एक कहावत है कि चारों ओर खूबसूरती है बस आपको उसे निहारने की जरूरत है। बाइक टूर के जरिये इस खूबसूरती को निहारने से अच्छा और मौका क्या हो सकता है। यह भी सच है कि बाइक टूर में मुश्किल हालात हर कदम पर आपकी राह रोक सकती है, इस बात से इंकार नहीं नहीं किया जा सकता है, लेकिन बाइक चलाने का रोमांच, राश्तों की खोज करने का आनंद और ठंडी हवा जब आपके चेहरे को छूकर जाती है, तो यह अनुभव आपको एक अलग ही खुशी और आजादी का एहसास करवाता है, जिसका कोई सानी नहीं हैं। इसके अलावा, बाइक ट्रिप के दौरान आप रास्तों पर पड़ने वाले रेस्तरां में मिलने वाले कई तरह के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद भी चख सकती हैं। तो आइए जानते हैं बाइक टूर पर जाने के लिए कुछ ऐसी जगहें, जो आपके लिए रोमांच के साथ-साथ यादगार अनुभव बन सकती हैं।
लेह,लद्दाख
बाइक टूर में लेह लद्दाख का नाम सबसे पहले आता है। यह बहुत ही एडवेंचर्स टूर माना जाता है, इसलिए बाइक से घूमने की प्लानिंग कर रही हैं, तो इसे मिस न करें। भारत की लेह लद्दाख यात्रा में, बर्फ से ढके पहाड़, उबड़-खाबड़ परिदृश्य, ऊंची पहाड़ की चोटियां, तो कहीं संकरे पहाड़ी रास्ते पूरे रास्ते को मनोरम दृश्य बनाते जाते हैं। बाइक से लद्दाख घूमने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर के महीने माने जाते हैं, क्योंकि इन महीनों में बाइकर्स लद्दाख के पर्यटन सर्किट का सबसे अधिक आनंद ले सकती हैं, हालांकि एक हकीकत ये भी है कि मानसून के मौसम को छोड़कर पूरे वर्ष लेह-लद्दाख की खूबसूरती को बाइक टूर के जरिये संजोया जा सकता है। लेह लद्दाख जाने के लिए सबसे अच्छे मौसम के बाद बात अवधि की। आमतौर पर लेह लद्दाख के बाइक टूर के लिए 15 दिनों का समय जरूरी है, हालांकि आपके द्वारा लिया गया मार्ग, आपका पूरा कार्यक्रम, बाइक के प्रकार और मुख्य रूप से मौसम की स्थिति जैसे कई कारकों के आधार पर यह अवधि थोड़ी बढ़ भी सकती है और घट भी। आप अपनी सुविधा के अनुसार दिल्ली या मनाली और शिमला से लेह बाइक यात्रा का विकल्प चुन सकती हैं। कई बाइकर्स दिल्ली से मनाली और फिर मनाली से लेह लद्दाख की पूरी यात्रा बाइक पर कर सकती हैं।
स्पीति वैली
स्पीति वैली-’स्पीति’ नाम का अर्थ है मध्य भूमि, यह जगह तिब्बत और भारत के बीच की भूमि है, जिस वजह से इसे स्पीति वैली कहते हैं। हिमाचल प्रदेश में स्थित यह घाटी भारत की सबसे खूबसूरत घाटी में से एक है। कई बाइकर्स तो इस वैली के टूर को लेह लद्दाख से भी अधिक यादगार करार देते हैं। यही वजह है कि लेह लद्दाख के साथ स्पीति वैली भी बाइकर्स की हमेशा पहली पसंद होती है। यह वैली ठंडे रेगिस्तान के तौर पर भी जानी जाती है, क्योंकि इस जगह में साल में केवल 250 दिन ही धूप रहती है। यहां की प्राचीन झीलें, दर्रा और नीला आसमान घाटी की खूबसूरत को बढ़ाता है। इस घाटी में झोपड़ियों और बौद्ध मठों की भी भरमार भी है। स्पीति घाटी की यात्रा के लिए आपको 8 से 10 दिन का समय चाहिए। आप किन्नौर की ओर से स्पीति पहुंचने और मनाली की ओर से वापस आने के लिए कम से कम 8 दिन चाहिए। इसके अलावा, शिमला से भी यहां बाइक से आया जा सकता है। स्पीति घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक माना है। इस दौरान तापमान 0-15 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, जो मार्च से शुरू होता है और जून तक ही रहता है। उसके बाद स्पीति में सर्दियां बहुत ज्यादा ठंडी होती है, जो आपके बाइक टूर को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना देती हैं।
कुन्नुर
