राजा-रानी और सुल्तानों के समृद्ध और शाही अतीत का दावा पेश करते महल और किलों को देखकर हम न चाहते हुए भी उस दौर में पहुंच जाते हैं। आइए जानते हैं भारतीय इतिहास की समृद्ध दास्तां बयान करते महलों के बारे में।
शीश महल,जयपुर
17वीं शताब्दी के दौरान 1727 में जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह द्वारा करवाए गए इस शीश महल को दर्पण महल के नाम से भी जाना जाता है। इस महल को राजा ने अपनी रानी के लिए बनवाया था, जिसमें महल की दीवार और छत को सुंदर चित्रों और फूलों की डिजाइन से सजाया गया है।
ताजमहल, आगरा
उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे सफेद संगमरमर से बना बेहद खूबसूरत ताजमहल, दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसे 1632 में मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पसंदीदा बेगम मुमताज महल के लिए बनवाया था।
ताज फलकनुमा महल, हैदराबाद
शहर से लगभग 2000 मीटर ऊपर स्थित ये महल कभी निजाम का शाही निवास हुआ करता था, जो शायद दुनिया का सबसे अमीर आदमी था। फिलहाल इसे अब एक फाइव स्टार लग्जरी होटल में बदल दिया गया है।
जल महल, जयपुर
सागर झील के बीचों-बीच तैरता हुआ ये शानदार जल महल कभी महाराजाओं के लिए शूटिंग लॉज था। भारत का यह अनोखा महल, दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
बेंगलुरु महल, बेंगलुरु
विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ रॉक शो और विवाह स्थल बन चुका भारत का यह राजसी महल खूबसूरत बगीचों से घिरा एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। इसका मालिकाना हक अब भी मैसूर के शाही परिवार के पास है।
मैसूर महल, मैसूर
इंडो सारसोनिक वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना मैसूर पैलेस, मैसूर शाही परिवार का पूर्व निवास स्थान था। इसका निर्माण वोडेयार राजवंश के 24वें शासक के लिए 1912 में किया गया था। भारत के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय महलों में से एक मैसूर पैलेस देश के सबसे बड़े महलों में से एक है।
सिटी महल, जयपुर
जयपुर स्थित इस महल में चंद्र महान और मुबारक महल के साथ-साथ कई अन्य इमारतें भी शामिल हैं। जयपुर शहर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित यह महल यहां के महाराजा का मुख्य महल था।
गजनेर महल, बीकानेर
बीकानेर के शाही परिवार के लिए शिकार स्थल स्वरूप इस महल का निर्माण किया गया था। गजनेर झील के तट पर हरी-भरी हरियाली के बीच खड़ा यह महल राजसी वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, जो यहां आनेवालों को राजस्थान के शाही अतीत का परिचय देता है।
हवा महल, जयपुर
जयपुर की पहचान कहे जानेवाले इस हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था, जो जयपुर की मुख्य सड़क बड़ी चौपड़ के चौराहे पर स्थित है।
उम्मैद भवन, जोधपुर
हेरिटेज होटल में बदल चुका यह महल आकर्षक अतीत और शानदार वर्तमान का अद्भुत मिश्रण है। पुरस्कार विजेता यह होटल अपने आतिथ्य और विलासितापूर्ण जीवन अनुभव के लिए काफी प्रसिद्ध है।
ताज लेक महल, उदयपुर
राजस्थान के शाही महलों की समृद्ध परंपरा में उदयपुर के ताज लेक महल का खास स्थान है। पिछोला झील के तट पर स्थित भव्य सफेद ताज लेक महल का निर्माण मेवाड़ के राजा ने करवाया था। राजपूत संस्कृति और कला की समृद्ध विरासत इस महल को अब भव्य हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है।
चौमहल्ला महल, हैदराबाद
हैदराबाद के चारमीनार और लाड बाजार के पास स्थित यह चौमहल्ला पैलेस आसफ जाही राजवंश की राजधानी हुआ करता था। नवाबी आकर्षण से लैस यह महल, बेहद बारीकी से डिजाइन किया गया है।
जग मंदिर महल, उदयपुर
पिछोला झील के मुहाने स्थित इस महल से सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। काले और सफेद संगमरमर की टाइलों से बना विशाल प्रांगण, इस वास्तुशिल्प का महत्वपूर्ण तथा खूबसूरत प्रमाण है।
टीपू सुलतान का समर महल, बेंगलुरु
1781 से 1791 के दौरान लगभग 10 सालों में बनकर तैयार हुए इस महल को टीपू सुलतान ने राश-ए-जन्नत कहा था, जिसका मतलब है स्वर्ग की खुशी के साथ ईर्ष्या का निवास। ये महल टीपू सुलतान किले के अंदर स्थित है।
शनिवार वाड़ा, पुणे
पेशवाओं के आवास के रूप में निर्मित इस शनिवार वाड़ा का निर्माण 1730 में बाजीराव प्रथम ने किया था। अपनी पूरी महिमा के खड़ा शनिवार वाड़ा, कभी एक आलिशान हवेली हुआ करता था और आज भी अपने द्वार आनेवाले हर मेहमान को ये अपने समृद्ध अतीत का परिचय देता है।
लक्ष्मी विलास पैलेस,वड़ोदरा
