महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत देश के 8 शहरों में सुरक्षा की दृष्टि से कड़े नियम बनाए जायेंगे। इसके लिए पुलिस व नगर निगम के ढांचे में सुरक्षा की नजर से दिखाई देने वाली गलतियों को सुधारा जा रहा है। इसके बाद सुरक्षा से जुड़ा हुआ एक मॉडल तैयार करके इसे दूसरे शहरों के लिए भी लागू किया जाएगा। हाल ही में इसे लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक बैठक हुई, जहां पर शहरों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर विचार किया गया। इसी दौरान यह भी सामने आया कि महिला सुरक्षा परियोजना को लेकर निर्भया फंड के तहत 2840,05 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार शहरों में महिला सुरक्षा पर कार्य करने के लिए राज्य सरकार को 888.94 करोड़ मुहैया करायेगी। इसमें लखनऊ, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता को महिलाओं के सुरक्षित शहर बनाया जाएगा, जिसे इस साल के अंत तक पूरा करने की योजना बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि इस सुरक्षा मॅाडल में ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, शौचालय, सड़कों पर रोशनी के साथ महिला पुलिस पेट्रोलिंग की सुविधा दी जाएगी। फिलहाल इस पूरी योजना को लागू करने के लिए 111 पिंक पेट्रोल, 47 पिंक शौचालय, 3625 स्ट्रीट लाइट के साथ 100 पिंक बूथ की स्थापना अभी तक की गई है। इसके साथ ही 10 हजार से अधिक कैमरे की खरीदारी और महिला सिपाहियों की नियुक्ति को मंजूरी भी मिली है। यह भी जान लें कि चेन्नई में साइबर सेल का गठन, 500 बसों में पैनिक बटन के साथ जागरूकता अभियान भी किया जा रहा है। कोलकाता में भी महिला सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे और बायो टॉयलेट की सुविधा दी गई है। उल्लेखनीय है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की यह योजना भविष्य में महिलाओं से जुड़े अपराध मामलों के लिए एक बड़ी पहल है।
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