम पैकेट खरीदेंगी इससे आप सीमित संख्या में प्लास्टिक के पैकेट का इस्तेमाल करेंगी।
क्या आप जानते हैं प्लास्टिक मुक्त परिसर
उल्लेखनीय है कि बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय का कैंपस अब प्लास्टिक फ्री बन चुका है। इसके लिए विश्वविद्यालय के सभी लोग मिलकर कार्य कर रहे हैं। जहां पर कैंपस को हर जगह प्लास्टिक मुक्त रखने की कोशिश की गई है। प्लास्टिक पानी की बोतल की जगह कांच की बोतल रखी गई हैं। इसके साथ कैंपस में इस बात के लिए सभी को प्रेरित भी किया जा पहा है कि सभी अपनी निजी जिंदगी में भी प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल बंद करें। उल्लेखनीय है कि कई लोग ऐसे हैं, जो कि प्लास्टिक के चीजों का इस्तेमाल वक्त के साथ कम कर रहे हैं। यहां तक ज्वेलरी में भी प्लास्टिक की जगह लकड़ी और जूट का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्लास्टिक बैग्स मुक्त दिवस से जुड़ा इतिहास
प्लास्टिक बैग्स मुक्त दिवस की शुरुआत यूरोप में साल 2009 को की गई थी। विश्व स्तर पर प्लास्टिक बैग को बंद करने की मांग इसी साल से की गई थी। यह भी जान लें कि पहला अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस 3 जुलाई 2008 को मनाया गया था। यूरोपीय संघ ने साल 2015 में प्लास्टिक बैग की खपत को कम करने के लिए एक दिशा निर्देश जारी किया था। इसका असर बड़े पैमाने पर हुआ और अभी-भी लगातार प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर कई तरह के जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।