त्यौहारों का मौसम जल्द ही शुरू होने वाला है। त्यौहारों के साथ एक शब्द, जो बड़ा कॉमन है, वो है इसमें होने वाली तैयारी, लेकिन अक्सर तैयारी हड़बड़ी में बदल जाती है। फिर कई बार मामला बहुत ज्यादा हेक्टिक हो जाता है, क्योंकि हम पहले से तैयारी नहीं रखते हैं। ऐसे में अगर इस हड़बड़ी से बचना है, तो त्योहारों से पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर दें। कुछ बातों का खास ख्याल रखें, ताकि आपकी तैयारी में कोई कमी न हर जाए और आपको त्यौहार वाले दिन या उससे कुछ दिन पहले भीड़ से भरे मार्केट के चक्कर न लगाना पड़े। इसलिए आइए जानते हैं कुछ खास जानकारी कि कैसे पहले-सी की गयी तैयारियों का ध्यान रखा जाए।
रक्षा बंधन की थाली ऐसे सजाएं
रक्षा बंधन थाली की सजावट के लिए अपने अंदर के कलाकार को सामने लाएं। स्टील थाली को अपनी पसंद के रंग से रंगें। आप किसी भी ऑयल पेंट का उपयोग भी कर सकती हैं और स्टील थाली को अपनी इच्छानुसार डिजाइन कर सकती हैं। एक बार जब आप थाली को रंग दें, तो मार्केट में मौजूद मिरर की कटिंग, सितारे या अन्य सजावटी सामान लें और उस पर चिपका दें। अगर आप उसे ट्रेडिशनल राखी थाली का लुक देना चाहती हैं, तो आप कुंदन, स्टोन्स और जरदोशी आदि का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। कुल मिलाकर थाली को सबसे खूबसूरत तरीके से सजाने के लिए आप अपनी कल्पना और रचनात्मकता का उपयोग जमकर कर सकती हैं, क्योंकि राखी का त्यौहार आने में अभी समय है। राखी की थाली पहले से रेडी हो जाने की वजह से आप राखी के दिन कुछ सेकेंड्स में ही अपनी थाली में रोली, चावल, दीया, कुमकुम और राखी रखकर अपने भाई को राखी बांधने के लिए तैयार हो सकती हैं।
ऐसे सजाएं जन्माष्टमी में श्री कृष्ण की झांकी
जन्माष्टमी में पूजा के साथ-साथ सजावट का भी बहुत महत्व होता है। मुख्य तौर पर तीन चीजों के बिना जन्माष्टमी की सजावट अधूरी मानी जाती है। सबसे पहला नाम लड्डू गोपाल के लिए झूले का आता है। आप कार्ड बोर्ड या लकड़ी की मदद से घर में ही लड्डू गोपाल के लिए पहले से ही उनका आसान तैयार कर सकती हैं। उसे फूलों और लाइट्स की मदद से डेकोरेट भी कर सकती हैं। झूले के बाद पूजा के सजावट में सबसे अहम कृष्ण के सबसे प्रिय मक्खन को रखने वाली हांडी को नाम आता है। इस बार जन्माष्टमी में अपने अपने मंदिर में स्थित झांकी में खास तौर पर इसे शामिल करें। आप आसानी से कुम्भार के यहां या फिर ऑनलाइन छोटी मटकी का आर्डर कर उसे पसंदीदा रंग में रंगकर उस पर गोल्डन लेस और फूल पट्टी से सजा सकती हैं। माखन कृष्ण को पसंद हैं, तो बांसुरी के बिना तो वह अधूरे ही मानें जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि गोपियां कृष्ण के बांसुरी के धुन की दीवानी थी। ऐसे में भी कान्हा भी इसी के माध्यम से राधा को बुलाते थे, तो बांसुरी के बिना यह झांकी बिल्कुल अधूरी है। बाजार में आपको बांसुरी आसानी से मिल जायेगी। इसे सजाने के लिए आप मिरर, रिबन और स्पार्क्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। बांसुरी को और ज्यादा मनमोहक बनाने के लिए इस पर एक मोर का पंख भी लगा लें।
गणपति की थाली को दें पारंपरिक रंग
