आपने शायद इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा कि जापान के घर काफी छोटे हैं, लेकिन काफी सुव्यवस्थित होते हैं, इसलिए अगर आप अपने छोटे से घर को डेकोरेट करना चाहती हैं तो कुछ आसान से तरीके आपको अपनाने चाहिए। आइए जानें विस्तार से।
जापानी होम डिजाइन क्या है
जापानी डिजाइन के बारे में आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि जापानी होम या घर का इंटीरियर सादगी पर पूर्ण रूप से आधारित है और न्यूनतम स्टाइल के साथ यह प्रकृति और प्राकृतिक चीजों को भी होम डेकोर में प्राथमिकता देता है। उनके घरों के डिजाइन में लाइन, फोम, स्पेस और ऐसी कई चीजें महत्वपूर्ण हो जाती हैं। तो इन बातों का आपको बेहद ध्यान रखना जरूरी है। जापानी डेकोरेशन इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि आप बेहद कम स्पेस में ही अधिक चीजों को सजा सकती हैं और वे उसी अनुसार उसके लुक तय करते हैं और भारत में भी अगर आप छोटे स्पेस में रह रही हैं, तो जापानी स्टाइल को अपना कर काफी कुछ क्रिएट कर सकती हैं। जापानी स्टाइल को भारत में अगर आप अपनाना चाहती हैं, तो इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनमें खुली जगहें शामिल होती हैं और ढेर सारी रोशनी वाली बड़ी खिड़कियां भी शामिल होती हैं, साथ ही न्यूनतम आंतरिक साज-सज्जा भी। साथ ही एक मिनिमिलिस्ट पैलेट को भी फॉलो किया जाता है और साथ ही साथ हल्की लकड़ी वाले फर्नीचर भी अच्छे रहते हैं और जापानी संस्कृति में अधिक फर्नीचर फैलाने की जगह जमीन पर बैठने को अहमियत दी जाती है। एक और खास बात का ध्यान जापानी इंटीरियर में रखा जाता है कि प्रकृति से जुड़ने के लिए इनडोर पौधों का इस्तेमाल होता है और साथ ही मैट्स का खूब इस्तेमाल होता है।
कलर पैलेट
अगर कलर पैलेट की बात करें तो एक अच्छे और आंखों को सुकून पहुंचाने वाले आरामदायक इंटीरियर के लिए जापान कलर पैलेट में क्रीम, काला, सफेद, ब्राउन और टैन जैसे ब्लॉक रंग लोकप्रिय हैं। साथ ही न्यूट्रल रंगों का अधिक प्रयोग होता रहता है। आप दीवारों पर देखेंगे कि कुछ इसी पैटर्न को फॉलो करने की कोशिश की कोशिश की जाती है।
लाइटिंग
अगर हम घर में लाइटिंग की बात करें, तो पारंपरिक जापानी घर के इंटीरियर के लिए खासतौर से या विशेष रूप से लाइटिंग की व्यवस्था पर फोकस किया गया है। धातु और लकड़ी से बने सिम्पल और बिना सजे हुए फिक्स्चर जापानी शैली के इंटीरियर के लिए खास लाइटिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं। चावल के कागज से बनी पारंपरिक जापानी लालटन भी काफी अधिक लोकप्रिय हैं।
जापानी बाथरूम
गौरतलब है कि अगर हम जापानी बाथरूम के बारे में बात करें, तो जापानी बाथरूम काफी खास होते हैं, वे कम्फर्ट को अधिक तवज्जो देने की कोशिश करते हैं और साथ ही साथ वे पारंपरिक जापानी वास्तुकला, कला और डिजाइन को भी अच्छे से शामिल करते हैं। साथ ही प्राकृतिक लकड़ी और पत्थर को भी जोड़ने की कोशिश करते हैं और कंकड़युक्त फर्श, बांस स्क्रीन और अन्य प्राकृतिक तत्वों जैसी चीजें भी इस्तेमाल अच्छे से की जाती है।
जापानी फर्नीचर
