लकड़ी का सामान हमारे घर की रौनक बढ़ाने के लिए सबसे अच्छे होते हैं, ऐसे में आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कैसे लकड़ी के सामान से हम अपने घर को एक अद्भुत रूप दे सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
फर्नीचर में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी
अगर हम घरों में लकड़ी के इस्तेमाल होने की बात करें, तो कठोर और नर्म लकड़ी। जो कठोर और मजबूत लकड़ी आती है, वो फूलों के पेड़ों से आती है, जबकि नर्म लकड़ियां कोनिफर से आती है। आइए इनके बारे में जान लेते हैं।
साल की लकड़ी
सबसे पहले अगर किसी अच्छी गुणवत्ता वाली लकड़ी की बात की जाए, तो साल की लकड़ी सबसे उच्च गुणवत्ता वाले ग्रेड के लिए जानी जाती है। साल एक प्रकार की लकड़ी होती है, इन्हें अधिक पॉलिश करने की जरूरत नहीं होती है। यह बारिश के मौसम में भी खराब नहीं होते हैं। इसमें दीमक नहीं लगते हैं और इसलिए दरवाजे के लिए इसका सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। इसकी सीढ़ियां भी बनती हैं और यह उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से निर्यात की जाती हैं।
शीशम की लकड़ी
शीशम की लकड़ी सबसे अधिक फर्नीचर बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, यह एक कठोर लकड़ी है, इसे पोलिश और फिनिश से बेहतर बनाया जा सकता है। शीशम भारत में उपलब्ध सबसे महंगी लकड़ी में से एक है, इसका इस्तेमाल लकड़ी के फर्श बनाने में, कैबिनेट बनाने में और सोफे और बेड बनाने के लिए किया जाता है। यहां तक कि इनका उपयोग वाद्य यंत्रों में भी किया जाता है और यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में पाया जाता है।
सागौन की लकड़ी
सागौन की बात की जाए, तो सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली लकड़ियों में सागौन का नाम सबसे पहले आता है, यह स्थानीय रूप से उपलब्ध होता है, इसको बनाने वालों में बर्मा और घाना हैं, जो लकड़ी का आयात करते हैं, केरल में सागौन की लकड़ी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है और वहां से इसकी आपूर्ति भी की जाती है। इन लकड़ियों के अलमारी और टेबल बनाये जाते हैं। दरवाजे के फ्रेम बनाने में भी इनका काफी उपयोग होता है। यह बारिश के मौसम में भी खराब नहीं होती हैं।
देवदार की लकड़ी
अब अगर देवदार की लकड़ी के फर्नीचर की बात करें, तो सजावटी सामान, शेल्फ या ट्रंक के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। इसके रख-रखाव में अधिक मेहनत नहीं करनी होती है, इसलिए इसकी लकड़ी अधिक पसंद की जाती है। यह नरम लकड़ियों में से एक है, इसके ज्यादातर सोफे या डाइनिंग टेबल की कुर्सियां बनाई जाती हैं। यह किफायती लकड़ी के रूप में काफी अच्छी होती है।
विंटेज वुड
विंटेज वुड यानी पुराने दौर की जो लकड़ियां होती हैं, वह लम्बे समय तक चलती हैं और इसे यूनिक और ऐस्थेटिक पीसेस के लिए जाना जाता है और इनकी शिल्पकारी भी बेहद सुंदर नजर आती है। विंटेज और एंटीक फर्नीचर कम से कम 20 वर्ष से अधिक पुराना होता है और इसकी खूबी यह है कि यह आमतौर पर हाथ से बनाया जाता है। आप अगर क्रिएटिव इंसान हैं, तो आपको अपने घर को विंटेज लुक तो देना ही चाहिए। यह आपको स्पेशल टच दे देते हैं और यह भी खासियत होती है कि इसके शिल्प कौशल के साथ आपको इतिहास के बारे में जानने का मौका मिलता है। विंटेज वुड की बात करें, तो लेख साटन की लकड़ी सबसे फेमस होती है और यह स्थानीय रूप से भी उपलब्ध होती है, इसकी आपूर्ति दक्षिण भारत और मध्य भारत में की जाती है। लेकिन यह भी जरूरी है कि इसकी नियमित रख-रखाव पर ध्यान देना पड़ता है। साटन की लकड़ी कठोर होती है, लेकिन समय-ंसमय पर इसके पॉलिश की जरूरत होती है। आपने देखा होगा कि आपके कई फर्नीचर पीले रंग के चमकदार रंगों में नजर आते हैं। तो वो ज्यादातर साटन की लकड़ी होती है।
