कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास बेडशीट्स पुराने होकर इतने अधिक जमा हो जाते हैं कि फिर यह बात समझ ही नहीं आती है कि इतने चादरों का किया क्या जाए। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह से DIY तरीकों से पुराने चादरों को भी नए रूप दिए जा सकते हैं।
सस्टेनेबल झोले
सस्टेनेबल झोले बेडशीट्स के लिए काफी अच्छे होते हैं, ऐसे में बाजार से महंगे झोले खरीदने की जगह चादरों से घर पर ही झोलों को तैयार किया जा सकता है और सबसे अच्छी बात यह है कि ये झोले दिखने में अच्छे तो होते ही हैं, टिकाऊ भी होते हैं, इन्हें फिर से धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है, कॉटन वाले बेडशीट्स के तो सबसे अच्छे झोले बन जाते हैं, तो आप इस तरह से झोलों का इस्तेमाल कर सकती हैं।
हैंगर्स
आपको यह बात सुन कर हैरानी होगी, लेकिन आप सस्टेनेबल हैंगर्स भी चादरों से बना सकती हैं, इसके लिए आपको नॉर्मल हैंगर पर कपड़े को चढ़ा लेना है और फिर यह काफी कलरफुल और सुंदर भी नजर आते हैं। कई बार नॉर्मल हैंगर्स के मेटल होने के कारण कपड़ों में दाग लग जाते हैं, इसलिए जब आप उस पर कपड़े चढ़ा देती हैं, तो फिर वे कमाल लगते हैं और लुक भी पूरा बदल जाता है।
डोर मेट्स और चटाई
पुराने पड़े चादरों से मोटे और मजबूत डोर मेट्स भी बनाये जा सकते हैं, साथ ही चटाई बनाने का काम भी किया जा सकता है, यह आपके पैरों में लगे पानी को अच्छे से सोंख लेते हैं, रंगबिरंगे डोरमेट्स बनाना एक चादर से काफी आसान होते हैं।
कवर
पुरानी चादरों का इस्तेमाल इस तरीके से भी किया जा सकता है कि इससे रजाई, कंबल और आपके बेड के कवर यानी खोल आसानी से बन सकते हैं, यह दिखने में सुंदर तो होते ही हैं, साथ ही साथ इसे जब आप बाहर मार्केट में खरीदने जाएंगी तो यह महंगे भी पड़ते हैं, इसलिए बेहतर है कि अपने पैसे और पर्यावरण दोनों को बचाया जाए और कवर्स का इस्तेमाल अच्छे से किया जाए।
बैठकी, ऐप्रन और बच्चों का बिस्तर
अगर आप चाहें तो अपने लिविंग रूम के लिए भी बैठकी बना सकती हैं, इसके लिए आपको बैठकी बनाने के लिए रूई भर लेना है और फिर उसकी अच्छी सिलाई करनी है और फिर उसका इस्तेमाल करना है, इसके अलावा ऐप्रन भी कॉटन बेडशीट्स के अच्छे बनते हैं, खासतौर से राजस्थानी प्रिंट्स के चादरों से बैठकी या टेबल रनर भी अच्छे बनते हैं और बच्चों के बिस्तर भी। साथ ही ऐप्रन बनाने के लिए भी इसके कपड़े अच्छे होते हैं। इनके अलावा, घर में तोरण भी बनाए जा सकते हैं, अगर पुरानी चादरों की कुछ कतरन बची हों तो।