घरों में खिड़कियों की अपनी खासियत होती है। अगर घर बनवाते हुए इसका ध्यान न रखा जाए, तो बाद में सिर्फ खिड़कियों की वजह से परेशानी हो सकती है, तो आइए जानें कैसे कर सकते हैं सही तरीके से खिड़कियों का चयन।
ग्लास ब्लॉक खिड़कियां
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ये जो खिड़कियां होती हैं, वह कभी भी प्रकाश को अंदर आने नहीं देती है और इससे आपकी प्राइवेसी बरकरार रहने में काफी मदद मिलती है। इन खिड़कियों का उपयोग, दरअसल, कांच के मोटे फ्रॉस्टेड या बनावटी वाले ब्लॉकों का उपयोग करती हैं। ऐसी खिड़कियां आपके बाथरूम के लिए अच्छे होते हैं। साथ ही बेसमेंट और गैरेज जैसी जगहों में लगाने के लिए अच्छे होते हैं।
बे और बो विंडोज
बे और बो विंडोज वाली खिड़कियां काफी शानदार होती है और इन खिड़कियों के पैटर्न को घर की बाहरी दीवार से आगे तक फैली हुई होती हैं और जो बेंच सीट या शेल्फिंग के लिए एक आंतरिक कोने( इंटर्नल कॉर्नर) का निर्माण करती हैं। ऐसी खिड़कियों में आम तौर पर तीन कोण वाली आयताकार खिड़कियां होती हैं, जबकि बो खिड़कियों में सेमी सर्कुलर कर्व होते हैं, जिनमें कम से कम पांच लंबे शीशे होते हैं। बो खिड़कियां आम तौर पर बड़ी होती हैं और अधिक उभरी हुई होती हैं। दोनों अक्सर विक्टोरियन और कॉटेज घरों से जुड़े होते हैं और अपने तरीके से एक खास लुक का निर्माण करते हैं। इन खिड़कियों की खूबी यह होती है कि प्राकृतिक रोशनी को घरों में आने देने में मदद करती हैं।
केसमेंट खिड़कियां
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यह एक और सही तरीके की फंक्शनल खिड़कियां होती हैं, जो एक तरफ टिकी होती हैं और मैन्युअल रूप से या क्रैंक के माध्यम से खुलती हैं। वे बायीं या दायीं ओर बाहर की ओर से भी खुलती हैं, जिससे दीवार पर कम से कम जगह लेती है और इसकी वजह से ताजी हवा घर में आती हैं। इसमें किसी भी तरह की सील नहीं होती है, इसलिए इसकी देखरेख आसान होती है।
डबल हंग विंडोज
डबल हंग विंडोज भी बेहद खास होते हैं और इनको लगाने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना ही पड़ता है। इनमें से सबसे खास बात यह है कि डबल-हंग विंडो दो सैश वाली विंडो होती हैं और यह अधिक महंगी खिड़कियां नहीं होती हैं।
शामियाना खिड़कियां
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शामियाने वाली खिड़कियों की सबसे खास बात यह होती है कि यह ऊपर की ओर होती हैं और बाहर की ओर खुलती हैं और ये ऐसी खिड़कियां होती हैं, जिससे अगर बारिश भी हों, तो घरों में पानी नहीं जाएगा। यह बेहद अच्छा होता है और बेहद जरूरी है कि आप अपने घर का ख्याल रखते हुए ऐसे विंडो को घर में लगाएं। ये ऐसी खिड़कियां होती हैं, मैन्युअल रूप से खुल सकती हैं, लेकिन हां, इन्हें क्रैंक की आवश्यकता होती है। ये खिड़कियां जितने खूबसूरत अंदाज में लगाई जाए, अच्छी लगेगी। जहां तक आपकी प्राइवेसी की बात करें, तो इन्हें अक्सर दीवारों पर ऊंचाई पर स्थापित किया जाता है, जिससे वेंटिलेशन और वायु प्रवाह में कोई दिक्कत न आये। इस तरह की खिड़की का यह वह हिस्सा होता है, जो शीशों को एक साथ रखता है।
