इन दिनों अगर हम कहीं घूमने जाना चाहते हैं, तो हम उस जगह के बारे में, किसी किताबों या इंटरनेट पर नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर अपने दोस्त, जो कि उन जगहों पर जा चुके हैं, उनकी तस्वीरों से इस बात का अनुमान लगा लेते हैं और तय कर लेते हैं कि हमें कहाँ जाना है, इसके आधार पर अपनी इटेनरी बना लेते हैं और फिर सिर्फ उन जगहों को सोशल मीडिया सेल्फी की नजरों से देख कर आ जाते हैं, ऐसे में हम उन अनएक्सप्लोर्ड जगहों के बारे में घूमना भूल जाते हैं, जिन्हें हम अपनी आँखों से और अपने अनुभव के आधार पर देखते, इसलिए आइये आज हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों जरूरी है कि आप जब ट्रेवलिंग की प्लानिंग बनाएं तो अनएक्सप्लोर्ड जगहों पर घूमने जाएं
मिलता है अलग-सा सुकून
अभी कुछ सालों से, कई ऐसे बीच प्लेसेज को लोगों ने एक्सप्लोर किया है, जो गोवा, मुंबई और बाकी नामचीन समुद्री इलाकों से काफी अलग और खूबसूरत हैं, लेकिन लोगों को इसके बारे में कम जानकारी है, तो वे वहां नहीं जाते हैं, जैसे महाराष्ट्र के तरकली, कोंकण इलाके के कई बीच, फिर गोकर्ण बीच, जो आज कल काफी लोकप्रिय हो चुका है, लेकिन यह भी अनएक्सप्लोर्ड जगहों में से एक था, ऐसी जगहों पर आपको अजीब सी शांति मिलती है, क्योंकि भीड़ नहीं होती है, तो आप काफी कुछ एन्जॉय कर सकते हैं. ठीक ऐसे ही कई पहाड़ी इलाके भी हैं, जो बेहद सुंदर हैं, लेकिन उनके बारे में लोग नहीं जानते तो नहीं जाते हैं. मैं तो अपने निजी अनुभव से बता रही हूँ कि अगर आपको असली कश्मीर एन्जॉय करना है, तो पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग और श्रीनगर के लोकप्रिय स्थानों पर सिर्फ न जाएं, पहलगाम में ही कुछ दिन गुजारिये, वहां इतनी सारी अनएक्सप्लोर्ड वैली है, जो बेहद खूबसूरत हैं, वहां जाकर आपको एक और नयी जन्नत दिखाई देगी.
कम बजट में हो जायेगा काम
अनएक्सप्लोर्ड जगहों पर जाने से, क्योंकि वहां यात्रियों की आवाजाही कम होती है, तो वहां पर आपको पहुँचने में खर्च कम लगेगा, वहां ठहरने के लिए आपको बड़े होटल बुक्स करने की जरूरत नहीं होगी, आप वहां के स्थानीय लोगों के घरों में रह कर भी उन जगहों कोई एक्सप्लोर कर सकती हैं. इसलिए भी एक अच्छा आइडिया है.
सेल्फी नहीं, संवेदना संजोने का अपना मजा है
वैसे तो इन दिनों हम कम, सोशल मीडिया हमारे साथ अधिक ट्रेवल करता है, हमारी तो इन दिनों ख्वाहिश ही कहीं घूमने की तभी होती है, जब हम किसी अपने को या किसी इन्फ्लुएंसर्स को खूबसूरत जगहों से रील्स बनाते देखते हैं, फिर आपका एक ही गोल होता है कि आपको भी उन जगहों पर जाना है और ऐसी तस्वीरे लेनी है, लेकिन क्या आप सोच कर देखिये, कुछ यादें संजो पाती हैं, बिल्कुल नहीं. इसलिए जरूरी है कि अनएक्सप्लोर जगहों पर जाएँ और वहां सेल्फी की जगह इमोशन और उस जगह के लोगों से जुड़ीं उनकी संवेदनाओं को बंटोर कर लेकर आएं.
एकदम नयी दुनिया और कल्चर से वाकिफ होंगे
एक ट्रैवेलर होने के नाते, हम सबसे बड़ी गलती यही कर बैठते हैं कि हमें इस बात का एहसास नहीं होता है कि हम अगर कहीं जा रहे हैं, तो वहां के कल्चर को नजदीक से जानने का हमें प्रयास करना चाहिए. यह भीड़ वाली और ओवर एक्सपोज्ड हो गई जगहों में कभी नहीं होगा, वहां हर कुछ प्लांड और ऑर्गेनिक ही होगा, तो आप कभी भी नयी दुनिया नहीं देख पाएंगी, वहां के लोगों को नहीं समझ पाएंगी, मेरा तो मानना है कि किसी भी जगह ट्रेवलिंग में जाने पर, वहां खूब पैदल चलें, तो आप उस दुनिया को अपनी अलग नजरों से देख पाएंगी.
पर्यावरण को भी पहुंचेगा फायदा
यह भी बेहद जरूरी है कि हम जब घूमने जाएँ, तो एक बात हमें ध्यान में रखना चाहिए कि हम अपने पर्यावरण को किस तरह से नुकसान नहीं पहुंचा रहे हों, अनएक्सप्लोर्ड जगहों पर जाने का सबसे बड़ा फायदा यही होता है कि हम पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि वहां के लोग भी ज्यादा कमाने के चक्कर में, ज्यादा से ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करते हैं, साथ ही आप भी वहां, जगह को गंदा करना पसंद नहीं करेंगे. क्योंकि वहां पहले से सफाई रहती है, भीड़-भाड़ वाली जगहों में तो हमेशा हमारे दिमाग में यही बातें रहती हैं कि दूसरे ने गंदगी की है या कचरा यहाँ फेंका है, तो उनकी देखा-देखी हम भी यही कचरा फेंक देते हैं, जो कि बिल्कुल सही नहीं होता है, इसलिए कम भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाकर, हम अपने पर्यावरण का ही फायदा करते हैं.