घर को सजाने और संवारने के साथ टेरेस गार्डनिंग भी एक बेहतरीन तरीका है जिससे आप अपने घर को खूबसूरत बना सकती हैं। आइए जानते हैं आपके टेरेस को हरियाली के साथ खूबसूरत बनाने के कुछ खास तरीकों के बारे में।
सबसे पहले सही प्लानिंग करें
टेरेस गार्डनिंग के लिए सबसे जरूरी है सही प्लानिंग। इसके सबसे पहले आप अपने टेरेस का माप लें और सोचें कि कहां पौधे, गमले और कहां बैठने की जगह रखनी है। इस दौरान सूरज की रोशनी की दिशा का भी ध्यान रखें, जिससे पौधों को पर्याप्त धूप मिल सके। इसके अलावा सूरज की रोशनी के साथ छत पर पानी का सही ढंग से निकासी होना भी बहुत जरूरी है, जिससे पौधों के अधिक पानी से छत को नुकसान न पहुंचे। इसके लिए आप चाहें तो वाटरप्रूफिंग का इस्तेमाल कर सकती हैं और पौधों के नीचे ट्रे या ड्रेनेज सिस्टम भी लगा सकती हैं।
जरूरी है सही मिट्टी का चयन
टेरेस पर हल्की, अच्छे से ड्रेनेज वाली मिट्टी का इस्तेमाल करें, जिससे आपके टेरेस पर ज्यादा वजन न पड़े। पॉटिंग मिक्स में कोकोपीट, वर्मी-कंपोस्ट, और रेत मिलाकर मिट्टी तैयार करें और पौधों की ऐसी प्रजातियां चुनें जिन्हें देखभाल की जरूरत कम हो। उदाहरण के तौर पर आप तुलसी, मनी प्लांट, मिंट, और एलोवेरा का चुनाव भी कर सकती हैं। इनके अलावा कुछ फूल वाले पौधे जैसे गुलाब, गेंदा, और जैसमीन भी लगा सकती हैं, जिससे आपके टेरेस की सुंदरता में चार चांद लग जाएं। हां, इन पौधों को लगाने के लिए आप हल्के प्लास्टिक, फाइबर, या सिरेमिक गमले चुनें, जिससे टेरेस पर भार कम हो। इन गमलों के अलावा आप टमाटर, बैंगन, मिर्च, और धनिया जैसी सब्जियां उगाने के लिए बड़े कंटेनरों का भी उपयोग कर सकती हैं।
वर्टिकल गार्डनिंग अपनाएं
जगह बचाने के लिए वर्टिकल गार्डनिंग सबसे अच्छा और सुलभ तरीका है। आप भी इनका उपयोग कर सकती हैं। इसके लिए आप वॉल माउंटेड प्लांटर्स, ट्रेलेस और ग्रो बैग्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे आप न सिर्फ ज्यादा पौधे लगा सकती हैं, बल्कि अपने टेरेस को और सुंदर भी दिखा सकती हैं। गार्डन बनाने के बाद सही फूलों और गमलों के चयन के बाद बारी आती है खाद की। अपने गार्डन को हरा-भरा रखने के लिए नियमित रूप से आप ऑर्गेनिक खाद जैसे वर्मी-कंपोस्ट, गोबर खाद, और ग्रीन खाद का ही उपयोग करें। केमिकल फर्टिलाइजर से बचते हुए प्राकृतिक तरीकों से पौधों की वृद्धि कर आप स्वच्छ पर्यावरण में भी योगदान कर सकती हैं।
समय-समय पर कीटनाशकों का इस्तेमाल करें
टेरेस पर धूप की मात्रा काफी होती है, ऐसे में पौधों को नियमित रूप से पानी देना जरूरी है, लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें। अगर संभव हो तो ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगा लें, जिससे हर पौधे को सही मात्रा में पानी मिल सके। इसके अलावा समय-समय पर पौधों को छांटकर, मृत और सूखी पत्तियों को हटाती रहें। पौधों में किसी प्रकार की बीमारी या कीड़ों का संक्रमण दिखाई दे, तो तुरंत जैविक कीटनाशकों या प्राकृतिक पेस्टिसाइड्स जैसे नीम का तेल या लहसुन के अर्क का छिड़काव करें। आप चाहें तो लेडीबग्स और प्रेइंग मंटिस जैसे प्राकृतिक कीटभक्षियों को गार्डन में लाकर भी कीटों को नियंत्रित कर सकती हैं।
