गर्मी के साथ-साथ अब ठंड के मौसम में भी लोग ठंडी यानी प्यारे हिल स्टेशन पर जाना बेहद पसंद करते हैं और खासतौर से हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय हिल स्टेशन काफी पसंद किये जाते हैं। ऐसे में आइए जानें इनके बारे में विस्तार से कि इन जगहों पर क्यों आपको जाना ही चाहिए।
मनाली
मनाली एक ऐसी जगह है, जहां सभी जाना बेहद पसंद करते हैं और सभी एन्जॉय करना भी पसंद करते हैं। खासतौर से गर्मियों में ठंडक लेने और बर्फ के मौसम में बर्फीली वादियों का मजा लेने जाते हैं। ऐसे में मनाली खास ऐसी जगह है, जहां आप अपने परिवार के साथ पूरा वक़्त गुजार सकती हैं। मनाली की बात करें, तो यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित एक जगह है, खासतौर से इसकी अगर ऊंचाई की बात करें, तो यह 1950 मीटर (6,398 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, साथ ही इसकी खासियत यह है कि यह ब्यास नदी के किनारे कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर पर बसा हुआ है। अगर चंडीगढ़ से इसकी दूरी की बात करें, तो 270 किमी उत्तर में और 309 किमी पूर्वोत्तर में स्थित है और अगर दिल्ली से जाएंगी, तो 544 किमी पूर्वोत्तर में स्थित है ये। यह भारत के लद्दाख क्षेत्र और फिर काराकोरम दर्रे के पार तारिम द्रोणी में यारकन्द और खोतानके प्राचीन व्यापारिक मार्ग का बिंदु है। यहां मुख्य आकर्षण का केंद्र स्पीति है और दिलचस्प बात यह है कि यह लेह का प्रवेशद्वार भी है। अगर आप मनाली पहुंचना चाहती हैं, तो भुंटर एयरपोर्ट मनाली पहुंचने का बेस्ट तरीका है, यहां बस से भी जाना आपके लिए काफी खास होगा, यहां आपको बेहद खूबसूरती देखने को मिलेगी और दिल्ली से मनाली तक का सफर 14 घंटे में पूरा किया जाता है। लेकिन अगर आप धर्मशाला जाना चाहते हैं तो ये दूरी 9 घंटे की हो जाती है। मनाली के खान पान की बात की जाए, तो यहां होटल भी आसानी से मिल जाते हैं और खाने के बात करें तो वहां के होटल में ज्यादातर तिब्बती, इंडियन और मेक्सिकन क्यूजीन रखते हैं। मनाली में कई एडवेंचर्स स्पोर्ट्स हैं और यहां रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेक्स, पैरा ग्लाइडिंग और जॉर्बिंग का आनंद ले सकती हैं। मनाली के पास सोलान घाटी में हैं, जहां सर्दियों के दौरान स्कीईंग की जा सकती है।
कुल्लू
मनाली के आगे जाने के लिए कुल्लू मनाली एक बेस्ट जगह है, यह मनाली से तीन घंटे की दूरी पर है और अपने मंदिरों, देवदार और पाइन के पेड़ों से भरी वादियां या घाटियां देखने को मिलेंगी। आप यहां मनाली के बाद कसौल भी जा सकती हैं। अगर आपको जीवन में रोमांच करना पसंद आता रहा है, तो रिवर राफ्टिंग आपके लिए एक आवश्यक गतिविधि है। कुल्लू में राफ्टिंग शक्तिशाली ब्यास नदी पर 14 किलोमीटर तक करवाई जाती है, जो कि पिरी से शुरू होती है और झिरी में समाप्त होती है। यह एक कठिन राफ्टिंग है, लेकिन लोग जिन्हें ये पसंद आता है, वो एन्जॉय करते ही हैं। अगर एडवेंचर की बात करें तो पैराग्लाइडिंग भी कुल्लू में होने वाला एक ऐसा एडवेंचर्स खेल है, जहां आपको आसमान से बातें करने का मौका मिलता है। दरअसल, कुल्लू एयरो-स्पोर्ट्स का केंद्र है, इसलिए आपकी कुल्लू यात्रा पैराग्लाइडिंग की रोमांचक गतिविधि को और खास बना देती है और नीले आकाश के नीचे हिमालय की सुंदरता देखना कमाल लगता है। जहां तक बात की जाए, ट्रेकिंग की तो, यहां कई ट्रेकिंग स्पॉट्स भी हैं। यहां भव्य घाटियों में एन्जॉय करना एक अद्भुत संयोग तो देता है। यहां लोग याक सवारी के लिए भी आते हैं। कुल्लू की जगहों को याक की पीठ पर बैठ कर आप घूम सकती हैं। खीर गंगा की बात करें तो मणिकरण के पवित्र शहर से लगभग 22 किमी दूर स्थित है, जो