आरती थाली मतलब परंपरा को दर्शाना, लेकिन आप इससे अपनी क्रिएटिविटी को भी बखूबी सामने ला सकती हैं। यूं तो आप अपनी गणपति पूजा की थाली को बाजार में मिलने वाले रंग,मोती, मिरर से सजा सकती हैं, लेकिन अगर आप चाहें तो इसे पूरी तरह से पारंपरिक रंग दे सकती हैं। इसके लिए सबसे पहले घर में मौजूद कच्चे चावलों को हरे रंग से रंग लें। इन्हें थाली के चारों फैलाकर हरे रंग का बेस बना लें। गौरतलब है कि चावल समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। अब इसके बीचों बीच में लाल रंगोली के पाउडर से स्वस्तिक बनाएं। इसे पूजा में इस्तेमाल होने वाले शुभ मौली धागे से रेखांकित करें। दीया को बीच में रखें। थाली में कुमकुम, चावल, मिठाई को अलग-अलग कटोरी में रखने के लिए आप आटे से छोटी-छोटी कटोरियां धूप में बनाकर सूखा लें और उन्हें लाल या गोल्डन रंग में रंग लें। इसमें आप पूजा से जुड़ी सभी सामग्रियों को अलग-अलग रखकर थाली के लुक को कम्प्लीट कर सकती हैं।
नवरात्र में ऐसे करें सजावट
मौजूदा दौर में नवरात्रि के नौ दिनों में नौ रंगों को पहनने का रिवाज है। इस दौरान पूजा घर को भी आप इस रंग में रंग सकती हैं। नवरात्रि में पूजा घर को प्रतिदिन मां के रूपों के अनुसार अलग-अलग कलर में सजाया जा सकता है। इन नौ दिनों में डेकोरेशन के लिए नौ कलर के फूल, पत्ते और अलग-अलग कलर के कपड़ों का प्रयोग किया जा सकता है। अगर पहला दिन सफेद रंग है, तो आप उस तरह से अपने डेकोरेशन में वह रंग शामिल कर सकती हैं। आप पहले से ही अर्टिफिशियल फ्लावर हर रंग के बना सकती हैं, जिसे आप अपनी क्रिएटिविटी के अनुसार किसी भी फूल या पत्ती का शेप दे सकती हैं। कोशिश करें कि इसमें विविधता हो तो यह नौ दिन के सजावट में भी उभरकर सामने आएगी और आपका मंदिर देखने वालों को हर दिन नए जैसा एहसास करवाएगा। एक बात का आपको ख्याल रखना होगा कि जो भी तैयारी करें, उसमें इस बात का ख्याल रखें कि कोई भी चीज ऐसी इस्तेमाल नहीं होनी चाहिए, जिससे आपको किसी भी तरह का नुकसान हो या कोई चीज गीली रहे और जल्दी खराब हो जाये। इसलिए इस बात को ध्यान में रखना है कि सबकुछ ठीक रहे और आपकी सजावट में कोई भी कमी नहीं दिखे।
दिवाली की कंदील और फूलों की लड़ी ऐसे बनाएं
घर में वेस्ट में निकलने वाली बोतलें और पेपर की मदद से आप दिवाली की सजावट के मुख्य आकर्षण कंदील, लाइट्स और बंधनवार जैसे डेकोरेशन के सामान घर पर ही बना सकती हैं और किफायती और इको फ्रेंडली दिवाली मन सकती हैं। कंदील से शुरुआत करें तो आप मार्केट से बहुत अधिक महंगे कंदील न खरीदें। आप कागज की मदद से खुद से भी खूबसूरत कंदील बना सकती हैं। यूट्यूब पर आपको ढेरों ऐसे वीडियो मिल जाएंगे, जिसमें आप घर में मौजूद सामन से कंदील बना सकती हैं। घर में बना कंदील चूंकि किफायती होगा और आप त्यौहार के शुरू होने से पहले ही इसे बना सकती हैं, तो आप आपने मेन हॉल में ही नहीं, बल्कि घर दूसरों कमरों की बालकनी में भी इसे टांग सकती हैं। लाइट्स के लिए आप अपने घर में पड़े हुए बेकार कांच के बोतलों को लाइट्स के लिए इस्तेमाल में ला सकती हैं। तो गली बार से जब भी आप अपने घर की बोतलों को फेंकने की कोशिश करेंगी, एक बार सोच लीजियेगा कि वे अच्छी तरह से इस्तेमाल में आ सकती हैं, इसलिए इन सबका इस्तेमाल जरूर करें और अपने घर को अलग तरह के रौनक से सजाएं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि यही वह समय होता है, जब आप अपनी क्रिएटिविटी को खूब अच्छे से दर्शा सकती हैं और खुद को भी निखारने में कोई कमी नहीं करेंगी। इसलिए इन टिप्स को जरूर अपनाएं।