जो हमारे जापानी फर्नीचर होते हैं, वे कम से कम होते हैं, क्योंकि फर्नीचर को रखने के लिए ज्यादा जगह नहीं होती है, इसलिए कम से कम फर्नीचर का इस्तेमाल होता है, ऐसे में गौर करें तो आपके जापानी लिविंग रूम के लिए जापानी फर्नीचर डिजाइन अच्छे रहेंगे। खासतौर से अगर आप मुंबई या किसी ऐसे महानगर में रह रहे हैं, जहां जगह की काफी कमी है, तो इसके लिए आपको मिनिमलिस्ट जापानी प्रेरित घरों को अपनाना अच्छा होगा, यह काफी सहज और सरल अंदाज के सोफे होते हैं, जापान टाटामी बिस्तर डिजाइन भी परफेक्ट होते हैं। साथ ही साथ इनकी कुर्सियां भी एकदम आम होती है। ये कुर्सियां टाइम लेस होती हैं, जो आपके लिविंग रूम को क्लासी टच देने में मदद करती है। आपको यह जानकारी भी होनी ही चाहिए कि जापान की तरह हमें भी अपने फर्नीचर में सस्टेनेब्लिटी का इस्तेमाल करते हुए प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए। जैसे वहां बांस, लकड़ी, रेशम और चावल के भूसे की चटाई और कागज का भी अच्छा इस्तेमाल होता है और इन चीजों से आरामदायक और फ्लेक्सिबल फर्नीचर बनाने की कोशिश की जाती है, जो आपके घरों को भी आधुनिक होते हुए पारंपरिक डिजाइन का रूप देंगे।
पौधे हैं जरूरी
जापान में प्लांट्स यानी पौधे एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिस पर ध्यान दिया जाता है, दरअसल, जापानी घर फेंग-शुई के अनुसार डिजाइन किए जाते हैं और पौधे इस विश्वास का एक बड़ा हिस्सा हैं। समकालीन या आधुनिक जापानी घरेलू सजावट के साथ मिलकर, वे एक शानदार और आरामदायक जगह बना सकते हैं। विभिन्न आकारों में बोन्साई, फर्न, वीपिंग विलो और बांस जैसे पौधे सभी बेहतरीन विकल्प हैं।
क्या है जेनकन एंट्रीवे
जापान की इस एंट्रेंस यानी प्रवेश करने वाले स्टाइल को आप भी अपना सकती हैं। इसके लिए आपको अधिक मेहनत नहीं करनी है, बस आपको जापानी इंटीरियर डिजाइन को ध्यान में रखते हुए घर के जेनकन प्रवेश द्वार में जूते के लिए डोरमैट से सुसज्जित एक जगह रखनी है, मतलब आपको जूतों को अंदर लेकर नहीं जाना है, बाहर ही उतार देना है, ताकि गंदगी अंदर न जाए।
ग्लास डिजाइन है जरूरी
गौर करें तो ग्लास डिजाइन का ख्याल रखना भी काफी अच्छा होता है। और जापानी स्टाइल में तो खासतौर से ग्लास डिजाइन रखे जा रहे हैं। आप अपने घरों में चाहें तो कुछ जगहों पर ग्लास वाले ग्लास स्लाइडिंग पैनल यालगा सकती हैं, इससे छोटी जगह को बड़ा दिखाने में काफी मदद मिल जाती है और दो कमरों के डिवीजन करने में भी इससे काफी मदद मिलती है।
प्राकृतिक चीजों का उपयोग
जापानी स्टाइल के जो भी सामान होते हैं, वे प्राकृतिक चीजों से भरपूर होते हैं। जैसे जापानी स्टाइल को अगर अपनाना चाहती हैं तो आपको लकड़ी, पत्थर और कांच सहित प्राकृतिक सामग्रियों की चीजें चुननी होंगी। ये लोग कोशिश कर करते हैं कि कम चमकदार, प्राकृतिक लकड़ी, जैसे बर्च या सफेद ओक" का उपयोग ककरे चीजें बनाई जाएं। साथ ही साथ छत और फर्श दोनों अक्सर लकड़ी के बोर्ड से ढके होते हैं।
जापानी वास्तुकला की खूबी
जापानी वास्तुकला की यह भी खूबी होती है कि यह बाहरी और आंतरिक इंटीरियर को एक साथ ब्लेंड करती है। साथ ही साथ ताजी हवा आने देने के लिए फर्श से छत तक खिड़कियां और स्लाइडिंग दरवाजे जुड़े होते हैं। साथ ही बगीचे को भी अहमियत दी जाती है। वे घर के अंदर भी इनडोर गार्डन का इंतजाम जरूर करते हैं।
शोर करने वाली चीजों को बाय-बाय
अगर आप अपने घर में जापानी चीजों का अनुभव इंटीरियर में करना चाहती हैं तो बेहद जरूरी है कि शोर करने वाली चीजों से दूरी बना लें, क्योंकि जापानी कल्चर या संस्कृति में इसे पसंद नहीं किया जाता है। उन्हें शांति वाली चीजें क्रिएट करने में ही मजा आता है। इसलिए घर में क्लटर रखने की जगह व्यवस्थित वाले कंटेनर और बास्केट रखे जाते हैं। साथ ही ऐसे स्टोरेज क्रिएट किये जाते हैं, जो अधिक जगह न लें। इसके अलावा, सिम्बॉलिक चीजों को ही अहमियत अधिक दी जाती है। सिम्बॉलिक पेंटिंग को ही अधिक तवज्जो दी जाती है।