हिमालय की पहाड़ों के गर्म झरनों और दृश्यों को दिखाने के लिए खास पर्यटन स्थल है। खीरगंगा के आस-पास कैम्पिंग, नेचर वॉकिंग और माउंटेन क्लाइम्बिंग के जरिये ट्रेकिंग किया जा सकता है। खीरगंगा में पर्यटक अपने प्रवास के दौरान लैंडस्केप फोटोग्राफी का आनंद लेते हैं। कुल्लू में लोग नेशनल पार्क भी घूमने आते हैं, इसके अलावा,फिशिंग, रैपलिंग, रॉक क्लाइम्बिंग में माहिर है। यहां के कुछ प्रमुख मंदिर हैं, जो काश शैली से बने हुए हैं, यहां एक शिव लिंग भी स्थापित है और यहां की एक खास बात यह है कि पहाड़ी के नीचे एक छोटा था गांव है और इसका नाम बिजली महादेव के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैसधार कुल्लू घाटी का एक प्रमुख और आकर्षक पिकनिक स्थल है और यह चारों ओर से ऊंचे देवदार के पेड़ों से घिरा है। अगर आप नेचर लवर हैं, तो आपको यहां बहुत मजा आने वाला है। यह एक ऐसी जगह है, जो देवदार और नीले देवदार के जंगलों से होकर गुजरता है। इसके अलावा, यह भी एक खास बात है कि भृगु झील मनाली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इनका नाम ऋषि भृगु के नाम पर पड़ा है। भृगु झील की खासियत यही है कि रोहतांग दर्रे के पूर्व में स्थित है और गुलाबा गांव से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस झील के बारे में एक कथा काफी लोकप्रिय है कि देवताओं ने इसके पवित्र जल में डुबकी लगाई थी। इस झील को एक प्राचीन लोककथा के कारण पूल ऑफ गॉड्स ’के रूप में भी जाना जाता है और यह बताती है कि देवताओं ने इसके पवित्र जल में डुबकी लगाई थी।
शिमला
शिमला के बारे में बातचीत की जाए, तो शिमला एक ऐसी जगह है, जो हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों और ठंडे-ठंडे माहौल के लिए जाना जाता है। इसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। चारों तरफ से बर्फीली घाटियों और पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा ये खूबसूरत राज्य है, जो बेहद खूबसूरत है। दरअसल, एक मान्यता के अनुसार शिमला का नाम श्यामला देवी, देवी महाकाली का एक रूप, जो दुर्गा देवी का क्रूर रूप जाना जाता है, इस पर रखा गया है। शिमला के बारे में आपको ये भी जानकारी होनी चाहिए कि यह सात पहाड़ियों की चोटी पर बसा हुआ है। लेकिन इसकी शुरुआत इन सात पहाड़ियों से ही शुरू हुई जिनमें प्रॉस्पेक्ट हिल, ऑब्जर्वेटरी हिल, इनवरम हिल, समर हिल, जाखू हिल, एलिसियम हिल और बैंटनी हिल शामिल है। यहां के बारे में आपको यह जानकारी भी होनी जरूरी है कि यहां शिमला में उत्तरी भारत का सबसे पुराना डाकघर है, जिसे जनरल पोस्ट ऑफिस के नाम से जाना जाता है। एक दिलचस्प बात इस जगह के नाम से और भी है, जिसको आपको जानना चाहिए कि शिमला मिर्च को भारत में बहुत पहले ब्रिटिश शासकों द्वारा लाया गया था, जिसे उन्होंने इस सब्जी को शिमला के पहाड़ी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकसित किया और इस तरह शिमला मिर्च का नाम पड़ गया।
धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत जगहों में से एक है धर्मशाला, यह भी एक हिल स्टेशन है और अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए यह जाना जाता है। यहां अगर घूमने आप जाते हैं, तो यहां के क्रिकेट स्टेडियम में जरूर जाना चाहिए। यहां के नामग्याल मठ की खूबसूरती की बात करें, तो यहां लगभग 200 भिक्षु हैं, जो इसे तिब्बत के बाहर सबसे बड़ा तिब्बती मंदिर मानते हैं। यहां के त्रिउंड हिल पर जाना सभी बेहद पसंद करते हैं। त्रिउंड में मैक्लोडगंज रोपवे बेहद लोकप्रिय है। इसके अलावा, करेरी डल झील, दलाई लामा मंदिर परिसर भी काफी लोकप्रिय है। मसरूर रॉक कट मंदिर भी यहां जरूर देखने जाना चाहिए।