वड़ोदरा स्थित लक्ष्मी निवास पैलेस को मूलत: महाराजा पैलेस के नाम से जाना जाता था, जिसका निर्माण मराठा परिवार के गायकवाड़ राजा द्वारा करवाया गया था। बड़ौदा राज्य पर शासन के दौरान पुरानी शास्त्रीय शैली में निर्मित इस महल का निर्माण एक नजरबाग पैलेस के रूप में किया गया था।
नीमराना महल, नीमराना
अपनी भव्यता के लिए पहचाना जानेवाला नीमराना का ये प्रसिद्ध आकर्षक महल अब एक लग्जरी होटल में बदल चुका है।
उज्जयंता महल, अगरतला
शानदार टाइलों की फर्श के साथ घुमावदार लकड़ी की छत और सुंदर दरवाजे से लैस इस महल को उज्जयंता महल का नाम रवींद्रनाथ टैगोर ने दिया था, जो यहां अक्सर जाया करते थे। 1901 में निर्मित इस महल में सार्वजनिक हॉल, सिंहासन कक्ष, दरबार हॉल, लाइब्रेरी और रिसेप्शन हॉल शामिल है।
जय विलास महल, ग्वालियर
जय विलास महल के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश के ग्वालियर के इस महल का निर्माण 1874 में ग्वालियर के महाराजा जयाजीराव सिंधिया द्वारा किया गया था। आज भी उनके वंशज यहां रहते हैं।
लालगढ़ महल, बीकानेर
अंग्रेजों से प्रभावित होने के कारण बीकानेर के महाराजा ने इस महल का निर्माण राजपूताना के साथ मुगल और यूरोपीय वास्तुकला से प्रभावित होकर करवाया था। इस महल के निर्माण में 24 वर्ष (1902 से 1926) का समय लगा था।
चेट्टिनाड महल, चेट्टिनाड
दुनिया भर के अंकरणों से सजी तमिलनाड़ु के शिवगंगा जिले में स्थित इस महल का निर्माण 1912 में किया गया था। राजसी वास्तुकला के साथ स्वदेशी चेट्टिनाड वास्तुकला का यह खूबसूरत उदाहरण है।
मान मंदिर महल, ग्वालियर
वर्ष 1486 से 1516 के दौरान तोमर शासक मान सिंह तोमर द्वारा बनवाया गया यह महल समय के साथ ध्वस्त हो चुका है, किंतु इसके अवशेष आज भी उस युग की खूबसूरत नक्काशी और शिल्प को दर्शाते हैं।
प्राग महल,भुज
गुजरात के भुज में आइना महल के नाम से लोकप्रिय महल के पास स्थित प्राग महल का निर्माण 19वीं शताब्दी में हुआ था। भुज शहर के बीचो-बीच स्थित इस महल तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। मामूली से प्रवेश शुल्क के साथ आनेवाले पर्यटकों को वहां के स्टाफ द्वारा महल की वास्तुकला समझाई जाती है, जो बेहद खास बात है।
खेतड़ी महल, झुंझुनू
संगमरमर से बना यह महल भारतीय वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, जिसका निर्माण 1770 में खेतड़ी के संस्थापक भोपाल सिंह ने करवाया था।
मुबारक मंडी महल, जम्मू
राजस्थानी, मुगल और बारोक यूरोपीय शैलियों के मिश्रण से बना मुबारक मंडी महल, एक समय डोगरा राजाओं का निवास स्थान हुआ करता था। यही वजह है कि आज भी इस ऐतिहासिक महल में डोगरा कला संग्रहालय विद्यमान है, जिसमें दुर्लभ कलाकृतियों के साथ पेंटिंग और धर्मग्रंथ रखे गए हैं।
आमेर महल, जयपुर
जयपुर से 11 किलोमीटर दूर कलात्मक शैली में बनाया गया यह महल, एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित माओटा झील में अपना प्रतिबिंब छोड़ता है। इसे आमेर किला भी कहते हैं।
बड़ा इमामबाड़ा, लखनऊ
बड़ा इमामबाड़ा के नाम से मशहूर लखनऊ के इस प्रसिद्ध स्मारक को असफी इमामबाड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण लखनऊ के नवाब के नाम पर किया गया था।
सरिस्का महल, अलवर
अलवर के महाराजा के शिकारगाह के रूप में बनाया गया यह महल भारत के उन महलों में से एक है, जो अपनी वास्तुकला की भव्यता और प्राकृतिक परिवेश के लिए जाना जाता है।
तारागढ़ महल, कांगड़ा
कांगड़ा से लगभग 50 किलोमीटर दूर तारागढ़ महल का निर्माण, कश्मीर के महाराजा के ग्रीष्मकालीन महल के रूप में किया गया था। फिलहाल अब इसे एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है।
स्टॉक महल, लद्दाख
1825 में बने इस महल का निर्माण लद्दाख के राजा त्सेत्पल तोंडुप नामग्याल राजा ने सिंधु नदी के करीब करवाया था। अपनी वास्तुकला और डिजाइन के साथ सुंदर उद्यानों और अद्भुत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध इस महल में आज भी राजाओं के शाही पोशाक, मुकुट और अन्य शाही सामग्रियां रखी गई हैं।
लेह महल, लद्दाख
17वीं शताब्दी में राजा सेंगगे नामग्याल द्वारा बनवाया यह महल, ल्हासा में पोटाला महल के आधार पर बनवाया गया था। नौमंजिला ऊंचे इस महल में सबसे ऊपरी मंजिलों पर शाही परिवार रहते थे और निचली मंजिलों में अस्तबल और भंडारगृह बनाए गए थे।
पद्मनाभपुरम महल, कन्याकुमारी
भारत के सबसे उत्कृष्ट महलों में से एक, पद्मनाभपुरम महल, कई शताब्दियों बाद आज भी भारत की समृद्ध और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
बोलगट्टी महल, कोच्चि
सबसे पुराने डच महलों में से एक इस महल का निर्माण वर्ष 1744 में कोच्चि के तत्कालीन गवर्नर के आधिकारिक निवास के लिए हुआ था।