अन्य लकड़ियां
भारत में लोकप्रिय है आम की लकड़ी फर्नीचर बनवाने के लिए। यह पर्यावरण के अनुकूल मानी जाती है। साथ ही यह मजबूत और किफायती होती है, लेकिन शीशम की लकड़ी की तरह यह नमी को कंट्रोल नहीं कर पाती है। अब अगर बात की जाए, बीज की लकड़ी की तो, यह ऐसी लकड़ी होती है, जो जल प्रतिरोधी होती है और टिकाऊ होती है। वहीं बबूल की बात करें तो इसके फर्नीचर सही तरीके से बने नहीं होते हैं। पार्टिकल बोर्ड की बात करें, तो यह लकड़ी के बुरादे से बनने वाले सस्ते फर्नीचर के रूप में इस्तेमाल किये जाते हैं।
लकड़ी के मंदिर
लकड़ी हमारे घर के लिए एक महत्वपूर्ण चीज है, जिसे हमें हमेशा ही सजाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। लकड़ी की खूबी यह होती है कि यह अगर अच्छी किस्म की होगी, तो कई सालों तक यह चलती है और आपको अपने घरों के सामान में बार-बार पैसे लगाने की जरूरत नहीं होती है। अब अगर बात लकड़ी के मंदिर की की जाए, तो लकड़ी के मंदिर बेहद सुंदर और आकर्षक लगते हैं। आप इन्हें छोटे घरों में छोटे रूप में तो, बड़े घरों में बड़े रूप में भी इस्तेमाल कर सकती हैं। आप अपने लिविंग स्पेस में खूबसूरत तरीके से मंदिर सजा सकती हैं, इसके लिए आप जियोमैट्रिक पैटर्न वाला लकड़ी का मंदिर बनवा सकती हैं, इसमें अगर कन्सीलड लाइट की सुविधा भी आप देंगी, तो लुक अच्छा दिखेगा, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि आप ऐसा मंदिर बनवाएं, जो अधिक जगह न ले। डेकोर स्टाइल में भी इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है। आप चाहें, तो मंदिर के चारों किनारे पर कन्सील्ड लाइट लगवा सकती हैं। इसके अलावा, अगर आप लकड़ी के मंदिर ही रखना चाहती हैं, तो स्टाइलिश पार्टिशनिंग मंदिर की डिजाइन अपना सकती हैं। लकड़ियों में आप अगर नक्काशी करवाती हैं, तो यह लुक मंदिर में बहुत सुंदर दिखेंगे, साथ ही रौशनी और लकड़ियों की डिजाइंस की कारीगरी भी खूबसूरत नजर आती है। इसके अलावा, लकड़ी के फर्नीचर में भी दराज कैबिनेट अच्छे होते हैं। लकड़ी के मंदिर इसलिए भी काफी इस्तेमाल होते हैं कि इनकी देख-रेख में अधिक परेशानी नहीं होती है, ये छोटे आकार में भी मंदिर में रखे जा सकते हैं। इसके लिए अगर प्लाईवुड के ही मंदिर इस्तेमाल किया जाए, तो आपके लिए बेस्ट मंदिर होंगे।
लकड़ी के सोफे
अगर हम लकड़ी के सोफे की बात करें, तो एल आकार के सोफे काफी अच्छे लगते हैं। एल आकार में परिवार के लिए बैठने के लिए अच्छी जगह होती है। ऐसे में सागौन की लकड़ी के सोफे काफी आरामदायक साबित होते हैं और काफी मजबूत होते हैं। अगर भारतीय लुक की बात की जाए, तो भारतीय शिल्प कौशल में रॉयल्टी दिखाने के लिए भी लकड़ी के सोफे अच्छे लगते हैं। शामियाना लुक वाले सोफे भी काफी शानदार लगते हैं, इसलिए भी लोग इन्हें घर में रखना पसंद करते हैं और लकड़ी के फर्नीचर में इनकी भी डिमांड होती है। वहीं सांगवान की लकड़ी से बने फर्नीचर भी हमेशा डिमांड में रहते हैं। 6 सीटर के लिए और बड़े घरों या कमरों में ये सोफे अच्छे लगते हैं।
लकड़ी के अन्य फर्नीचर
बात जब सेंट्रल टेबल की आती है, तो आपकी कोशिश यही होती है कि किसी भी तरह आप टेबल को आकर्षक दिखाए और सुंदर दिखाये और इसके लिए देवदार की लकड़ी बेस्ट होती है, शीशम का इस्तेमाल भी होता है। बेडरूम के बेड्स, किचन कैबिनेट्स, सोफा सेट्स और डाइनिंग सेट्स में भी इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। टीकवुड की बात करते तो, यह बर्मा से आता है और डोर फ्रेम, कैबिनेट, सजावट का सामन बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है।