नीलगिरि की पहाड़ियों में बसी ये बेहद खूबसूरत जगह है, जो अपनी संस्कृति और वास्तुकला के लिए जानी जाती है। नीलगिरि की पहाड़ियों से घिरे कुन्नूर की रहस्यमयी सुंदरता और यहां के पहाड़, झीलें और झरने आपको अपनी तरह खीचेंगे। अगर आप बाइक राइड करते हुए खूबसूरत झीलें और झरने को देखना पसंद करती हैं, तो कुन्नुर से अच्छी जगह आपके लिए हो नहीं सकती हैं। आप इस जगह को एक्सप्लोर सबसे अच्छी तरह से बेंगलुरु से कर सकती हैं। बाइक से बेंगलुरु के शहरी इलाके से प्राकृतिक के गोद में बसे केरल के का सफर आपको एक यादगार अनुभव देता है क्योंकि बेंगलुरु से कन्नूर जाने वाला रास्ता बहुत ही शानदार है, जो आंखों को खूबसूरत दृश्य, तो मन को सुकून से भर देता है। इस बाइक राइड के लिए आपको दो से तीन दिन का समय काफी है, क्योंकि आप बेंगलुरु से कुन्नुर सात से आठ घंटे में पहुंच जाएंगी। उसके बाद वहां के आस-पास के जगहों को आप एक दिन से डेढ़ दिन में कवर कर तीसरे दिन बेंगलुरु वापस लौट सकती हैं। इस जगह में जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है। कुन्नुर में जून से सितंबर के महीनों के बीच मानसून रहता है। इन महीनों में भारी वर्षा होती है। इस मौसम में यह जगह बाइक से घूमने के लिए परफेक्ट नहीं है। गौरतलब है कुन्नुर अपने हैंडलूम कपड़ों के लिए पूरे भारत में मशहूर है, तो यहां से आप हैंडलूम कपड़ों की खरीदारी भी कर सकती हैं।
मुंबई टू गोवा
मुंबई टू गोवा यह सिर्फ बॉलीवुड की फिल्मों का ही नहीं बल्कि बाइकर्स का भी पसंदीदा रास्ता है। कइयों को टू यह रूट इतना पसंद है कि वीकेंड पर यहां जाने का वह साल में कई बार समय निकाल लेते हैं। मुंबई से गोवा का बाइक रूट करीब 750 किलोमीटर लंबा है। नेशनल हाईवे 48 इसके लिए सबसे बेस्ट रास्ता होगी। यह सबसे पॉपुलर रूट भी है। ये रास्ता इसलिए भी अच्छा है, क्योंकि सड़क के किनारे आपको समुद्र का नजारा भी देखने को मिल जाएगा। इसके साथ दूसरी ओर आपको काली चट्टानें दिखेंगी, जिसके साथ-साथ बाइक चलाना आपके लिए न भूलने वाला पल जरूर होगा। बाइक राइड के दौरान आप सनसेट और सनराइज को भी एन्जॉय कर सकती हैं।
मुंबई से गोवा सड़क यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मानसून खत्म होने के बाद का है, क्योंकि इससे बारिश आपकी बाइक टूर में खलल नहीं डालेगी। इसके साथ ही यात्रा में बाधा नहीं बनेगी। वैसे बारिश के बाद से मार्च तक गोवा घूमने के लिए बेस्ट जगहों में से है। यह वह समय होता है, जब गोवा में ढेर सारे फेस्टिवल्स होते हैं। बारिश के बाद के मौसम में आसमान भी एकदम साफ रहता है, जिसका फायदा बाइक राइडिंग के दौरान मिलता है। पांच दिनों में आप मुंबई टू गोवा की जर्नी को एक्सप्लोर कर सकती हैं।
जयपुर से जैसलमेर
जयपुर से जैसलमेर के बाइक ट्रिप के दौरान दोनों तरफ धूल उड़ाते रेगिस्तान के बीच से गुजरते हाइवे से गुजरने का अहसास आप कभी नहीं भूल सकती है, तो जल्द से जल्द इस बाइक टूर का प्लान बना लीजिए। यह एक अलग ही प्रकृति के स्वभाव से आपको रूबरू करवाता है। जयपुर से जैसलमेर की दूरी 600 किलोमीटर की है। इस 600 किलोमीटर के सफर में कदम-कदम पर राजस्थानी संस्कृति को करीब से देखने के कई मौके मिलते रहेंगे, फिर चाहे खान-पान में हो या फिर वेशभूषा में। इस दौरान बीकानेर, पुष्कर और पोकरण जैसे इलाकों से गुजरते हुए आप इन जगहों के आस-पास की खूबसूरती के साथ-साथ ऐतिहासिक जगहों का भी आनंद ले सकेंगी। राजस्थान को अगर आप बाइक टूर से एक्सप्लोर करने की सोच रही हैं, तो गर्मियों से यहां बचने में ही समझदारी है। यही वजह है कि यहां जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच है। आप इस जगह को पांच से सात दिनों का समय दे सकती हैं।