पिक्चर विंडो
अगर आप चाहती हैं कि आपका जो लॉन या बगीचा है और वहां आपको यदि आप अपने लॉन या बगीचे का अबाधित दृश्य देखना चाहते हैं तो चित्र वाली खिड़की अक्सर सबसे अच्छा विकल्प होती है। खिड़की का यह ऐसा रूप है, जिसमें कांच की एक शीट होती है और जिसमें कोई सैश नहीं होता है, जिसे अक्सर कस्टम आकार या आकार में काटा जाता है। यह खिड़की जब खुलती है, तो धूप को अंदर आने देती है।
स्लाइडिंग खिड़कियां
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आप स्लाइडिंग खिड़कियों को छोटे पैमाने पर स्लाइडिंग ग्लास दरवाजे के रूप लगाने के बारे में सोच सकती हैं। वे एक ट्रैक पर होरिजेंटल फॉर्म में खुलते हैं और उनमें कई सैश होते हैं। और स्लाइडिंग खिड़कियों में लीकेज की समस्या हो सकती है, लेकिन फ्रेंच विंडो के रूप में इसे लगाना शानदार हो जायेगा, खासतौर से बड़े लिविंग रूम में यह बेहद अच्छी लगती हैं।
स्ट्रोम विंडोज
स्ट्रोम वाली जो विंडोज होती हैं या खिड़कियां होती हैं, वो शैटर रेसिस्टेंट ग्लास से बनी होती हैं और स्ट्रोम आने पर घर को बचाती है, ऐसी जगहें जहां स्ट्रोम विंडोज की जरूरत होती है, वहां के लिए यह काफी अच्छी होती है। इन्हें फिलहाल स्थायी रूप से स्थापित किया जा सकता है या अस्थायी रूप से भी लगाया जा सकता है। समुद्री इलाकों में इन्हें खूब लगाया जाता है।
हॉपर खिड़कियां
शामियाना खिड़की से अलग अगर हॉपर खिड़कियों की बात करें, तो नीचे की ओर झुकने के लिए क्रैंक या धक्का देकर खुलने वाली होती हैं ये खिड़कियां। इन खिड़कियों का उपयोग ज्यादातर कॉम्पैक्ट या निम्न-स्तरीय स्थानों के लिए होते हैं। इन खिड़कियों का ज्यादा आमतौर पर बेसमेंट या बाथरूम में होता है। इन खिड़कियों की खासियत होती है कि यह इंसुलेशन के लिए जाने जाते हैं, ये पूरी तरह से बंद फ्रेम को सील भी कर देते हैं। इनका आविष्कार मूल रूप से 19वीं शताब्दी में सड़क पर उड़ने वाली धूल-मिट्टी से बचाने के लिए हुआ था।
कैसे करें खिड़कियों की सफाई
अब आपने यह तो जान लिया है कि खिड़कियां किस तरह की होनी चाहिए, आइए ये जान लेते हैं कि आपको साफ-सफाई किस तरह रखनी है। तो अगर आपकी खिड़कियों पर अल्युमिनियम का फ्रेम है, तो सबसे पहले इस पर से धूल हटाने के लिए आपको सूखे कपड़े का उपयोग करना है और फिर इसे वैक्यूम क्लीनर से साफ करना है। इसके अलावा, पानी में तीन चम्मच डिशवॉशिंग लिक्विड डालें और फिर इससे फ्रेम को अच्छी तरह से पोंछें। साथ ही साथ अगर लकड़ी का फ्रेम है और आपको उसमें चमक लानी है, तो जैतून का तेल और विनेगर बराबर मात्रा में मिला लेना है और फिर इस घोल में कपड़े को डुबोकर फ्रेम को अच्छे से पोंछ लें। फिर इसे सूखने के लिए छोड़ें। फ्रेम की रौनक लौट आएगी। अगर खिड़कियों के शीशों की बात करें तो कपड़े से नहीं, बल्कि हमेशा इन्हें पेपर से साफ करना चाहिए या फिर किसी मैगजीन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कभी भी पहले खिड़कियों पर धूल जमी हो तो पानी पहले नहीं डालें, पहले अच्छे से कपड़े से पोंछ लें, फिर पानी से धोएं, नहीं तो निशान बन जायेंगे।