सजावट पर भी ध्यान दें
अपने टेरेस को खूबसूरत बनाने के लिए आप छोटी-छोटी लाइट्स, स्टोन, और सजावटी गमलों के साथ आप सोलर लाइट्स, एलईडी स्ट्रिप्स या सॉफ्ट लाइट्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे न सिर्फ शाम के समय गार्डन में एक शांत और सुकून भरा माहौल बना रहता है, बल्कि रात में भी पौधों को देखने में अच्छा लगता है। पौधों की खामोशियों के साथ आप चाहें तो टेरेस गार्डन में कुछ कुर्सियां, बेंच, या रॉकिंग चेयर रखकर आप रेस्ट एरिया भी बना सकती हैं, जिससे आप आराम से बैठ सकें। इसके अलावा एक छोटा सा टेबल भी रख सकती हैं, जहां आप अपनी किताब, चाय या कॉफी रख सकें। इससे आपका टेरेस एक आकर्षक और आरामदायक स्थान बन जाएगा।
मौसम के अनुसार पौधों का चयन
हर मौसम में पौधों की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं। उदाहरण के तौर पर गर्मियों में कूलिंग इफेक्ट देने वाले पौधे जैसे शीतल पत्ती वाले, लेमनग्रास या पुदीना और सर्दियों में ठंड सहन करने वाले पौधे जैसे धनिया, गाजर, चुकंदर आप लगा सकती हैं। इसके अलावा, आप बारहमासी पौधे जैसे मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, और स्पाइडर प्लांट लगाकर, छत पर हरियाली बरकरार रख सकती हैं। हालांकि इन पौधों की नमी बनाए रखने के लिए गमलों के ऊपर मल्च का लेयर लगाना न भूलें। इसके लिए आप नारियल के छिलके, घास, पत्ते या लकड़ी के चिप्स का उपयोग कर सकती हैं। इससे पानी की बचत भी होती है और मिट्टी ठंडी रहती है।
स्मार्ट गार्डनिंग टेक्नीक अपनाएं
अपने टेरेस गार्डन में स्मार्ट गार्डनिंग टेक्नीक जैसे, ऑटोमैटिक वॉटरिंग सिस्टम का उपयोग आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। इससे न सिर्फ आपके पौधों को समय पर पानी मिलता रहेगा बल्कि वे सदैव हरे-भरे रहेंगे। इसके अलावा इन ऑटोमैटिक वॉटरिंग सिस्टम में इंटरनेट से जुड़े स्मार्ट सेंसर्स भी होते हैं, जो मिट्टी में नमी, तापमान, और लाइट लेवल को मापते हैं। इससे पौधों की देखभाल आसान हो जाती है। इसके साथ आप चाहें तो फूल पौधों के अलावा छोटे फलों वाले पौधे जैसे स्ट्रॉबेरी, नींबू, अंगूर भी उगा सकती हैं। इससे आपका टेरेस गार्डन और खूबसूरत तथा समृद्ध नजर आएगा। इन पौधों के साथ गुलाब, लिली, चमेली से आपका गार्डन सुगंधित भी रहेगा।
फल-फूल के साथ जड़ी-बूटी और सब्जियां
अपने टेरेस गार्डन में आप धनिया, पुदीना, तुलसी जैसी जड़ी-बूटियों के साथ हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सलाद के पत्ते भी उगा सकती हैं। इससे आपको घर बैठे न सिर्फ ताजी सब्जियां मिलती रहेंगी, बल्कि आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा और आपको गार्डनिंग का एक नया अनुभव भी मिलता रहेगा। इसके लिए आप गमलों की बजाय अलग-अलग प्रकार के कंटेनर, ग्रो बैग, और हैंगिंग बास्केट का उपयोग भी कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर बड़े कंटेनर में बड़े पौधे और छोटे कंटेनर में आप छोटी जड़ी-बूटियां लगा सकती हैं। इससे आपका टेरेस गार्डन भी अधिक विविधतापूर्ण और आकर्षक दिखेगा।
रिसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग का उपयोग
आप चाहें तो अपने टेरेस गार्डन को आकर्षक रूप देने के लिए गमलों के रूप में पुरानी बोतलें, कैन, लकड़ी के बक्से, और कंटेनर का उपयोग भी कर सकती हैं। इससे गार्डनिंग की लागत भी कम हो जाएगी और पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा। आप चाहें तो लकड़ी के टुकड़े, पत्थर, और पुराने मिट्टी के बर्तन जैसे प्राकृतिक सजावट का भी उपयोग कर सकती हैं। इसके अलावा रॉक गार्डन और पानी के छोटे फव्वारे जैसी सजावट से भी टेरेस गार्डन का आकर्षण बढ़ाया जा सकता है।
बच्चों को दें गार्डनिंग का काम
गार्डनिंग के दौरान बच्चों को टेरेस गार्डन में शामिल करने से उनका प्रकृति और पर्यावरण के प्रति लगाव बढ़ता है और वे भी गार्डनिंग का आनंद भी लेते हैं। इसके लिए आप उन्हें छोटे-छोटे काम दें जैसे पौधों में पानी डालना या पौधों के पत्तों की सफाई करना। आजकल स्कूलों में बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क दिया जाता है, जिसे अक्सर पैरेंट्स ही पूरा करते हैं। यदि आप अपने बच्चों को गार्डनिंग की बारीकियां सिखाती हैं तो यकीन मानिए इससे उन्हें उनके प्रोजेक्ट्स बनाने में भी मदद मिलेगी क्योंकि गार्डनिंग से बच्चों की क्रिएटिविटी का विस्तार होता है।
मिनी-ग्रीनहाउस बनाना न भूलें
छोटे पौधों के लिए मिनी-ग्रीनहाउस बनाना फायदेमंद हो सकता है, खासकर ठंडे या अत्यधिक गर्म मौसम में। इसके लिए एक साधारण प्लास्टिक या कांच का कवर बना लें, जो पौधों को न सिर्फ तापमान के बदलाव से बचाएगा, बल्कि उन्हें दुगुनी गति से बढ़ने में भी मदद करेगा। इसके अलावा क्या आप जानती हैं कि कुछ पौधे एक-दूसरे के साथ उगाए जाने पर बेहतर वृद्धि करते हैं और कीटों को भी दूर रखते हैं? जी हां। टमाटर के साथ तुलसी लगाने से न सिर्फ टमाटर की सुगंध और स्वाद में सुधार होता है, बल्कि कीट भी दूर रहते हैं। संभव हो तो इन पौधों के अलावा कुछ अरोमेटिक पौधे जैसे लैवेंडर, रोजमेरी, और जैस्मिन लगाएं, जिससे आपके गार्डन में सुगंधित माहौल बना रहे और आपका तनाव भी कम हो।
खाद के साथ रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
आप चाहें तो टेरेस पर ही एक छोटा सा कंपोस्ट बिन रखकर रसोई से निकले कचरे से ही कंपोस्ट तैयार कर सकती हैं। इससे आपके पौधों को ताजा जैविक खाद भी मिलेगा और कचरा भी रीसाइकल हो जाएगा। कचरा रीसाइकल करने के साथ-साथ आप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के साथ बारिश के पानी को भी जमा कर सकती हैं। इससे न सिर्फ गर्मियों में आपको पानी की कमी होगी, बल्कि पानी की बचत भी होगी। इसके लिए आप चाहें तो अपने टेरेस पर एक छोटा सा जलाशय या पानी का फव्वारा भी बना सकती हैं। टेरेस गार्डन की खूबसूरती बढ़ाने के साथ यह आपको ठंडक का भी अहसास देगा। इस तरह के वाटर फीचर से माइक्रोक्लाइमेट बनता है, जो पौधों के लिए भी फायदेमंद होता है और आपके टेरेस गार्डन को खूबसूरत भी बनाता है।